अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक पर छिड़ी बहस

Continue Readingअल्पसंख्यक और बहुसंख्यक पर छिड़ी बहस

  जब से कश्मीर फाइल्स फिल्म रिलीज हुई है तब से बहुत सारे प्रश्न सामाजिक विमर्श में उभर आए हैं तथा आम जनमानस उन प्रश्नों के उत्तर की तलाश कर रहा है । एक प्रश्न यह भी है कि अल्पसंख्यकों को विशेष अधिकार क्यों , भारत में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक…

मूल को समझे बिना समाधान संभव नहीं

Continue Readingमूल को समझे बिना समाधान संभव नहीं

इस्लाम को मानने वाले अधिकांश लोग भयावह ग़रीबी व भुखमरी में जी लेंगें पर मज़हब का ज़िहादी जुनून और ज़िद पाले रहेंगें। वे लड़ते रहेंगें, तब तक, जब तक उनके कथित शरीयत का क़ानून लागू न हो जाए, जब तक दुनिया का अंतिम व्यक्ति भी इस्लाम क़बूल न कर ले! वे लड़ते रहेंगें, क्योंकि उनका विस्तारवादी-वर्चस्ववादी कट्टर इस्लामी चिंतन उन्हें लड़ने की दिशा में उत्प्रेरित करता है।

तालिबान पर भारतीय नीति कारगर

Continue Readingतालिबान पर भारतीय नीति कारगर

जो रूस एक समय तालिबान के साथ काम करने के बारे में बार-बार बयान दे रहा था, उनको मान्यता देने तक का संकेत दे चुका था उसकी ओर से कहा गया कि अभी मान्यता देने में जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। यह भारत की विदेश नीति का ही परिणाम है कि वह मध्य एशिया में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है। उसे लग गया कि तालिबान के वहां होने से उनके यहां आतंकवाद का खतरा बढ़ सकता है।

ऑपरेशन ‘देवी शक्ति’

Continue Readingऑपरेशन ‘देवी शक्ति’

यह नाम ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ इसलिए रखा गया क्योंकि जैसे ‘मां दुर्गा’ राक्षसों से बेगुनाहों की रक्षा करती हैं, उसी प्रकार इस मिशन का लक्ष्य बेकसूर नागरिकों को तालिबान के आतंकियों की हिंसा से रक्षा करना है। यह ऑपरेशन वायुसेना की भूमिका और तालिबानियों की निर्ममता पर एक साथ टिप्पणी है।

शरणार्थी संकट या षड्यंत्र?

Continue Readingशरणार्थी संकट या षड्यंत्र?

दुनिया सकते में है कि इस संकट का मुकाबला कैसे करें? लेकिन क्या सच में यह शरणार्थी संकट है या फिर एक गहरा षड्यंत्र? कुछ वर्षो बाद फिर किसी अन्य इस्लामिक देश में ऐसा ही कुछ घटनाक्रम हो, तो आश्चर्य मत कीजिएगा क्योंकि ऐसा ही होगा।

यही दृश्य उम्मीद की किरण है

Continue Readingयही दृश्य उम्मीद की किरण है

इस समय जिस तरह का जन प्रदर्शन अफगानिस्तान में हो रहा है, उसकी कल्पना शायद ही किसी को रही हो। ‘हमें काबुल से लेकर कई शहरों में आजादी चाहिए। अल्लाहू अकबर, हमें एक मुल्क चाहिए। हमें पाकिस्तान की कठपुतली सरकार नहीं चाहिए।’ ‘पाकिस्तान, अफगानिस्तान छोड़ो’ जैसे नारे लगते हुए दृश्य हमारे सामने आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल कुछ वीडियो में लोगों को ‘राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा ज़िंदा रहो’ और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाते हुए सुना जा सकता है।

भव्यता से मना साहित्यकार सम्मान समारोह एवं पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम

Continue Readingभव्यता से मना साहित्यकार सम्मान समारोह एवं पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम

तुलसी साहित्य संस्कृति अकादमी न्यास एवं पं. हरप्रसादपाठक- स्मृति साहित्य पुरस्कार समिति  का संयुक्त आयोजन 58 विशिष्ट साहित्यकारों का हुआ सम्मान, 8 नव प्रकाशित पुस्तकों का हुआ लोकार्पण। मथुरा। तुलसी साहित्य संस्कृति अकादमी न्यास तथा पं. हरप्रसाद पाठक स्मृति साहित्य पुरस्कार समिति के संयुक्त तत्वावधान में भव्यता के साथ साहित्यकार सम्मान…

एकात्म मानववाद: तंत्र में मानवीय मंत्र स्थापना का सिद्धांत

Continue Readingएकात्म मानववाद: तंत्र में मानवीय मंत्र स्थापना का सिद्धांत

भारत को देश से बहुत अधिक आगे बढ़कर एक राष्ट्र के रूप में और इसके अंश के रूप में यहां के निवासियों को नागरिक नहीं अपितु परिवार सदस्य के रूप में मानने के विस्तृत दृष्टिकोण का अर्थ स्थापन यदि किसी राजनैतिक भाव या सिद्धांत में हो पाया है,

बुर्का और बंदूक के बीच तड़पता अफगानिस्तान!

Continue Readingबुर्का और बंदूक के बीच तड़पता अफगानिस्तान!

अफगानिस्तान में तेजी से सब कुछ बदल रहा है इस बदलाव की ना तो किसी को उम्मीद थी और ना ही किसी ने ऐसा सोचा था कि एक दिन अफगानिस्तान आतंकियों के हाथों में आ जाएगा। वह लोग अपने आप को बहुत ही खुश नसीब मान रहे हैं जो वहां से…

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से युवा और राष्ट्र निर्माण

Continue Readingराष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से युवा और राष्ट्र निर्माण

 "शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं।"  -नेल्सन मंडेला  वर्तमान मैकाले शिक्षा प्रणाली बनाम गुरुकुल शिक्षा प्रणाली  संयुक्त राज्य अमेरिका के विश्वविद्यालयों में से एक ने अपनी सफलता के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सफल…

चिकित्सा क्षेत्र में हो उत्कृष्टता के प्रयास

Continue Readingचिकित्सा क्षेत्र में हो उत्कृष्टता के प्रयास

हमें यह विश्लेषण करने की आवश्यकता है कि हम महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली जैसे कुछ राज्यों में कोरोना के द्वितीय चरण में एक टीम के रूप में कहां विफल हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप कोविड रोगियों और मौतों में वृद्धि हुई। ऐसे कई उदाहरण थे जहां इंजेक्शन, दवाओं, ऑक्सीजन की आवश्यकता और बिस्तर के अति आवश्यकता के कारण लोगों का शोषण किया गया। बहुत से लोगों ने अपनी छोटी सी जमा पूंजी भी खो दी है। दूसरे चरण में जो भी गलतियां हुई हैं, उससे तीसरे चरण में किसी भी अनहोनी से बचने के लिए हमें सबक सीखने की जरूरत है।

राष्ट्र के निर्माण में शिक्षा एवं शिक्षकों का योगदान

Continue Readingराष्ट्र के निर्माण में शिक्षा एवं शिक्षकों का योगदान

कानपुर की एक सभा में भारत के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का एक चित्र ध्यानाकर्षण का केंद्रबिंदु बना, जिसमें वे मंच से उतरने के पश्चात सभागार में बैठे अपने शिक्षकों के चरणस्पर्श कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे। यही भारत की संस्कृति और संस्कार हैं।

End of content

No more pages to load