हम ही हमारे दुश्मन बन रहे हैं …

भारत,इटली,चीन,जर्मनी ,फ्रांस, अमेरिका ,ईरान , ब्रिटेन  के साथ संपूर्ण विश्व मे कोरोना वायरस का जानलेवा कहर है। अब तक विश्व में छह लाख से ज्यादा लोग कोरोना  वायरस की चपेट में आ चुके  हैं। हजारों  लोग मर रहे  हैं। भारत समेत विश्व में  निर्माण हुई विनाश की स्थिति को हम आज मीडिया के माध्यम से बखूबी देख सकते हैं। हम देख भी रहे हैं और समझ भी रहे हैं। सरकार से अपेक्षा कर रहे हैं, कि सरकार हमारी हालत बदले। लेकिन क्या हम अपनी हालत बदलने के लिए खुद तैयार है? इस सवाल का जवाब नहीं है। आज हमारा  दुश्मन और कोई नहीं है, हम खुद ही अपने दुश्मन हो रहे हैं। हम बेखौफ बाहर घूम रहे हैं।

क्या हम तैयार है, अपने परिवार के सदस्यों को, यारों को तड़पते – मरते हुए देखने के लिए ? क्या करें इन बेपरवाह लोगों का? जो अपने सामने शैतान की तरह खड़े हुए कोरोना की मुसीबत को भी नहीं समझते। डॉक्टर, पुलिस, प्रशासनिक सेवा करने वाले विभिन्न लोग और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बार-बार निवेदन करने के बाद भी अपने परिजनों की उन्हें कोई फिक्र नहीं है। इस प्रकार का माहौल आज भारत की सड़कों पर दिखाई दे रहा है। कई जगह पर जन सेवा देनेवाले पुलिसकर्मी , डॉक्टरों पर हमले किए जा रहे हैं। हम इतने पैनिक क्यों है?  ऐसी आपदा के समय में हम सभी को  साथ रहना है। यह सामाजिक नियम है। लेकिन इस सामाजिक नियम को भूलकर खुदगर्जी से  मुनाफा  कमाने वाले कई  व्यापारी भी अपने कार्य में व्यस्त हैं।  बुखार की एक छोटी सी गोली जो हर छोटे से छोटे मेडिकल स्टोर पर  2  रुपए में मिलती थी, आज वह 15  रुपये  मे  मिल रही है।  जो डेटोल की  बोतल साठ  रुपए में मिलती थी आज वह ₹190 में बेची जा रही है। हर चीज   बढ़ा चढा कर बेची जा रही है। रोजमर्रा की जरूरतों की सारी वस्तुएं  आज बढ़ा चढ़ाकर मनमाने दाम पर बेची जा रहे हैं।  कौन कर रहा है यह सब ?  यह सब सरकार कर रही है? नहीं! यह सब हम ही कर रहे है। यह एक आम इंसान का एक आम इंसान के साथ  मुसीबतों के समय हो रहा व्यवहार है। यह हमारा ही व्यवहार  है। हमें मानना होगा कि हम खुदगर्ज है। हमें मानना होगा कि हम दुनिया भर मे हो रहे  इस हालात से कोई सबक नहीं ले रहे है। हम तो दुनिया की बुरी हालत देखकर अपना मुनाफा जुटाने में लगे हैं। अमीर इतना राशन खरीद रहे हैं कि गरीब भूखा सो रहा है। जनरल स्टोर वाले हर  चीज को महंगे दामों पर बेच रहे है। वह दवा जिससे  लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों से राहत मिल सकती है वह दवाई बड़ी तेज दरों से बेची जा रही है।
देश के प्रधानमंत्री, प्रशासन के माध्यम से बार बार निवेदन करने पर भी लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ , परिवार के साथ सडको पर  घूमते हुए लोग नजर आते हैं। कई लोग तो धर्म का आधार लेकर हमारे धर्म में किसी को डरने की बात नहीं लिखी है। हम सिर्फ हमारे धर्म के मसीहा को ही डरते हैं। इस प्रकार की  अपने ही धर्म को ही बदनाम करने वाली, धर्म को छोटा करने वाली बातें करते हुए दिखाई देते हैं।
जब धर्म का आधार लेकर इस प्रकार की बकवास करते है तब यह भी नही सोचते की ईरान में कौन सा धर्म था? तो धर्म का मसीहा इरान  के लोगों को क्यों नहीं बचा पाया? यह बात उनके ध्यान में नहीं आती?  यह बेपरवाह लोग है, साथ में मूर्ख भी । हर बात को नरेंद्र  मोदी  के विरोध की  नजरों से देखने की आदत से वह बीमार है। उनकी बेपरवाही की सजा वह खुद तो भुगतेंगे उनका  पूरा खानदान भी भुगतेगा। और साथ में समाज  को भी बर्बाद करने में यह मूर्ख  लोग अपना योगदान देंगे।
सभी भारतीयों  मामले को समझिए , इसकी  सेंसटिविटी को समझिए । सिर्फ आपके ऊपर आपके  परिवार  की जिम्मेदारी नहीं है। आज सवाल धर्म बचाने का नहीं है। आज सवाल है अपने खुद को, अपने बच्चों को, अपने घर के बुजुर्गों  को,साथ-साथ अपने समाज को और देश को संभालने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी आज समाज के हर व्यक्ति के सर पर है। इसे हमें समझना चाहिए। तरस खाइए अपने परिवार पर और अपने घर के छोटे-छोटे बच्चों पर।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथ जोड़कर सभी को निवेदन किया है, आप लोग घर में बैठे  रहे । आप लोग अपना  और अपनों का ख्याल रखे। जब देश का प्रधानमंत्री  को 21 दिन लाॅक डाउन करता है तो इसका मतलब यह होता है, कोरोना वायरस का प्रभाव  बहुत गहरा है। आपदा बहुत बड़ी है। हमें समझना चाहिए।  लोगों की बेपरवाही की सजा सिर्फ आप नहीं बल्कि आपके साथ आपका पूरा खानदान बुगतेगा । इस मामले को समझिए ,इसके सेंसटिविटी को समझिए।  अपने ऊपर तरस खाइए ,अपनी  बच्चों , परिवार पर तरस खाइए। अपने घर में रहने वाले बूढ़े  परिवार जनों पर तरस खाइए।

