मुंबई में बढ़ता वायु प्रदूषण और बीमारियां

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वृक्षों की अंधाधुन कटाई और मृदा क्षरण की वजह से देश में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। सरकार एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किए गए प्रयास ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं। यदि समय रहते इस पर रोकथाम लगाने का प्रयास नहीं किया गया तो आगे चलकर…

प्रकृति बेचारी, विकास की मारी, हर चुनाव हारी!

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सच में प्रकृति की अनदेखी वो बड़ी भूल है जो पूरी मानवता के लिए जीवन, मरण का सवाल है। बस वैज्ञानिकों तक ज्वलंत विषय की सीमा सीमित कर कर्तव्यों की इतिश्री मान हमने वो बड़ी भूल या ढिठाई की है जिसका खामियाजा हमारी भावी पीढ़ी भुगतेगी। इसे हम जानते हैं,…

सूखती नदियां, मिटते पहाड़ हमें कहां ले जाएंगे?

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प्रदूषित होती नदियां जितनी चिन्ता का विषय हैं उससे बड़ी चिन्ता वो मानव निर्मित कारण हैं जो इनका मूल हैं। निदान ढूंढ़े बिना नदियों के प्रदूषण से शायद ही मुक्ति मिल पाए। भारत में अब इसके लिए समय आ गया है जब इसके लिए जागरूक हुआ जाए। लोग स्वस्फूर्त इस…

नदियों में बहती विष-धाराएँ

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पर्यावरण की सुरक्षा आज इस देश की सबसे बड़ी समस्या है। अब आज और कल केम मनुष्य का अस्तित्व इसी पर निर्भर है। संतोष की बात है, इस सन्दर्भ में न्यायालय महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं लेकिन यह जनता का भी काम है कि वह अपनी नदियों को साफ-सुथरा रखे।

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