तकनीक से होंगे दिव्यांग सक्षम
आनेवाले दशकों में मानवीय शरीर के अंतर्गत बनावटी या कृत्रिम तकनीक लगाया जाना संभव है। वह शरीर में सहजता से लग जाएगी, तादात्म्य स्थापित कर लेगी। पुराने संस्कृत सुभाषित के अनुसार अंधे देख सकेंगे, बहरे सुन सकेंगे और अपंग ट्रेकिंग करने हेतु जा सकेंगे।