हिमाचल का गौरवशाली इतिहास

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महर्षि पाणिनि ने पश्चिम हिमालय क्षेत्र के जनपदों का ‘उदीच्य’ नाम से उल्लेख किया है। प्रथम समूह में त्रिगर्त, गब्दिका, युगन्धर, कालकूट, भरद्वाज, कुलूत और कुनिन्द तथा दूसरे समूह में अन्य गणराज्यों के साथ औदुम्बर गणराज्य का उल्लेख है। मुख्यत: ये आयुद्धजीवी गणराज्य रहे हैं। इन सभी गणराज्यों के संदर्भ में वेद, रामायण, महाभारत, मार्कण्डेय पुराण, विष्णु पुराण, पाणिनि की अष्टाध्यायी और बृहत्संहिता में मिले हैं।

हम में शिथिलता आ गयी और विघटन प्रारंभ हुआ !

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विश्वविख्यात अर्थशास्त्री प्रो. अंगस मेडिसन ने अपने “The History of World Economics” में प्रमाणों के आधार पर यह लिखा हैं की सन १००० में भारत विश्व व्यापार में सिरमौर था. पूरे दुनिया में व्यापार का २९% से ज्यादा भारत का हिस्सा था (यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं की आज विश्व…

भारत से चुराए धरोहर को कब लौटाएंगे ये विदेशी?

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भारत से बाहर जा चुकी धरोहर या कलाकृतियां धीरे धीरे ही सही, अब वापस आ रही हैं। इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को ऐसे पुरावशेष लौटाएं हैं जो अलग-अलग समय अवधि के हैं, और ये सदियों पुराने हैं। इन पुरावशेषों में भगवान शिव, भगवान विष्णु और जैन परंपरा आदि से जुड़े 29 तस्वीरें एवं साज-सजा की वस्तुएं हैं। इन पुरावशेषों में से…

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