ग्रीष्मावकाश: कला और गुणों को पहचानने का समय
स्कूलों में गर्मी का अवकाश शुरू होते ही बच्चों का अभिभावकों से यही सवाल होता है, मैं बोर हो रहा हूं, मैं क्या करूं? सवाल जितना मासूम और आसान लगता है, उसका हल उतना ही मुश्किल है।
स्कूलों में गर्मी का अवकाश शुरू होते ही बच्चों का अभिभावकों से यही सवाल होता है, मैं बोर हो रहा हूं, मैं क्या करूं? सवाल जितना मासूम और आसान लगता है, उसका हल उतना ही मुश्किल है।
बच्चे देश का भविष्य होते हैं। बच्चे नटखट और शैतान भी होते हैं। बच्चों की इस शैतानियत और ऊर्जा का अगर कोई भी देश सही इस्तेमाल करेगा तो उसे अपनी उन्नति के लिए कल तक का इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा।