अंकिता की हत्या और हत्यारे के हाव-भाव के मायने
हमारे देश में कई बार सच बोलना अपराध बन जाता है। दुनिया भर के जिहादी आतंकवादी भय और घबराहट में आतंकवादी घटना को अंजाम नहीं देते हैं। ज्यादातर बिल्कुल मानसिक रूप से राहत भरी अवस्था में स्वयं को आत्मघाती विस्फोटक में तब्दील कर देते हैं। ऐसे आतंकवादियों पर की गई छानबीन बताती है कि उन्हें विशेष आनंद की अनुभूति होती है क्योंकि वह मानते हैं कि अल्लाह के आदेश का पालन कर रहे हैं। शाहरुख के बारे में अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है जिससे मान लिया जाए कि वह किसी तरह के अतिवादी मजहबी कट्टरता से भरा हुआ था। किंतु इस संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता। झारखंड देश में इस्लामी कट्टरवाद और जिहादी आतंकवाद के साथ लव जिहाद की दृष्टि से हमेशा सुर्खियों में रहा है। झारखंड के ही जामताड़ा में अनेक स्कूलों में प्रार्थना के तरीके बदले जाने का मामला सामने आया और वहां मुसलमानों के एक समूह ने कहा कि उनको यहां बहुमत में है तो उनके अनुसार ही प्रार्थना होनी चाहिए।