रानी कमलापति – भोपाल की रूह में बसी एक रानी

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अतीत की आँख से भोपाल के आँचल में गिरे आँसू का नाम है-रानी कमलापति। न वह किसी बड़े साम्राज्य की साम्राज्ञी थीं, न ही किसी प्रसिद्ध राजवंश से उनका नाता था और न ही वे अपने समय की कोई विकट योद्धा थीं। भोपाल से बाहर इंदौर या ग्वालियर में भी…

सहरिया जनजाति की गौरव गाथा

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ग्वालियर-चंबल अंचल में रहने वाली बहुसंख्यक जनजाति 'सहरिया' की गौरव एवं शौर्य गाथाओं का उल्लेख स्वतंत्रता संग्राम के संदर्भ में अपवादस्वरूप ही होता है। लेकिन इतिहास सम्मत तथ्य है कि जब झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने झांसी से निकलकर शिवपुरी जिले के गोपालपुर जागीर में पड़ाव डाला था, तब उन्होंने…

वनवासियों के सच्चे हितैषी और रक्षक बिरसा मुंडा

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  भारत वर्षमे विभिन्न प्रांतो में लगभग 300 जनजातीया है, वे जब अपने संपूतों कीं गौरव गाथा को याद करते हैं तो एक स्वर्णीम नाम उभरता हैं बिरसा मुंडा जिसे जनजाती बंधु बडे प्यार और श्रद्धासे बिरसा भगवान के रुपमें नमन करते हैं |वनवासी समाजने एक नही अनेको रत्न दिये…

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