कामयाबी की राह आसान नही लेकिन हौसला हो तो कुछ नामुमकिन नही
किसी पुरुष की सफलता के पीछे नारी का हाथ माना जाता है, पर अफसोस उसी नारी को अपना वजूद स्थापित करने के लिए और एक मुकाम हासिल करने के लिए न जाने कितनी ही अग्निपरीक्षाओं से गुजरना पड़ता है, नारी का जीवन संघर्षमयी होता है। चाहे हालात कैसे भी हो, बचपन, जवानी या फिर बुढ़ापा जीवन के हर पड़ाव पर उन्हें ना चाहते हुए भी पुरुषों पर आश्रित होना पड़ता है। बचपन में लड़कियों को अपने पिता के हर फैसले को मानना पड़ता है।