ब्रज में होली के आनंद में झूमे लोग

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वृन्दावन, ब्रजमंडल में सवा महीने तक चलने वाले फाग महोत्सव का शुभारंभ बसंत पंचमी के दिन होली का ढांड़ा गड़ने के साथ हो जाता है। ब्रज के इतिहास में होली का त्योहार महापर्व के रूप में मनाया जाता है। ब्रज की होली का प्राचीन स्वरूप व इतिहास यहां के रसिक…

उत्तर प्रदेश में धार्मिक केंद्रों के विकास पर बल

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अयोध्या और काशी के बाद अब प्रदेश सरकार मथुरा, वृंदावन में भी भव्य कॉरिडोर बनाने की ओर अग्रसर है इसके साथ ही प्रदेश में तीर्थयात्राओं को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सभी छोटे व स्थानीय महत्व के धार्मिक स्थलों का विकास भी किया जा रहा है, जिससे तीर्थ यात्राओं…

भारत में बसंतोत्सव – तन रंग लो जी मन रंग लो

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आज बिरज में होरी रे रसिया, आज बिरज में होरी रे रसिया कौन के हाथ कनक पिचकारी, कौन के हाथ कमोरी रे रसिया। कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी, राधा के हाथ कमोरी रे रसिया। होली के दिनों में यह गीत होली का एक प्रतीक गीत बन जाता है। होलिका दहन…

हर्षोल्लास का महापर्व होली

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होलिकादहन में अग्नि की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि अग्नि को परमात्मा का स्वरूप माना गया है। इनकी वन्दना से हमें दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से मुक्ति मिलती है। यदि हम लोग होलिका दहन के सही अर्थ को समझें तो सम्पूर्ण विश्व में आतंकवाद जैसी समस्या ही न रहे क्योंकि यह समस्या मुख्य रूप से दुर्भावना की ही देन है।

वृन्दावन में आयी फूल बंगलों की बहार

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मन्दिर हो या कोई उत्सव अथवा शादी‡ब्याह, फूलों का श्रंगार हर जगह की शान है। श्रंगार में तरह‡तरह के फूलों का अलग‡अलग महत्व होता है। फूल श्रंगार में चार चांद लगा देते हैं।

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