नहीं रहे बॉलीवुड के ‘कलेंडर’

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एक “मासूम” सा दिखने वाला हाँड़-मांस का व्यक्ति सपनों की “मंडी” में आकर “उड़ान” भरने की जिद पालता है और “वो सात दिन” उसकी ज़िन्दगी बदल देते हैं। “सागर” से गहरी उसकी अदाकारी से अवाम “मोहब्बत” करने लगती है। उसका “जलवा” ऐसा बिखरा कि लोगों को उसके होने से “गुदगुदी”…

प्रेम कथाओं के फिल्मकार शक्ति सामन्त

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हिन्दी फिल्में केवल हिन्दी क्षेत्रों में ही नहीं, तो पूरे भारत में लोकप्रिय हैं। इतना ही नहीं, इन्होंने देश से बाहर भी हिन्दी को लोकप्रिय किया है। फिल्मों को इस स्तर तक लाने में जिन फिल्मकारों का महत्वपूर्ण योगदान है, उनमें शक्ति सामंत का नाम बड़े आदर से लिया जाता…

…ऑस्कर, नाम तो सुना ही होगा !!

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विश्व का शायद ही कोई कोना हो जहां इंसान  रहते हों और फिल्में ना देखी  जाती हों। कहीं बड़े धूमधाम से बनती हैं और लोग उनके रिलीज होने का महीनों या सालों इंतजार करते हैं, तो कहीं पर लोग तमाम प्रतिबंधों के बावजूद चोरी-छिपे देख ही लेते हैं। कट्टप्पा ने बाहुबली…

रंगमंच में प्रेम का राग है, तो जुदाई का दर्द भी !

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रंगमंच को अभिनय कला का नशा माना जाता है। जिसने भी इस दुनिया में कदम रखा, रंगमंच उसकी रूह में उतर गया। फिर वह चाहकर भी रंगमंच की दीवानगी से खुद को जुदा नहीं कर सकता। दरअसल, रंगमंच इश्क का एक ऐसा दरिया है जिसकी गहराइयों में जिंदगी बसती है।…

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