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अल्लादीन और उसका जादुई चिराग

अल्लादीन और उसका जादुई चिराग

by हिंदी विवेक
in कहानी
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बहुत समय पहले अफ़ग़ानिस्तान के छोटे से शहर में मुस्तफा नाम का दर्जी रहता था | वो बहुत गरीब था जो बड़ी मुश्किल से अपना परिवार चला पाता था | उसके साथ उसकी पत्नी और उसका बेटा अल्लादीन रहता था | वो अक्सर शहर की गलियों में घूमता रहता था | उसके पिता ने उसको दर्जी का काम सिखाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो सीख नही सका और कुछ महीनों बाद उसके पिता की बीमारी मौत हो गयी | पिता की मौत के बाद माँ ने उसकी परवरिश की थी | माँ उसे बहुत प्यार से रखती थी लेकिन वो एक जिद्दी लड़का  था | मुस्तफा की पत्नी ने वो दूकान बंद कर दी और दूकान के सारे सामान बेच दिए | अब उसकी माँ ने कपास बुनने का काम चालू कर दिया और उसी से दोनों माँ बेटे को दो वक़्त की रोटी मिल पाती थी | अब अल्लादीन (Aladdin) 15 साल का हो गया था |

एक दिन अल्लादीन (Aladdin) घर से बाहर गलियों में घूम रहा था तभी उसे एक अजनबी उसके पास आया | वो अजनबी एक जादूगर था और उसे अल्लादीन की सारी खुबिया पता थी और वो अपनी एक साजिश पुरी करने के लिए अल्लादीन की खोज में लगा हुआ था | उसने अल्लादीन के बारे में जानकारी पहले ही पता कर रखी थी और वो अल्लादीन के पास जाकर बोला “क्या तुम मुस्तफा दर्जी के बेटे हो “| अल्लादीन बोला “हां . लेकिन मेरे अब्बा तो बहुत समय पहले मर गये थे ” | अल्लादीन उसके साथ हमदर्दी जताते हुए कहा “अरे मेरे बच्चे , मै तुम्हारा चाचा हु , तुम्हारे पिता मेरे सगे बड़े भाई थे , मै उनकी मौत की खबर सुनकर बहुत दुखी हुआ ” | इसके बाद उसने अल्लादीन को कुछ अशर्फिया दी और कहा “अब तुम घर जाओ और अपनी माँ को कहना कि मै कल तुम्हारे घर आऊंगा ”

अल्लादीन (Aladdin) घर गया और उसने माँ से पूछा “माँ , मेरे कोई चाचा है क्या ?” माँ ने जवाब दिया “नही बेटा , तुम्हारे पिता का तो कोई दूर दूर से भाई नही था “| तब अल्लादीन ने कहा “लेकिन मुझे आज एक आदमी मिला जो अपने आप को मेरा चाचा कह रहा था और उसने मुझे अशर्फिया भी दी है और कल घर पर भी आने को कहा है ” | अल्लादीन की माँ ने कहा “शायद कोई तुम्हारे जज्बात के साथ खेल रहा है ऐसा बिलकुल नही हो सकता है ” | अगले दिन जब अल्लादीन शहर में घूम रहा था तब वो जादूगर वापस मिला और उसे दो सोने की अशर्फिया देकर कहा “बेटा , इसे तुम्हारी माँ को दे देना और मै शाम को खाने के लिए तुम्हारे घर पर आ रहा हु ”

अल्लादीन घर गया और उसने अपनी माँ को बताया| उसकी माँ ने ने खाना तैयार कर दिया | शाम को जादूगर अल्लादीन के घर पर आया और साथ में खाने पीने की चीजे भी साथ लेकर आया | अब अल्लादीन की माँ ने जादूगर से पूछा “अगर आप अल्लादीन के चाचा है तो मैंने तो आपको कभी नही देखा और अल्लादीन के अब्बा ने भी कभी आपके बारे में नही बताया “| अब जादूगर बोला “भाभी , आप मुझे कैसे देख सकती हो क्योंकि 40 साल पहले ही मै बड़े भाई के साथ झगड़ा होने के कारण घर छोडकर बगदाद व्यापार के लिय चला गया और बड़े भाई ने भी नाराजगी में मुझे भूल गये और किसिको नही बताया होगा , मुझे अपनी भाई के मौत के बारे में सुनकर बहुत दुखी हुआ इसलिए मै यहा आया  ” |  अब जादूगर की ऐसी बातो को सुनकर अल्लादीन की माँ को विश्वास करना पड़ा |

