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नये आयाम – बदलेंगे परिणाम

नये आयाम – बदलेंगे परिणाम

by श्याम जाजू
in विशेष
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देखते देखते तीसरे लॉकडाउन की कालावधी खत्म होने जा रही है। चौथा लॉकडाउन नया रूप लेकर आएगा ऐसे संदेश प्रधानमंत्री जी के वक्तव्य से विदित हो रहे है। इस वैश्विक महामारी से सामना करते हुए अनेक नई परिभाशा व जनजीवन की बदली हुई परिपाठी का परिचय हो रहा है। चीन, अमेरिका, फ्रांस, इटली व स्पेन जैसे देशों में जो कोरोना ने कहर मचा रखा है उसको देखते हुए भारत के लिए तो यह बड़ी चुनौती और संकटमय परिस्थिति लेकर आया है।

यह सत्य है कि आजादी के 72 साल बाद भी देश में स्वास्थ्य सेवा, इंफ्रास्ट्रक्चर जिस स्थिति में आना चाहिए था वह नहीं है। लोकतंत्र के साथ साथ विश्व की घनी आबादी वाले देशों में भारत की गणना होती है। सोशल नेचर ये यहां के जगजीवन का अपरिहार्य हिस्सा है। शादी-विवाह, शोक के प्रसंग, शांति पाठ व अंत्यसंस्कार अलग अलग त्यौहार सामूहिकता से सुशोभित करने की परंपरा मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों में हर रोज पूजा पाठ व आस्था का परिचय देते हुए जमने वाली भीड़, राजनीतिक रैली व सभाओं के आयोजन, अलग-अलग प्रदेशों में दक्षिण भारत के प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र में वारकरी संप्रदाय की पैदल यात्रा हो या उत्तर में चलने वाली कांवड़ यात्रा हो, यह सब प्रसंग भारतीय आदमी एकत्र होकर मनाते आया है।
अब तो इन सब बातों का इतिहास हो गया है, कोरोना पूर्व व कोरोना के बाद जनजीवन, सामाजिक रीति-नीति व व्यवहार इसमें आमूलाग्र परिवर्तन यह समय की पुकार है। शहरों व महानगरों का बड़े पैमाने पर हुआ अर्बनाइजेशन इंडस्ट्रियल बेल्ट में मजदूरों की आवश्यकता अनुसार गांवों से रोजगारी के लिए आया हुआ बड़ा समूह निसर्ग पर आवलंबित देश का खेती व्यवसाय यह सब बातें बड़े आहवाहृन के रूप में खड़े हैं।

चीन व अमेरिका जैसे देशों की तुलना में बहुत ही कम क्षति हुई है, ऐसी श्रेणी में भारत का नाम आता है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दमखम का नेतृत्व और बुलंद इच्छा शक्ति, कठिन से कठिन समय में निर्णय लेने की क्षमता, जोखिम उठाने की क्षमता इसने सिद्ध कर दिया सही दिशा व स्पष्ट नीति के धनी मोदी जी का नेतृत्व केवल देश में ही नहीं तो विश्व स्तर पर नया आयाम लेकर खड़ा है। देशान्तर्गत सभी प्रदेशों के नेतृत्व, विपक्ष के वरिष्ठ नेता, पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति इनसे चर्चा, सलाह मशवरा करते हुए यह समय राजनीति करने का नहीं अपितु संकट का संगठित रूप से सामना करने का है। इसको परिलक्षित करते हुए उन्होंने जो परिपक्वता का परिचय दिया इसका कोई जवाब नहीं। इसके पहले जब जब देश पर बड़े संकट आए थे या आपदा आती थी तो विश्व में एक याचक के रूप में भारत की भूमिका रहती थी। इस बार हमारे पास जो औशधियों का भण्डार था, कौशलयुक्त स्वास्थय कर्मचारी व चिकित्सक थे, इन सब का उपयोग देश के लिए आवश्यक संसाधन छोड़कर बाकी सारा विश्व के लिए खुला करना।

मानवता और संवेदनशीलता के आधार पर सभी लगभग 84 देशों में औषधियाँ पहुंचाना और उसका एक रूपया भी चार्ज ना करना इससे हमारी विश्वस्तरता और क्रेडिबिलिटी बढी है।सार्क देशों के साथ-साथ सभी देशों के नेताओं से वार्ता करके उन्होंने अपनी जो भूमिका अदा की है उसमें मोदी जी के साथ-साथ देश का भी माथा ऊंचा हुआ है।

देश में मास्क, वेंटिलेटर, पीपीई किट, रैपिड टेस्टिंग मशीन, अस्पताल इनका निर्माण करने पूरे देश को जिस प्रकार से सीधा संवाद स्थापित करके जनता कर्फ्यू हो, थाली बजाना हो, दीया जलाना हो या पुष्प वर्षा करनी हो यह सब सामुदायिक गतिविधियों का उपयोग मोदी जी ने सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए जिस प्रकार किया है वह निश्चित रूप से अनुकरणीय है। अनेकों देशों ने इसका अनुपालन किया और इस प्रकार की युद्धजन्य स्थिति में काम करने वाले सभी सहयोगियों का हौसला बढ़ाते हुए देश की जनता की मानसिकता भी बनाने का काम नरेंद्र मोदी जी ने किया है।

कल तो 20 लाख करोड़ की घोषणा करके जीडीपी के 10 प्रतिशत रकम केवल देश की अर्थव्यवस्था बचाने के लिए नहीं तो बढ़ाने की दिशा में उन्होंने जो कदम उठाया है वह निश्चित ही अभिनंदनीय है।

14 अलग अलग विभाग टास्क फोर्स के रूप में बनाकर अलग-अलग मोर्चो पर उन्होंने पूरे देश विदेश का फीडबैक लेकर जो काम किया है इसका ही परिणाम पूरा देश एक साथ उनके आदेश पर खड़ा है। मोदी केयरर्स फंड में जो लोगों का दानदाताओं का रकम कंट्रीब्यूट करने की जो गति है उसने आज तक के राष्ट्रीय आपदा या युद्ध के समय इकट्ठा होने वाली राशि के सर्व आंकड़े पार कर दिए हैं। चीन से नाराज, निराश और हताश होकर जो उद्योग नई व्यवस्था में स्थानांतरित होना चाह रहे हैं ऐसे लोगों को भारत यह सबसे अच्छा डेस्टिनेशन हो सकता है। एक हजार से ज्यादा उद्यमियों ने भारत सरकार से वार्ता शुरू कर दी है।
निश्चित रूप से आटर कोरोना महामारी के बाद का भारत नया रूप नया चित्र सामने आ रहा है। गांव देहातों की उपेक्षा कम होकर शहरों की भी नई व्यवस्था नए नॉर्मस के साथ विकसित होने जा रही हैं। 130 करोड़ के देश में एक भी मृत्यु भूखमरी के कारण नहीं हुई है। सरकार के साथ-साथ स्वयं सेवी संस्था, जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता, देश के उद्योगजक इन सब लोगों ने जो योगदान दिया है उसकी भी महत्व कम नहीं है।

संकट को, आपत्ति को स्थापत्ति मान कर अवसरों में परिवर्तित करने का काम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हो रहा है। दिन-रात मेहनत कर जिन्होंने पूरे देश के सामने व्यवहारिक और वैचारिक अभिश्ठान की जो मिसाल पेश की है इसलिए देश का आम नागरिक भी कह रहा है मोदी है तो मुमकिन है।

                                                                                                      श्याम जाजू – राष्ट्रिय उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी।

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