जैवविविधता संरक्षण का अतुलनीय प्रयोग

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जैवविविधता पर गहराते संकट को लेकर पूरी दुनिया में मच रहे शोर के बीच राजस्थान के जयपुर जिले की दुुदु तहसील के लापोडिया गांव में गांव वालों ने घने जंगल का निर्माण कर पक्षियों की 135 प्रजातिया तथा वृक्षों, पौधों और अन्य प्राणियों की हजारों प्रजातियों को नवजीवन प्रदान किया है।

पर्वतारोही द्वारा भोजवृक्षों को जीवनदान

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पर्वतारोहियों के लिए पहाड़ भले ही फतह करके वाहवाही लूटने  का माध्यम हों, लेकिन उत्तराखंड की पर्वतारोही डॉ. हर्षवंती बिष्ट के लिए वे हर परिस्थिति में संरक्षित करने की प्रकृति प्रदत्त संपदा हैं|

प्रतिभाएं हैं, मौका तो दीजिए

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उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित जौहड़ी गांव में उम्मीद की एक किरण ने करीब डेढ़ दशक पूर्व अंगडाई ली। अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज एवं पेशे से डॉक्टर रहे राजपाल सिंह ने जनसाधारण का खेल बना दिया। आधुनिक सुविधाओं के अभाव में उन्होंने युवाओें के हाथ में लाठी,

 परिक्रमा यात्रा में  दिखा आत्मीय ‘भारत’

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 ‘भारत परिक्रमा यात्रा’ विश्‍वमंगल गो ग्राम यात्रा का अनुवर्तन है जिसके  माध्यम से गाय, ग्राम और प्रकृति संरक्षण को लेकर जनजागरण करने का काम किया गया था| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व अखिल भारतीय सेवा प्रमुख एवं वरिष्ठ प्रचारक सीताराम केदिलाय ने ७१ वर्ष की आयु में गांव को जगाने और गांव की संस्कृति को बचाने के लिए पैदल भारत भ्रमण किया| इसी का यह प्रेरणास्पद लेखा-जोखा है|

‘युगानुकुल ग्रामीण पुनर्रचना’ आवश्यक – डॉ. दिनेश

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने देशभर में युगानुकूल ग्रामीण पुनर्रचना के सराहनीय प्रयोग किए हैं जिनका असर एक हजार से अधिक गांवों में अब साफ देखा जा सकता है। ग्रामवासियों को साथ लेकर स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों को समझने के लिए

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