इन्ही के स्वाभिमान की चिंगारी क्रांति का दावानल बनी

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भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में 1857 की क्रान्ति को सब जानते हैं। यह एक ऐसा सशस्त्र संघर्ष था जो पूरे देश में एक साथ हुआ । इसमें सैनिकों और स्वाभिमान सम्पन्न रियासतों ने हिस्सा लिया । असंख्य प्राणों की आहूतियाँ हुईं थी । इस संघर्ष का सूत्रपात करने वाले स्वाभिमानी सिपाही…

10 मई 1857, जब क्रान्ति का बिगुल बज उठा

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इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारतवासियों ने एक दिन के लिए भी पराधीनता स्वीकार नहीं की। आक्रमणकारी चाहे जो हो; भारतीय वीरों ने संघर्ष की ज्योति को सदा प्रदीप्त रखा। कभी वे सफल हुए, तो कभी अहंकार, अनुशासनहीनता या जातीय दुरभिमान के कारण विफलता हाथ लगी। अंग्रेजों को…

जयंती विशेष: पल्टू शेख जिसकी वजह से मंगल पांडे को हुई थी फांसी

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देश की आजादी के इतिहास को जब भी पढ़ा जाता है तब मंगल पांडेय नाम सुनहरे अक्षरों में नजर आता है। वह देश के ऐसे योद्धा थे जिन्होने लोगों को गुलामी से हट कर कुछ सोचना सिखाया और लोगों के मन में स्वतंत्रता की आग पैदा की हालांकि उन्हें इसकी…

सन 1857 का स्वातंत्र्य समर

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अंग्रेज इतिहासकारों की यह धारणा भ्रमपूर्ण है कि स्वधर्म और स्वराज्य का अधिष्ठान रखकर सन 1857 ई. में प्रारम्भ हुए रणयज्ञ का संकल्प लार्ड डलहौजी के कार्यकाल में लिया गया था।

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