राम की अयोध्या वापसी

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कौशल्या ने सादगी का जो चोला पति के जाने के बाद ओढा, वह नहीं बदला। अब वह दुकान शहर में ‘कौशल्या रेस्टोरेन्ट’ के नाम से जानी जाने लगी। अपनी आमदनी से वह कुछ दान-पुण्य करती, बचत से भावी बहू के लिए जेवर बनवाती, मन में बेटे की गृहस्थी बसाने का सपना जो आकार लेने लगा था।

स्वतन्त्रता का मूल्य जानें : अपने दायित्व पहचानें

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नि:संदेह भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है किन्तु तमाम गुलामियों की पीड़ाओं को झेलने के बाद १५ अगस्त १९४७ को भारत एक आजाद राष्ट्र के रूप में विश्व फलक पर उभरा| जिन्होंने गुलामी के दंश को सहा है उनके लिए यह आजादी किसी उत्सव से कम न थी|…

नया सवेरा

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“सुबह सूरज ने अपनी पहली दस्तक दे दी थी, रोशनदान से हल्की सुनहरी किरण छनकर लाजो को चेहरे पर बिखरी थी, मानो सहला रही थी, एक नया सवेरा उसे जिंदगी के संघर्ष के लिए हौसला देना चाहती हो। लाजो ने उठकर खिड़की खोली तो देखा दूर आसमान पर सूरज अपनी थकान मिटाकर फिर से नई शक्ति के साथ अपने साम्राज्य को विस्तार दे रहा है।”

दर्द का रिश्ता

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 ‘रणवीर नहीं है तो उनकी जगह उसे ही लेनी होगी| नीलू और उसके बेटे की जिम्मेदारी आखिर उसकी तो है| वह नहीं चाहती जिस हादसे से वह गुजरी उससे नीलू भी गुजरे|         

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