स्वयं प्रकाशित तेजपुंज
शिवाजी पार्क के मैदान पर सुनाई देनेवाले ओजपूर्ण आह्वान ‘शिवतीर्थ पर एकत्रित हुए मेरे हिंदु भाइयों, बहनों और माताओं’ अब सुनाई नहीं देगा। शिवाजी पार्क की मिट्टी को भीड़ का गणित सिखाने वाला एक औलिया नेता अब हमारे बीच नहीं रहा।
शिवाजी पार्क के मैदान पर सुनाई देनेवाले ओजपूर्ण आह्वान ‘शिवतीर्थ पर एकत्रित हुए मेरे हिंदु भाइयों, बहनों और माताओं’ अब सुनाई नहीं देगा। शिवाजी पार्क की मिट्टी को भीड़ का गणित सिखाने वाला एक औलिया नेता अब हमारे बीच नहीं रहा।
लक्ष्मण का व्यंग्य चित्रकार बनना और अखबारों से जुड़ना ऐसी घटना थी जिसे विधाता ने पूर्व निर्धारित कर रखा था। आज कार्टून की दुनिया में लक्ष्मण का जवाब लक्ष्मण ही हैं। संप्रति 85 वर्ष की आयु में, आधा शरीर पक्षाघात के कारण निष्चेष्ट जैसा हो जाने के बावजूद, उनके व्यंग्य चित्रों की धार अक्षुण्ण है।