भगवान श्रीनाथजी के भक्त कुम्भनदास जी

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एक भक्त थे कुम्भन दास जी, गोवर्धन की तलहटी में रहते थे । एक बार की बात है कि भक्त कुम्भन दास जी भगवान श्रीनाथजी के पास गये जाकर देखा कि श्रीनाथजी अपना मुँह लटकाये बैठे हैं । कुम्भन दास जी बोले - प्रभु क्या हुआ है, मुँह फुलाये क्यों…

आगम ग्रंथों में राम और उनके चरित्र के चिंतन

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हमारी संस्कृति पेगस ग्रीस की तरह बौद्धिक संस्कृति नहीं है, यह पुराने चीन की तरह नैतिकता की भी संस्कृति नहीं। भारत एक आध्यात्मिक संस्कृति है। इस आध्यात्मिक संस्कृति का प्रस्थान बिन्दु 'साधना' है। इसी साधना का उद्घोष 'अथातो ब्रह्म जिज्ञासा', 'अथातो धर्म जिज्ञासा' तथा 'अथातो शक्ति जिज्ञासा' के माध्यम से…

महावीर जयंती: क्या हैं पंचशील सिद्धांत?

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भगवान महावीर के जन्मदिवस के अवसर को हम महावीर जयंती के रूप में मनाते है। भगवान महावीर जैन धर्म के अंतिम आध्यात्मिक गुरु थे जिन्हे आज भी पूरी श्रद्धा के साथ पूजा जाता है और उनके उपदेशों का पालन किया जाता है। भगवान महावीर का जन्म आज से करीब ढाई…

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