“जीवन विद्या” को सीखें और जिंदगी का स्वरूप समझें

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"असुर", "मनुष्य" और "देवता" देखने में एक ही आकृति के होते हैं । अंतर उनकी प्रकृति में होता है। "असुर" वे हैं, जो अपना छोटा स्वार्थ साधने के लिए दूसरों का बड़े से बड़ा अहित कर सकते हैं, "मनुष्य वे हैं", जो अपना "स्वार्थ" तो साधते हैं पर "उचित अनुचित"…

अंदर की ख़ुशी का अहसास कीजिए!

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खुश हो जाइए, क्योंकि आज (20 मार्च) 'अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस' है। आप अभाव में हों, तनाव में हों, अवसाद ने आपको घेर रखा हों फिर भी आप दिनभर हंसिए और खुशियां मनाइए! इस साल की थीम 'बिल्ड बैक हैप्पीयर' है, जो महामारी से वैश्विक स्वास्थ्य लाभ पर केंद्रित है। लेकिन,…

हर पल खुशियों को तलाशने से बनेगा बेहतर जीवन

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प्रसन्नता का अर्थ हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है। बावजूद इसके लोक कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना हमारे संविधान में की गई है। ऐसे में जब हम बात लोक- कल्याण की करते हैं। फ़िर स्वतः ही प्रसन्नता का सूचक शब्द प्रस्फुटित हो जाता है। वैसे प्रसन्नता के मायने भले…

भारी बारिश ने मचाया कहर, लोग पलायन करने को मजबूर

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देश में बारिश का कहर जारी है पिछले करीब 3 दिनों से लगातार बारिश हो रही है हालांकि इस बारिश से मुंबई और दिल्ली का हाल थोड़ा खराब है। दिल्ली में जहां जल जमाव से सड़कें रुक गयी है तो वहीं मुंबई में भी भारी बारिश की वजह से लोग अपने…

Everything About Snow Leopard In Hindi | गिरि राजा हिम तेंदुआ के बारे में हिंदी में

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Snow Leopard
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हिम तेंदुआ जिद्दी और तेजतर्रार प्राणी हैा वह 15 मीटर तक की छलांग आसानी से लगा सकता हैा वह यद्दपि निशाचर है; फिर भी कई बार दिन में भी शिकार करता हैा ऊंचे पर्वतों पर से लुकते छिपते संचार करते समय वह निचले इलाके में आहार विहार करते प्राणियोंं पर नजर रखता है। उसकी आंखोंं की पुतलियां गोल होती हैं और उनमें कोई रेखा नहीं होती।

प्यार का भूत

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प्रेम करना कोई गुनाह नहीं है, प्रेम में जाति-धर्म, ऊंच-नीच का भी बंधन नहीं है, पर जीवन भर के साथ के लिए जिंदगी में सही निर्णय लेना बहुत जरूरी है, जो तुम्हें लेना है। सच्चा प्यार, विश्वास, संस्कार, परिवार, रीति-रिवाज आदि ये सब वैवाहिक जीवन के आधार हैं।

तांबे की गागर

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तांबे के उस गागर सी थी सिया, जिसमें पानी केवल रखा भी रहे तो शुद्ध ही होता है। उसकी आंखों की चमक किसी पहाड़ी झील सी लगती थी और होंठों पर जब मुस्कुराहट आती तो लगता था कि मानो कई दिनों बाद बर्फ की ठंडक को तोड़ती पहाड़ की धूप खिली हो। उसके आने से ही तो इतनी रौशनी आई थी जीवन में कि हर एक क्षण किसी पूजा की थाली के दिये सा रौशन था।

पल्लू रस्म

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यह बात विचारणीय है कि पिता के मरने पर यदि बेटे के सिर पर पगड़ी बांधी जाती है, तो सास के बाद उसकी बहू के सिर पर पल्लू क्यों नहीं रखा जाता? शर्माजी के गांव वालों ने एक रास्ता दिखाया है। इस पर विचार होना चाहिए।

भाग्य विधाता

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अस्मिता ने सीतापुर की जिलाधिकारी के रूप में पहली बार जिलाधिकारी कार्यालय में कदम रखा। उस दिन वह अपने तेजस्वी व्यक्तित्व और इकहरे बदन पर उजले लिबास में जैसे कोई देवकन्या लग रही थी। सीतापुर से स्थानांतरित हुए जिलाधिकारी श्री अवधेश पचौरी ने उसका स्वागत करते हुए सभी से उसका परिचय कराया तो सभी अधीनस्थ कर्मचारियों ने उसे सैल्यूट किया।

नया सवेरा

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“सुबह सूरज ने अपनी पहली दस्तक दे दी थी, रोशनदान से हल्की सुनहरी किरण छनकर लाजो को चेहरे पर बिखरी थी, मानो सहला रही थी, एक नया सवेरा उसे जिंदगी के संघर्ष के लिए हौसला देना चाहती हो। लाजो ने उठकर खिड़की खोली तो देखा दूर आसमान पर सूरज अपनी थकान मिटाकर फिर से नई शक्ति के साथ अपने साम्राज्य को विस्तार दे रहा है।”

ड्रैगन फ्लाय

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“बिट्टू ने आशा और विश्वास से कहा, चीनी ड्रैगन फ्लाई तुम्हें फ्लिट कर दिया जाएगा। और वह नए जोश के साथ चीनी बबुए को भगाने की रणनीति बनाने में लग गया।”

केवल झाग, बस वही

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“दरवाज़े के पास पहुंच कर वह एक पल के लिए रुका और मेरी ओर मुड़ कर उसने कहा, उन्होंने मुझे बताया कि तुम मेरी हत्या कर दोगे। मैं केवल यही जानने के लिए यहां आया था। पर किसी को मारना इतना आसान नहीं होता। तुम मेरा यक़ीन मानो...”

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