सुपर पावर : चीन का दिवास्वप्न

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चीन की खुराफातों का अंत नहीं है। अमेरिका के घटते कद के बीच वह अपने आप को ‘सुपर पावर’ समझने लगा है जबकि, चीन के अंदरूनी हालात काफी खराब हैं। तिब्बत, मंगोलिया और शिंजियांग जैसी जगहों पर अनाधिकार कब्जे के कारण कागज पर उसकी भौगोलिक स्थिति काफी सुद़ृढ़ दिखती है…

साम्राज्यवादी चीनी कर्ज का मकड़जाल

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मानव सभ्यता चाहे कितना भी विकास कर लें, उसमें व्याप्त राक्षसी प्रवृतियां आज भी जस की तस है। कमजोर राष्ट्रों को पहले भी शक्तिशाली सेना और हथियारों के बल पर रौंदा गया है और अब भी ऐसा होता है। उद्देश्य वही है, केवल उसका स्वरूप बदल गया है। अब देशों…

आज पाकिस्तान का पाकिस्तान से ही सामना

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भारत को 1947 में विभाजित करके उभरा पाकिस्तान बदहाल क्यों है? वर्ष 1971 में पाकिस्तान जहां दो टुकड़ों में बंट गया, वही आज ब्लूचिस्तान, पख़्तूनिस्तान और सिंध में अलगाववाद के स्वर चरम पर है। आर्थिक रूप से यह इस्लामी राष्ट्र न केवल खोखला हो चुका है, अपितु अपनी देनदारी चुकाने…

चीन के कर्जजाल से हलकान श्रीलंका

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श्रीलंका बुरे दौर से गुजर रहा हैं। कितना बुरा ? पूरे देश के पास सिर्फ आज के लिये पेट्रोल - डीजल हैं। आज १७ मई से देश मे ८०% से ज्यादा निजी बसे चलना बंद हो जाएंगी। श्रीलंका के समुद्री क्षेत्र मे पिछले चालीस दिनों से ३ बडे जहाज, जिनमे…

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