केवल राजभाषा नहीं काजभाषा बने

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देश की स्वतंत्रता के बाद हिंदी को राजभाषा का तो दर्जा दे दिया गया परन्तु राजभाषा के नाते उसे जो गौरव सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं दिया गया। भाषा राष्ट्र की पहचान और सम्मान होती है। यदि उसे हमारे ही देशवासी उचित सम्मान नहीं देंगे तो भला दुनिया में कौन देगा? बावजूद इसके आज दुनियाभर में हिंदी का डंका बज रहा है और वह दुनिया में अंग्रेजी को पछाड़कर सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बन गई है।

जानें हिन्दी दिवस का इतिहास

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देश में सबसे अधिक हिन्दी बोलने वालों की संख्या है और उत्तर भारत के अधिकतर राज्य की यह प्रमुख भाषा है हालांकि इस भाषा का इस्तेमाल देश के उन राज्यों में भी होता है जहाँ हिन्दी भाषी नहीं है या फिर कम हैं। हिन्दी भाषा को देश के अलग अलग…

विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

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"हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा" उर्दू शायर मुहम्मद इकबाल द्वारा देश प्रेम में लिखी यह पंक्ति सभी को याद होगी। इस पंक्ति में यह साफ साफ कहा गया है कि हिन्दी और हिन्दोस्तां ही हमारी पहचान है। हिन्दी हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है…

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