महाराष्ट्र के लिए सबक
नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता जरा भी कम नहीं हुई है। कर्नाटक जनता उन्हें देखने के लिए और सुनने के लिए बहुत ज्यादा संख्या में जमा हुई थी । यही स्थिति देशभर में है ।विरोधी पक्षों के एकजुट होने पर ,उनका नेतृत्व कौन करेगा ? उसमें कांग्रेस को कौनसा स्थान रहेगा ? क्या राहुल गांधी का नेतृत्व सारे राजनीतिक दल मान्य करेंगे? ऐसे नाजुक प्रश्न है। यह सच है कि आज तक नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का अखिल भारतीय विकल्प नहीं है । लेकिन यह भी उतना ही सच है कि सभी राज्यों में भाजपा का समर्थ प्रादेशिक नेतृत्व है ऐसा भी नहीं है ।