भोजन के तुरंत बाद क्यों करना चाहिए वज्रासन?

Continue Readingभोजन के तुरंत बाद क्यों करना चाहिए वज्रासन?

  देश का हर दूसरा व्यक्ति बढ़ते पेट की समस्या से परेशान है कुछ लोग इस पर ध्यान नहीं देते है जबकि कुछ लोग पेट को अंदर करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं लेकिन फिर भी उनका पेट कम होने का नाम नहीं लेता है। अब अगर समस्या कम…

कमर दर्द के लिए खास 5 योगासन

Continue Readingकमर दर्द के लिए खास 5 योगासन

भारत एक कृषि प्रधान देश है लेकिन यह अब धीरे धीरे व्यवसाय प्रधान होता जा रहा है। कृषि भूमि पर तेजी से कंपनी और मॉल बनने लगे हैं। देश के युवाओं का सपना अब ऑफिस में जाकर लैपटॉप पर काम करने का होने लगा है लेकिन इन सब के बीच…

शिव-समर्थ योग प्रदाता पुस्तक

Continue Readingशिव-समर्थ योग प्रदाता पुस्तक

‘राष्ट्रगुरु समर्थ रामदास और छत्रपति शिवाजी महाराज’ मराठी के जाने माने लेखक, वक्ता, आध्यात्मिक चिंतक श्री सुनीलजी चिंचोलकर की बहुचर्चित एवं सम्मानित पुस्तक ‘चिंता करितो विश्वाची’ का हिंदी अनुवाद जबलपुर के समर्थ भक्त श्री सुरेश तोपखानेवाले ने किया है, जो कि हिंदी भाषियों के लिए अनुपम उपहार है।

अस्थि रोगों में लाभकारी मत्स्यासन

Continue Readingअस्थि रोगों में लाभकारी मत्स्यासन

- समतल भूमि पर कंबल बिछाकर पद्मासन में बैठ जाएं। दोनों पैर सामने की ओर फैलाएं। अब दोनों हाथों से दाहिने पैर को घुटने से इस प्रकार मोड़ें कि एड़ी उदर भाग से सट जाएं और पंजे की उंगलियां जांघ के बाहरी भाग तक फैली रहे।

संतों के सामाजिक सरोकार

Continue Readingसंतों के सामाजिक सरोकार

बाबा रामदेव के अनशन से जिनके स्वार्थों फर आंच आ रही थी, ऐसे अनेक नेताओं ने यह टिपफणी की, कि बाबा यदि संत हैं, तो उन्हें अर्फेाा समय ध्यान, भजन और फूजा में लगाना चाहिए। यदि वे योग और आयुर्वेद के आचार्य हैं, तो स्वयं को योग सिखाने और लोगों के इलाज तक सीमित रखें। उन्हें सामाजिक सरोकारों से कोई मतलब नहीं है।

End of content

No more pages to load