हो रहा है भारत निर्माण?
स्वाधीनता के बाद आई तीन पीढ़ियों में उठ खड़े होने का जज्बा क्या खत्म हो गया? इस प्रश्न को उठाने का तात्पर्य नैराश्य जगाना नहीं है, लेकिन यह बताना है कि हमें जागृत होना पड़ेगा। समझना पड़ेगा कि देश में विकास के बदले विनाश की स्थिति पैदा करने वालों को कैसे पाठ पढ़ाया जाए। लोकतंत्र में चुनाव के जरिए सीख दी जाती है और यह रणक्षेत्र करीब ही है।