सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान, कारूलकर प्रतिष्ठान

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टीम कारुलकर प्रतिष्ठान अपने संपूर्ण संवाद नामक अभियान से भारतीय सांकेतिक भाषा (Indian Sign Language) के बारें में जागरुकता फैलाने का काम कर रहा है और सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान प्रस्तुत कर रहा है जो मूकबधिर लोगों की पहली भाषा है। आइए इस गणतंत्र दिवस पर, अपने कॉर्पोरेट ऑफिस को…

स्वतन्त्रता का मूल्य जानें : अपने दायित्व पहचानें

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नि:संदेह भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है किन्तु तमाम गुलामियों की पीड़ाओं को झेलने के बाद १५ अगस्त १९४७ को भारत एक आजाद राष्ट्र के रूप में विश्व फलक पर उभरा| जिन्होंने गुलामी के दंश को सहा है उनके लिए यह आजादी किसी उत्सव से कम न थी|…

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