बैरी भये पालनहार
‘बेटों ने तो गांव में भी कुछ नहीं छोड़ा है, मेरे लिए। वापस जाऊंगा तो लोगों को क्या कहूंगा। इसलिए...
‘बेटों ने तो गांव में भी कुछ नहीं छोड़ा है, मेरे लिए। वापस जाऊंगा तो लोगों को क्या कहूंगा। इसलिए...
‘‘प्रकाश को बीच में आया देखकर मंगलसिंह समझ गए थे कि युद्ध का कमान अब पुरानी पीढ़ी से हट कर...
‘‘अपने अधीनस्थ अधिकारियों की बात सुन कर शशांक का ईमानदारी से नौकरी करने का भ्रम टूट गया| वह उस दोराहे...
सौरभ और गीता की बातें सुन शांति की आंखों में आंसू आ गए। दिल बोल उठा, जिनका खून का कोई...
सीमा और प्रकाश का परिवार बरसों से शहर के एक ही मोहल्ले में रह रहा था। पर उन दोनों का...
गोपाल के पिता की आर्थिक स्थिति ठीक न थी, फिर भी उसके पिता की इच्छा थी कि उसे पढ़ा-लिखा कर...
पढ़ाई समाप्त करते ही मेरे सामने मुसीबतों का पहाड़ गिर पड़ेगा, काश! यह जानता तो शायद हर वर्ष परीक्षा में...
इसे शिवचरण का लड़कपन कहा जाये या उसकी देशभक्ति, जब वह मात्र पन्द्रह वर्ष की वय में तिरंगा लेकर बयालिस...
कहने को तो उपर्युक्त ग्रन्थ को लेखक ने एक संशयग्रस्त, किंकर्त्तव्यविमूढ़, जिज्ञासु की अनवरत चलने वाली आध्यात्मिक यात्रा कहा है,...
कितनी भी जल्दी की जाय, आफिस पहुँचते में देर हो ही जाती है। घर से यदि जल्दी निकला जाय तो...
मंगरुवा और समय चाहे जहां रहे, लेकिन रात को खाने के समय थाली लेकर जरूर पहुंच जाता था। कौशल्या भी...
अपने अधीनस्थ अधिकारियों की बात सुनकर शशांक का ईमानदारी से नौकरी करने का भ्रम टूट गया। वह उस दोराहे पर...
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