भारतबोध जागृत हो रहा है

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पिछले कुछ महीनों से भारतीय समाज में एक परिवर्तन दिखाई दे रहा है। इसे कुछ लोग सामाजिक ध्रुविकरण कह रहे हैं, कुछ लोग बंटवारे की राजनीति कह रहे हैं, कुछ लोग गंगा-जमुनी संस्कृति पर प्रहार मान रहे हैं। कर्नाटक में हिजाब प्रकरण के बाद हिंदू युवाओं द्वारा भगवा गमछे ओढ़ना,…

बदलाव की बयार चल रही है

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जब मैं लोगों से बात करता हूं कि प्रमुख परिवर्तन क्या होना चाहिए तो वे मुख्य रूप से तीन बातें कहते हैं। एक कि इस भ्रष्टाचार को मिटा दीजिए; हम इससे तंग आ गये हैं। दूसरी बात वे कहते हैं कि हमारे देश की अर्थ व्यवस्था में सिर्फ श्रेष्ठ लोगों को मौका मिल रहा है।

सामाजिक बदलाव

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महान दार्शनिक सुकरात ने कहा था, ‘‘अज्ञानता सारी बुराइयों की जड़ है। ज्ञान साधना है, तपस्या है और ईश्वर की सुन्दर देन है।’’ बिल्कुल सही है। ज्ञान मानव को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाली उदात्त शक्ति है।

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