जादूगर ने अल्लादीन (Aladdin) की माँ से पुछा “अल्लादीन क्या काम करता है ” | अल्लादीन की माँ ने रोते हुए कहा “वो कुछ नही करता है और उसके पिताजी की मौत के बाद हमारे पास घर चलाने के किये बिलकुल पैसा नही रहा , अब मुझे समझ नही आ रहा कि मै क्या करू “| जादूगर ने अल्लादीन की माँ को सांत्वना देते हुए कहा “भाभी ,आप चिंता मत करो , मै उसकी मदद करूंगा और उसके लिए एक दुकान खरीदूंगा ताकि वो इज्जत की जिन्दगी जी सके “| अल्लादीन ये सुनकर काफी खुश हुआ | अगले दिन जादूगर अल्लादीन के लिए नये कपड़े लेकर आया और अल्लादीन की माँ को भी अब उस पर विशवास होने लग गया था | अब जादूगर ने अल्लादीन की माँ को कहा “भाभी , मै इसे कल मेरे घर पर ले जाना चाहता हु , जहा मै इसे दूकान लगाने के लिए धन देकर शाम तक वापस भेज दूंगा ” | अल्लादीन की माँ राजी हो गयी |

अब अगले दिन जादूगर अल्लादीन (Aladdin) को लेकर निकल पड़ा और शहर से बहुत दूर लेकर चला गया | रास्ते में कहानिया सुनाते सुनाते वो अल्लादीन को एक घाटी तक ले आया और एक जगह पर आकर रुक गया | वो जगह बहुत डरावनी थी और जादूगर ने कुछ मन्त्र पढ़े तभी एक पत्थर वहा पर बाहर निकला| अल्लादीन एकदम ये देखकर घबरा गया और भागने लगा तभी जादूगर ने उसे रोक लिया | अब जादूगर ने पत्थर घुमाया और एक सुरंग का दरवाजा खुला जो जमीन के 4-5 फीट अंदर था | जादूगर ने अल्लादीन को कहा “”बेटा , डरो मत , इस सुरंग के अंदर एक छुपा हुआ खजाना है जिसे केवल तुम ला सकते हो और मै उसको छु भी नही सकता हु

अल्लादीन (Aladdin) ये सुनकर बहुर खुश हुआ और पूछने लगा “चाचा मुझे इस खजाने को पाने के लिए क्या करना होगा ” | जादूगर ने बताया “बेटा, मै तुमको रस्सी के सहारे इस सुरंग में उतार दूंगा, ये  सुरंग एक भूलभुलैया है और तुम्हे इस सुरंग में एक जलता हुआ चिराग ढूँढना पड़ेगा और जब तुम्हे चिराग को ढूंड लो तो तुम्हे खजाना भी मिल जाएगा , रास्ते में जाते वक़्त दीवारों को मत छूना वरना तुम वही मर जाओगे , एक बात जरुर याद रखना , चिराग को लाना मत भूलना क्योंकि   चिराग के बिना तुम वापस बाहर नही आ सकते हो ”

अल्लादीन (Aladdin) रस्सी के सहारे उस सुरंग में उतर गया और रास्ते में भुत-प्रेतों का सामना करते हुए चिराग तक पहुच गया | उसकी माँ के दिए हुए तावीज ने उसकी रक्षा की थी |  चिराग के पास पहुचने के बाद उसने जैसे ही चिराग को बुझाया तभी धरती हिलने लग गयी | अल्लादीन ने चिराग और वहा पर पड़े कुछ जवाहरातो को एक थैले में भरकर भागता हुआ वहा से निकला | वहा से निकलकर वो उस सुरंग के दरवाजे तक पंहुचा जहा से वो अंदर आया था | अब उसने अपने चाचा को रस्सी फेंकने के लिए कहा तो जादूगर ने कहा “बेटा , तुम पहले चिराग मुझे दे दो  फिर मै तुम्हे उपर चढ़ा दूंगा ” | लेकिन अल्लादीन में गुस्से में कहा “पहले आप मुझे चढ़ा दीजिये फिर जो चाहे आप ले लेना ” | अल्लादीन बिना जादूगर की मदद से उपर नही आ सकता था | जादूगर ने कई बार उस चिराग देने को कहा लेकिन उसको उसपे विश्वास नही हो रहा था |  अब जादूगर को गुस्सा आ गया और उसने उस सुरंग को अपनी जादुई शक्ति से वापस बंद कर दिया |

