नवसंवत्सर पर सिंध को भारत से जोड़ने की लें प्रतिज्ञा

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अखंड भारत के पश्चिम में एक मजबूत, सम्पन्न एवं आकर्षक प्रांत हुआ करता था, जिसका नाम था सिंध। मजबूत इस दृष्टि से कि अरब देशों से मुस्लिम आक्रांता जब भी भारत पर आक्रमण करते थे तो सिंध प्रांत ही अरब आक्रांताओं का दिलेरी के साथ सामना करता था एवं उन्हें…

अद्भुत योद्धा हरिसिंह नलवा

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भारत पर विदेशी आक्रमणकारियों की मार सर्वप्रथम सिन्ध और पंजाब को ही झेलनी पड़ी। 1802 में रणजीत सिंह विधिवत महाराजा बन गये। 40 साल के शासन में उन्हें लगातार अफगानों और पठानों से जूझना पड़ा। इसमें मुख्य भूमिका उनके सेनापति हरिसिंह नलवा की रही। 1802 में उन्होंने कसूर के पठान…

पाकिस्तान में हिंदू धर्म स्थलों पर हमला

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पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची के नारायणपुरा क्षेत्र स्थित जोग माया मंदिर में हुई हिंसा विश्व समुदाय के लिए चिंता का कारण होना चाहिए। एक शख्स हथौड़ा लेकर आया और मां जोग माया की मूर्ति को तोड़ना शुरू कर दिया। एक महिला के शोर मचाने पर लोग एकत्रित…

सिंधियों का पाकिस्तान में रहना दूभर हो गया

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विश्व सिंधी कांग्रेस सिंधियों की अस्मिता के लिए बरसों से आंदोलन चला रही है। ‘जिये सिंध की महज’ नामक संगठन ने 1971 में फाकिस्तान से मुक्ति के लिए ‘जिये सिंध’ आंदोलन भी चलाया था, जो समय के साथ ठण्डा फड़ गया है; लेकिन सिंधियों की अस्मिता की खोज कभी खत्म नहीं हुई।

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