कष्टों से कैसा घबराना ?
कष्टों का स्वरूप अप्रिय है । उनका तात्कालिक अनुभव कड़वा होता है । अंततः वे जीव के लिए कल्याणकारी और आनंददायक सिद्ध होते हैं । उनसे दुर्गुणों के शोधन और सद्गुणों की वृद्धि में असाधारण सहायता मिलती है । आनंद स्वरूप, आत्मप्रकाशमय जीवन और सुखमय संसार में कष्टों का थोड़ा…