भारत में मकर संक्रांति पर्व की विविधता

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संस्कृत प्रार्थना के अनुसार "हे सूर्यदेव, आपका दण्डवत प्रणाम, आप ही इस जगत की आँखें हो। आप सारे संसार के आरम्भ का मूल हो, उसके जीवन व नाश का कारण भी आप ही हो।" सूर्य का प्रकाश जीवन का प्रतीक है। चन्द्रमा भी सूर्य के प्रकाश से आलोकित है। वैदिक…

सभी कर्मों का फल हो जाता है अक्षय

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सभी कर्मों का फल हो जाता है अक्षय, इसलिए यह तिथि कहलाती है, अक्षय तृतीया वैशाख शुक्लपक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया, आखातीज, या आखा तृतीया कहते हैं। इस दिन दिए हुए दान और किए हुए स्नान, होम, जप आदि का फल अनन्त होता है, अर्थात् सभी शुभ कर्म अक्षय…

घर-घर तैयार किए जाते हैं सजावटी फूल

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  एक ऐसा गांव, जहां कागज के फूल खिलते हैं। रंग-बिरंगे कागज से बने फूल मंदिरों से लेकर शादी के मंडप तक की शोभा बढ़ाते हैं। कागज की लड़ी, क्रिसमस ट्री, गुलाब, कमल, सूर्यमुखी, गेंदा, कमल के अलावा और भी बहुत कुछ तैयार किए जाते हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले…

हर्षोल्लास का महापर्व होली

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होलिकादहन में अग्नि की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि अग्नि को परमात्मा का स्वरूप माना गया है। इनकी वन्दना से हमें दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से मुक्ति मिलती है। यदि हम लोग होलिका दहन के सही अर्थ को समझें तो सम्पूर्ण विश्व में आतंकवाद जैसी समस्या ही न रहे क्योंकि यह समस्या मुख्य रूप से दुर्भावना की ही देन है।

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