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आरोप – प्रत्यारोप की राजनीति

आरोप – प्रत्यारोप की राजनीति

by Raj Kumar
in विशेष
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली दंगों को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के काम-काज पर सवाल उठाया और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर उनका इस्तीफा मांगा था। वहीं सोमवार से शुरु हो रहे बजट सत्र में इस आग को अब और हवा मिल गयी और सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया, जिससे सदन को स्थगित करना पड़ा। इसके बाद विपक्षी दलों ने सदन के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित कई छोटी बड़ी पार्टियों ने हिस्सा लिया। विरोध कर रहे नेताओं के हाथो में तख्तियां भी थी, जिसके द्वारा अमित शाह के इस्तीफे की मांग की जा रही थी। विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा और आरोप लगाया कि दिल्ली में तीन दिनों तक लोग जलते और मरते रहे लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं की गयी।

पहले दिन के विरोध को देखते हुए यह मामूल पड़ता है कि सत्र के दौरान अमित शाह पर जमकर विरोधी पक्ष हमला करने वाले है क्योंकि नागरिकता संशोधन कानून और दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्षी दलों के मन में बहुत से सवाल और गुस्सा है जो इस सत्र में दिखाई देने वाला है। सत्र के दौरान कांग्रेस विपक्षी दलों का नेतृत्व करने वाली है और फिर सभी मिलकर सरकार के खिलाफ एक साथ मोर्चा खोलने की तैयारी में है। दिल्ली हिंसा को लेकर कुछ नेताओ ने लोकसभा स्पीकर को नोटिस भी दिया है। अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले ओवैसी ने दिल्ली हिंसा को लेकर सरकार की आलोचना की और लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव भी दिया है।

वहीं खबरों की मानें तो सरकार भी जवाब देने के लिए तैयार है हालांकि

इन मुद्दों पर सरकार पहले भी सफाई दे चुकी है लेकिन विपक्षी दलों द्वारा अनसुना करने के बाद सरकार फिर से इस सत्र में सदन के माध्यम से विपक्षी दलों और जनता को जवाब देगी। वहीं बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने सदन में कहा कि कुछ पार्टियां है जो पहले भाषण देकर दंगा करवाती है और फिर सदन में आकर जनता का मसीहा बनना चाहती है। 

कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो इस सत्र के दौरान विरोधी पार्टियों ने सरकार को घेरने का पूरा मन बना लिया है क्योंकि उनके पास नागरिकता संसोधन का मुद्दा तो पहले से ही था और अब हाल में हुए दिल्ली हिंसा ने उनकी राह को और भी आसान कर दिया है।

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Tags: debate on politicsdirty politics speechimportance of democracy in indiaindian politics drawbacksindian politics for dummiesindian politics quorais congress party finished in indiareality of indian politicswhat is politicswhy indian politics is bad

Raj Kumar

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