आप टीवी देख रहे है, जरा गौर से सुनना और देखना भी शुरू कीजिएगा। लाखों लोगों पर  कोरोना वायरस प्रभाव पाया गया है। हजारों की  मौत भी हो चुकी है।  अत्याधुनिक दुनिया के रखवाले समझे जाने वाले  बड़े-बड़े देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं। इस अनजान बीमारी से लड़ने में वह सब असमर्थ  साबित हो रहे हैं। इटली के प्रधान मंत्री ने अपनी असमर्थता दुनिया को दिखा दी है। दुनिया मे जहां हर  प्रकार की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है वहां इस कोरोना वायरस से  लड़ते-लड़ते संपूर्ण विश्व अपनी बेबसी  दिखा रहा है। दुनिया के सभी देश लॉक डाऊन मे आ चुके हैं। सूरते हाल की दुनिया की बड़ी  से बड़ी  ताकतवाला अमेरिका से लेकर सभी देश मरते हुए  नागरिकों की लाशे गिनने के लिए मजबूर है। दुनिया  बदकिस्मती से कोरोना वायरस की वजह से कब्रिस्तान बनता दिखाई दे रहा है । मरने वालों की तादाद इतनी है की   कब्रिस्तान में जगह कम पड़ती है। यह सब बातें  हम भारतीयों को दिखाई देती हैं या नहीं?

ऐसे माहौल में एक व्यक्ति के नाते हमारी जिम्मेदारी बढती है। हमारी जिम्मेदारीआज कितने स्तर पर बढ़ रही है? इस बात पर हमें ध्यान देना  अत्यंत आवश्यक है। आज हमारी जिम्मेदारी है, अपने खुद को,अपने परिवार को,  समाज को, अपने देश के साथ साथ को संपूर्ण विश्व को संभालने की जिम्मेदारी हमारे सर पर आ गयी है। यह जिम्मेदारी नियति ने हमें दी है। ऐसे समय पर हम अपना व्यवहार किस प्रकार से रखते हैं? यह सोचना बहुत  जरूरी है।  हम अपने साथ पूरी दुनिया को बचाने में अपनी भूमिका किस प्रकार से निभाते हैं?  यह साबित करने का आज समय आया हुआ है। थोड़ा अपने आप से बात कर लीजिए तो इन सारे सवालों के जवाब आपको मिल जाएंगे।  नियति ने आपके ऊपर डाली हुई जिम्मेदारियां भी ध्यान में आ जाएगी। हर बार लड़ने के लिए बाहर निकालना यह अपनी परंपरा है। इस बार नियति  ने अलग ही जिम्मेदारी हमे दी है। हम घर में रहे, एकांत में रहे और पूरे विश्व के साथ अपने परिवार को भी बचाएं। तो चलो… समय की गंभीरता को समझ कर हम अपनी जिम्मेदारी पूरी करने  का प्रयास करें। आज हमें अपना धर्म, अपनी जात -पात से आगे बढ़कर  संपूर्ण मानव जाति के हित के बारे में सोचने का अवसर प्राप्त हुआ है। उस अवसर को हम नजरअंदाज करेंगे तो  अंजाम विनाश ही है। सोचो, हम अपने परिवार को विनाश की ओर ले जाएंगे , या परिवार को विनाश की स्थिति से बाहर निकालेंगे? बात आपकी सोच पर है। आप जो करोगे उसका सही सही परिणाम  देने के लिए नियति तैयार बैठी है।

This Post Has 4 Comments

  1. Surekha Varghade

    जे लोक जाणीवपूर्वक शासनाचे पालन करित नाही त्या लोकांना शासनाने देशद्रोही ठरवून कडक कारवाई करावी जेणेकरून आपला भारत देश या संकटातून लवकर बाहेर येईल.

  2. Anonymous

    जबाबदारीची जाणिव देणारा परखड लेख

  3. Sandeep mane

    Aapni jimmedari ka ahsas dilanewala lekh hai.bahut accha lekh hai

  4. Anonymous

    Nice article

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