हायपरलूप ट्रेन

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महाराष्ट्र तथा आंध्र प्रदेश के बीच सब से तेज रफ्तार वाला हायपरलूप ट्रेन आ रही है। यह ट्रेन एक सुरंग के भीतर से चलेगी और पांच घंटे का अंतर पंद्रह मिनट में काटेगी। आंध्र प्रदेश सरकार ने इसके लिए अमेरिका स्थित हायपरलूप ट्राँस्पोर्टेशन टेक्नॉलजीस नामक कंपनी के साथ करार किया है।

प्लास्टिक और ई-कचरे का संकट

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नई-नई खोजों के साथ हमने प्लास्टिक और ई-उपकरणों की शृंखला खड़ी कर दी है; लेकिन इनसे उत्पन्न होने वाले कचरे के संकट का समाधान नहीं खोजा। यदि सृष्टि को बचाना है तो हमें इसका जवाब खोजना ही होगा।

प्रदूषण के कारण नष्ट हो रहीं जैविक प्रजातियां

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प्रदूषण आज  की एक गंभीर समस्या है| इसकी चपेट में मानव-  समुदाय ही नहीं, समस्त जीव-समुदाय आ गया है| इसके दुष्प्रभाव चारों ओर दिखाई दे रहे हैं|

 कृषि-आधारित ग्रामीण उद्योग

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 किसान अपने नियमित कृषि कार्य के साथ ऐसे अनेक सहायक व्यवसाय कर सकते हैं| आवश्यकता है तो किसी एक व्यवसाय को प्रारम्भ करने की| इसे करते समय एक बात का हमेशा स्मरण रहें- ये सारे सहायक व्यवसाय हैं| अपना मूल व्यवसाय है खेती, क्योंकि हम हैं तो किसान ही ना|

अक्षय ऊर्जा का स्त्रोत सूर्य

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तमसूर्य जगतकर्तारं महादेव: प्रदीपनम् ‘‘ हमारे प्राचीन ग्रथों में सूर्य का महत्व इस प्रकार कहा गया है। सूर्य देव ही विश्व का कर्ता है, सृष्टि के लिए ऊर्जा का मूल स्रोत भी यही है। सूर्य से ही पृथ्वी तथा अन्य ग्रह उत्पन्न हुए हैं। पृथ्वी पर चराचर को सूर्य से ही शक्ति प्राप्त होती है।

जुगाड़ अर्थात प्रगति

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आज तक हमने अनेक ‘इनोवेटर्स’ के बारे में जाना। वस्तुत: ‘इनोवेशन’ कहते किसे हैं यह भी जाना। अब हम ‘जुगाड़’ को एक अलग नजरिये से देखेंगे।

जुगाड़ – एक कलाविष्कार

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इस दुनिया में सब से बड़ा आविष्कार कौनसा यह पूछें तो ‘पहिये-चक्के’ से लेकर रॉकेट तक कितने सारे उत्तर हमें मिलते हैं। फिर भी वैश्विक स्तर के वरिष्ठ वैज्ञानिक, विशेषज्ञ, विचारवान आदि एक चीज को सब से अधिक पसंद करते हैं और वह है रबड़।

प्रलय में नव निर्माण

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जून और जुलाई के बरसाती मौसम में प्रकृतिने फिर एक बार अपनी ताकत सभी को दिखा दी है। केदारनथ की दुर्दशा को हम सभी देख चुके हैं। एक-दो घण्टों में ही सब कुछ तबाह हो गया।

पानी अर्थात जीवन

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बारिश! भगवान का सबसे बड़ा चमत्कार। जल ही जीवन है । इस धरती के प्रत्येक सजीव में 90 प्रतिशत पानी होता है। मछलियां पानी के बिना एक मिनट भी जिन्दा नहीं रह सकतीं। रेगिस्तान का जहाज कहा जाने वाला ऊंट भी भले ही दो हफ्ते पानी न पिये, परन्तु वह पानी का संचय जरूर करता है।

रद्दी में से टिकाऊ

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आदमी ने अभी तक बहुत सारे आविष्कार किये हैं। इन सभी आविष्कारों में से पिछली दो सदियों में हुए आविष्कारों ने मानव जीवन में बड़ा परिवर्तन किया है।

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