कष्टों से कैसा घबराना ?
कष्टों का स्वरूप अप्रिय है । उनका तात्कालिक अनुभव कड़वा होता है । अंततः वे जीव के लिए कल्याणकारी और ...
कष्टों का स्वरूप अप्रिय है । उनका तात्कालिक अनुभव कड़वा होता है । अंततः वे जीव के लिए कल्याणकारी और ...
बहुत सारी महिलाओं के साथ यह समस्या रही कि यदि समय पर समाज की बेड़ियों को तोड़ने का प्रयास किया ...
आज की कहानी पुणे के निवासी रामभाऊ की है। अंगूठा छाप रामभाऊ पढ़े लिखे तो नहीं थे पर "हुनरमंद" ज़रूर ...
बहुधा हम सब यह अभियोग करते रहते हैं कि संसार बहुत खराब हो गया है। जिसे देखो वह वैसे ही ...
"वासना" में कामुकता मुख्य है । इसमें बरती गई ज्यादती जिंदगी की जड़ों पर कुल्हाड़े से किए जाने वाले ...
हम दुनिया को बदलने की सोचते रहते हैं, चाहते हैं कि संसार से में से बुराई घटे और अच्छाई फैले। ...
व्यापक बुराइयों की अधिक चर्चा करने से कुछ लाभ नहीं नहीं । वस्तुस्थिति को हम सब जानते ही हैं ...
लोकमानस में "सद्ज्ञान" की प्रतिष्ठापना करने का कार्य हमें अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार एवं परिवर्तन करके ही संपन्न करना ...
संसार में जानने को बहुत कुछ है, पर सबसे महत्वपूर्ण जानकारी अपने आप के संबंध की है। उसे जान लेने ...
मनुष्य में जहाँ तक शारीरिक - मानसिक स्तर की अनेक विशेषताएँ हैं, वहीं उसकी वरिष्ठता इस आधार पर भी है ...
वर्ष 2022 कैसा था, उसे हम भुगत चुके है। परंतु नया साल भारत और शेष विश्व के लिए कैसा होगा? ...
हरियाणा के एक प्राथमिक स्कूल मे अंजलि नाम की एक शिक्षिका थीं वह कक्षा 5 की क्लास टीचर थी उसकी ...
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