जनता के आक्रोश का प्रतिक है ‘बॉयकॉट’
किसी घटना, और उस से जुड़े आदमी का नाम याद रखने की ये इकलौती मिसाल नहीं है । ऐसे और भी कई मिलेंगे । जैसे की आपने सत्याग्रह आंदोलन, या गांधी जी पर आधारित फिल्मों में, किताबों में बॉयकॉट शब्द सुना होगा । इसका मतलब भी पता ही है कि "आर्थिक / सामाजिक बहिष्कार" होता है । एक आयरिश एजेंट थे जो अपने मालिक यानि जमींदार साहब की जमीन की देखभाल करते थे । उन्होंने आयरिश समुदाय के भूमि सुधार के नए नियम मानने से इंकार कर दिया था । गुस्से में आयरिश लोगों ने उन्हें दुकानों से राशन या अन्य सौदा बेचना बंद कर दिया, डाकखानों ने उनकी चिट्ठियां ले जाने से मना कर दिया, और भी सारी सामाजिक / आर्थिक बहिष्कार की नीतियां उनपर लगा दी गई । उनका नाम था Charles C. Boycott, लगभग 1850-90 के ज़माने का ही ये किस्सा भी है । उनका नाम भी लोग कभी नहीं भूले, आज भी जब बॉयकॉट करना कहा जाता है तो मतलब बहिष्कार करना ही होता है । ठीक वैसा जैसा Charles C. Boycott के साथ हुआ था और अब बोलीवुड फिल्मों के साथ हो रहा है।