संसार की सर्वोपरि शक्ति-आत्मीयता

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संसार में दो प्रकार के मनुष्य होते हैं, एक वे जो "शक्तिशाली" होते हैं, जिनमें "अहंकार" की प्रबलता होती है । शक्ति के बल पर वे किसी को भी डरा धमकाकर वश में कर लेते हैं । कम साहस के लोग अनायास ही उनकी खुशामद करते रहते हैं, किंतु भीतर…

सामाजिक समरसता के प्रेरक संत रविदास

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संत रविदास का जीवन मानव विवेक की पराकाष्ठा का सर्वोत्तम प्रतीक है। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सनातन धर्म के उत्थान तथा भारतीय समाज में उस समय फैली हुई कुरीतियों को खत्म करने में लगा दिया था। उनके शिष्यों में राजपरिवार में जन्मी मीराबाई से लेकर सामान्य जन तक शामिल थे।…

सामने की खिड़की में बैठा वह

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दफ्तर जाने को निकलता हूं कि नजर अपने-आप ऊपर जाती है। मैं रहता हूं उसके पास वाले मकान में पांचवां मंजिल की खिड़की में बैठा होता है। शांति से आने-जाने वाले लोगों को देखता रहता है। सुबह सात से ग्यारह बजे तक तथा शाम को सात से रात के ग्यारह बजे तक खिड़की में बैठने का उसका समय हैं, यह मैं अच्छी तरह से जानता हूं।

सामाजिक समझ पैदा करने वाला गणेशोत्सव

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समाज के अंतिम तबके का समूह ही इस उत्सव के सच्चे कार्यकर्ता होते हैं। इस गणेशोत्सव में इन कार्यकर्ताओं के समर्पित कार्यभाव से ही भविष्य में कुशल सामाजिक तथा राजनीतिक नेतृत्व समाज को मिलता रहा है।

बात दिल पर लगनी चाहिए, तभी तो बात बनेगी।

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पिछाले दो माह से घरों में, रास्तो में, नाकों पर, रेल के डिब्बो में, समाचार पत्रो में, चैनलो पर देश तथा समाज की विभिन्न गंभीर समस्याओं के बारे में चर्चाएँ हो रही हैं।

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