उस जादूगर ने इस चिराग के बारे में अफ्रीका में रहते हुए सुना था इसलिए वो यहा पर आया | वो ये भी जानता था कि उस चिराग को केवल अल्लादीन ही ला सकता है और इससे पहले इस सुरंग में जाने वाला कभी वापस नही आया | वो अपने चिराग का राज भी किसी को बताना नही चाहता था | अब वो उस सुरंग को बंद करके वापस अफ्रीका चला गया | अब बेचारा अल्लादीन अंदर ही रह गया था और अपनी किस्मत पर  रोने लग गया और उसने सोचा कि उसका चाचा धोखेबाज निकला | अल्लादीन मदद के लिए बहुत चिल्लाया लेकिन उस सुनसान जगह पर उसकी मदद के लिए कोई नही आया |
दो दिनों तक भूखा प्यासा उस सुरंग में रहा और उधर उसकी माँ उसकी चिंता करने लगी थी |

अब उसने अपनी माँ के दिए हुए तावीज को हाथ लगाते हुए अल्लाह को याद किया और उसकी शक्ति से सुरंग से आख़िरकार बाहर आ गया | अब वो अपने साथ उस चिराग को भी लेकर थका हारा घर चला गया | उसने अपनी माँ को  उस धोकेबाज आदमी के पुरी कहानी सुनाई | अगले दिन अल्लादीन उठा और माँ को खाने के लिए कहा | माँ ने कहा बेटा , घर में खाना बिलकुल नही बचा मुझे काम पर जाकर पैसे लाने पड़ेंगे ” | तभी अल्लादीन ने कहा “माँ , इस बेकार और पुराने चिराग को बेचकर अपने लिए कुछ खाना खरीद लेंगे ” | अब अल्लादीन की माँ ने कहा “बेटा इस चिराग की हालत तो बहुत खराब है , इसको  जरा साफ़ करदे , जिससे इसकी कीमत थोड़ी ठीक मिल जायेगी ”

अब अल्लादीन (Aladdin) उस चिराग को कपड़े से साफ़ करने लगा तभी उस चिराग में से एक धुआ निकला और वो एक जिन्न के रूप में सामने आ गया | विशाल जिन्न को देखते ही अल्लादीन की माँ बेहोश हो गयी लेकिन अल्लादीन जगा रहा | अब उस जिन्न ने कहा “क्या हुक्म है मेरे आँका ” | अल्लादीन ने कहा “तुम हमारे लिए क्या कर सकते हो ” | जिन्न बोला “आप जो चाहे वो मै आपके लिए कर सकता हु ” | अल्लादीन बोला “क्या तुम हमारे लिए खाना ला सकते हो ” | जिन्न ने हामी भरी और उसी वक़्त गायब हो गया और कुछ देर बाद ढेर सारा खाना लेकर वापस आ गया |

अब अल्लादीन के माँ को होश आ गया था और उसने अपनी माँ को उस जादुई जिन्न के बारे में बताया |अल्लादीन और उसकी माँ इतना सारा खाना देखकर बहुत खुश हो गये और बैठकर खाना खाया | उसने अपनी माँ को बताया कि जिन्न उन पर कोई नुकसान नही पहुचायेगा |  अब उसने जिन्न को कहकर बहुत सारा पैसा भी मंगा लिया | वो शहर वालो को यही कहता था कि उसके चाचा ने सारी सम्पति उसके नाम कर दी है |

एक दिन अल्लादीन (Aladdin) उसके शहर में आयी राजकुमारी बदरूलबदूर को देखकर उस पर मोहित हो गया | वो उसको मन ही मन इतना प्यार करने लग गया कि उससे शादी करने के बारे में सोचने लगा लेकिन उसे पता था कि राजकुमारी एक दर्जी से कैसे शादी कर सकती है | उसने चिराग घिसकर जिन्न को बुलाया और कहा “ए मेरे दोस्त , मुझे राजकुमारी से प्यार हो गया है और तू जानता है कि सुल्तान अपनी बेटी की शादी मुझे कभी नही करेगा इसलिए मै चाहता हु कि तुम मेरे लिए रेगिस्तान में एक सुंदर महल बनाओ ताकि मै सुल्तान की बराबरी कर शादी का प्रस्ताव लेकर जा सकू  ” | जिन्न ने रेगिस्तान में एक सुंदर विशाल महल बना दिया और अल्लादीन को उस महल में ले गया | उस महल में उसके लिए उसने दास दासिया और नगरवासी भी ला दिए | अल्लादीन महल देखकर बहुत खुश हुआ और उस महल का नाम गुलिस्तान रखा और खुद को गुलिस्तान का राजा बना दिया |

