“जीवन विद्या” को सीखें और जिंदगी का स्वरूप समझें
"असुर", "मनुष्य" और "देवता" देखने में एक ही आकृति के होते हैं । अंतर उनकी प्रकृति में होता है। "असुर" वे हैं, जो अपना छोटा स्वार्थ साधने के लिए दूसरों का बड़े से बड़ा अहित कर सकते हैं, "मनुष्य वे हैं", जो अपना "स्वार्थ" तो साधते हैं पर "उचित अनुचित"…