धर्म और मजहब में मूलभूत अन्तर

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धर्म व्यवस्था है। मजहब एक देवदूत या पैगम्बर द्वारा की गई घोषणा है। भारतीय धर्म में 6 प्राचीन षट दर्शन व बुद्ध जैन मिलकर आठ दर्शन सम्मिलित हैं। इसलिए हिन्दू धर्म में अंधविश्वास की जगह नहीं प्रश्न और जिज्ञासा का महत्व है। अनेक विद्वानों ने हिन्दू धर्म द्वारा सबको मिला…

शोक और मृत्यु के भय से परे वास्तविक उद्देश्य

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राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनातें हुए जब शुकदेव जी महाराज को छह दिन बीत गए और तक्षक ( सर्प ) के काटने से मृत्यु होने का एक दिन शेष रह गया, तब भी राजा परीक्षित का शोक और मृत्यु का भय दूर नहीं हुआ। अपने मरने की घड़ी निकट…

निर्गुण और सगुण में भेद होने के बावजूद ईश्वर एक है

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सुमेर की आशाओं पर पानी फिर गया। वह सोचकर आया था कि भगवान के साथ सेल्फी लेगा। परंतु मंदिर में मोबाइल फोन लेकर जाना मना था। उसने मंदिर कार्यालय में जाकर कोशिश की लेकिन अनुमति नहीं मिली। वह दर्शन करने के बाद अपना सा मुंह लेकर लौट रहा था कि…

उत्तरी भारत की संत-परंपरा

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शरीरी तौर पर मनुष्य और सृष्टि के अन्य जीवों में भेद नहीं है। लेकिन मनुष्य की चेतना में शेष प्रति जिज्ञासा भाव उसमें गुणात्मक अंतर उत्पन्न कर उसमें पृथ्वी के अन्य जीवों की तुलना में उर्ध्व स्थान पर प्रतिष्ठित कर देता है। आदि मानव से आधुनिक मनुष्य तक की विकास यात्रा का यही निष्कर्ष है कि अन्य जीवों की भांति मनुष्य नामक प्राणी की दिनचर्या जन्म से मृत्यु के बीच केवल खाने-सोने तक सीमित नहीं रही।

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