अब अल्लादीन ने अपनी माँ को सुल्तान के पास राजकुमारी के साथ शादी का प्रस्ताव लेकर भेजने को कहा | अल्लादीन ने सुल्तान को कई कीमते जवाहरात भेंट किये जिसे देखकर सुल्तान शादी के लिए राजी हो गया | अल्लादीन की राजकुमारी से शादी हो गयी और उसे वो अपने महल में लेकर आ गया | उस महल को देकर राजकुमारी के आश्चर्य का ठिकाना नही रहा | अब अल्लादीन और उसकी पत्नी खुशी खुशी रहने लगे |  उधर जादूगर को भी अल्लादीन और चिराग के बारे में पता चल गया और वो उसको ढूंढते ढूंढते उसके गुलिस्तान तक पहुच गया |

एक दिन अल्लादीन शिकार के लिए गया हुआ था और उधर वो जादूगर शहर में चिराग बेचने वाला बनकर आया |  वो अल्लादीन के महल के बाहर आकर जोर जोर से चिल्लाने लगा “पुराना चिराग दो और नया चिराग ले जाओ ” | अल्लादीन की पत्नी ने जब सुना तो उसकी एक दासी ने उसको बताया कि उसने तहखाने में एक पुराना चिराग देखा और इसे बेचकर नया चिराग ख्ररीद लेते है | अल्लादीन को पत्नी को उस जादुई चिराग के बारे में पता नही था और अल्लादीन की पत्नी ने उस जादूगर से नया चिराग खरीदकर अल्लादीन का जादुई चिराग दे दिया | अब उस चिराग को पाकर उस जादूगर की खुशी का ठिकाना नही रहा |

अब वो शहर से दूर उस चिराग को लेकर गया और उसे घिसा | उसमे से वही जिन्न निकला और उसने वापस वही कहा “क्या हुक्म है मेरे आँका ” क्योंकि ये चिराग जिसके पास होता था जिन्न उसी का गुलाम हो जाता था | जादूगर ने गुलिस्तान को उठाकर अफ्रीका में ले जाने को कहा | जिन्न ने अपने मालिक की बात मानते हुए ऐसा ही किया और राजकुमारी सहित पूरा महल उठाकर अफ्रीका ले जाकर रख दिया | उसी दिन सुल्तान का वजीर आया और उसे वो जगह एकदम खाली दिखी | उसने सुल्तान को जाकर बताया कि “सुल्तान , आपकी बेटी गायब है और वो महल भी वहा पर नही है ,मैंने आपको पहले ही कहा था कि ये सब जादू का कमाल है  ” |

उधर जब अल्लादीन वापस शिकार से लौट्कर आया तो वहा खाली रेगिस्तान था |  उशर सुल्तान ने अपने आदमी भेजे और अल्लादीन को बंदी बनवा लिया | सुल्तान ने अल्लादीन को पूचा “बता मेरी बेटी कहा है , वरना मै तेरा सर कलंक करवा दूंगा ” | अल्लादीन ने कहा “अप मुझे 40 दिन की मोहलत दीजिये मै आपकी बेटी को ढूंढ़कर लाऊंगा ” | सुल्तान ने उसे रिहा क्र 40 दिन का समय दिया और उसको खूब ढूढा लेकिन वो कही नही मिली | दर दर भटकने के बाद एक मौलवी ने उसकी मदद की और उसने उसे जादुई कालीन दिया जिस पर बैठकर वो अफ्रीका पहुच गया |

वो रात के अँधेरे में चुपके से राजकुमारी के कमरे में पहुच गया और उसने जादुई चिराग के बारे में बताया | राजकुमारी को अपनी भूल पर बहुत पछतावा हुआ | राजकुमारी ने बताया कि वो जादूगर उस चिराग को हमेशा अपने पास रखता है | अल्लादीन ने एक योजना बनाई कि वो जादूगर को शादी के लिए हां कर उसे रिझाये और उसकी शराब में एक जादुई पाउडर मिलाने को कहा | उस शराब को पीते ही वो बेहोश हो जाएगा और बाकि वो देख लेगा | अल्लादीन की पत्नी ने योजना के अनुसार ही सारा काम किया और उस शराब को पीते ही वो जादूगर बेहोश हो गया |

अल्लादीन ने तुंरत उसके पास से वो चिराग ले लिया और उसे घिसकर जिन्न को बुलाया और महल को वापस पहले वाली जगह पर ले जाने को कहा | अल्लादीन उस जादूगर को वही अफ्रीका में मौत की नींद सुलाकर महल के साथ वापस गुलिस्तान आ गया | अब वो वापस सुल्तान के पास गया और सारी घटना बताई | अब अल्लादीन और उसकी पत्नी खुशी खुशी उस महल में रहने लगे |

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