ग्रीष्मावकाश: कला और गुणों को पहचानने का समय

Continue Readingग्रीष्मावकाश: कला और गुणों को पहचानने का समय

स्कूलों में गर्मी का अवकाश शुरू होते ही बच्चों का अभिभावकों से यही सवाल होता है, मैं बोर हो रहा हूं, मैं क्या करूं? सवाल जितना मासूम और आसान लगता है, उसका हल उतना ही मुश्किल है।

बटुकनाथ की विद्वता

Continue Readingबटुकनाथ की विद्वता

कहने को तो उपर्युक्त ग्रन्थ को लेखक ने एक संशयग्रस्त, किंकर्त्तव्यविमूढ़, जिज्ञासु की अनवरत चलने वाली आध्यात्मिक यात्रा कहा है, पर अपने विशाल भक्त समुदाय द्वारा अवतार-पुरुष माने जाने वाले श्री सत्य साई बाबा की गीता की व्याख्या को देश की पारम्परिक दिव्य संस्कृति के एक सार्थक अलंकार के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

End of content

No more pages to load