जनकल्याण समिति,पश्चिम महाराष्ट्र -सेवा कार्यों में सबसे आगे

जब भी देश और समाज पर संकट पड़ा तब – तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सबसे पहले और सबसे आगे बढ़कर उसका सामना किया है। दुनिया के सबसे बड़े स्वयंसेवी व अनुशासित संगठन के रूप में संघ को जाना जाता है।कोरोना से जंग में भी संघ अग्रिम मोर्चे पर डट कर लड़ रहा है। नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के सेवा कार्य संघ द्वारा अनवरत चलाये जा रहे है। जिसका लाभ प्रतिदिन लाखों लोग उठा रहे है।एक ओर लाखों जरूतमंद लोगों को भोजन दिया जा रहा है तो दूसरी ओर महानगरपालिका के अस्पतालों में पीपीइ किट, मास्क ,सेनिटाइजर व अन्य सुरक्षा सामग्री का वितरण किया जा रहा है। जिन प्राईवेट डॉक्टरों ने कोरोना से डरकर अपने दवाखाने बंद कर दिए थे, उन्हें विेशास में लेकर और उचित मार्गदर्शन कर फिर से उन दवाखानों को शुरू करवाया गया है। डायलेसिस से लेकर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में लाने ले जाने का कार्य भी अखंड रूप से चालू है।कोरोना का संकट और लॉकडाउन की घोषणा होते ही संघ पदाधिकारियों ने एक बैठक की और व्यापक विचार विमर्श किया।राष्ट्रीय संकट को ध्यान में रखते हुए और मुंबई में सर्वाधिक कोरोना संक्रमण के खतरों की संभावना को देखते हुए संघ पदाधिकारियों ने प्रमुखता से मुंबई पर अपना ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया। पुरे महाराष्ट्र में रा. स्व. संघ जनकल्याण समिति की ओर से बड़ी संख्या में सेवा कार्य शुरू है। लेकिन मुंबई में भयावह स्थिति आने वाली है, इसकी संभावना को देखते हुए प्रवासी मजदुर, गरीब, जरूरतमंद परिवारों की जानकारी लेकर उनके लिए सुबह और शाम भोजन की व्यवस्था की गई।

आज लगभग 2 लाख के करीब लोगों को रोज खाद्य पदार्थ का वितरण किया जा रहा है। मुंबई के अलग – अलग भागों में कुल 38 किचन के माध्यम से भोजन तैयार किया जा रहा है। रा. स्व. संघ केशव सृष्टि व जनकल्याण समिति की ओर से बीते डेढ़ माह से यह सेवा कार्य शुरू है।प्रवासी मजदूरों को वैद्यकीय प्रमाणपत्र दिलाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से संघ का काम शुरू है। कोरोना से लड़ाई में मनपा अस्पताल प्रमुख भूमिका निभा रही है। इनमे लगभग 10 हजार से अधिक पीपीई किट एवं मास्क से लेकर सेनिटाइजर की आपूर्ति संघ द्वारा की गई है। यह जानकारी मुंबई प्रांत के संघ प्रमुख पदाधिकारी संजय नगरकर ने दी है। बंद किये प्राइवेट दवाखाने फिर से शुरू हो, इसके लिए मुंबई के अलग – अलग भागों में संघ के स्वंयसेवक प्रत्नशील है। इसके साथ ही संघ प्रेरित अनेक संस्थाएं सेवा कार्य में जुटी हुई है। इसके आलावा मानसिक रूप से बीमार मरीजों को आधार देने के लिए मनोचिकित्सकों की टीम तैयार की गई है।अब तक कुल 1 लाख 35 हजार से अधिक राशन किट बांटे गए है। इसके साथ ही मुंबई, पुणे एवं महाराष्ट्र में कुल 60 लाख के करीब खाद्य पदार्थ वितरित किये गए है। 12 हजार से अधिक मास्क का वितरण किया जा चूका है। 7 हजार स्वंयसेवकों के कड़े परिश्रम एवं सहायता से हमने अब तक साढ़े तीन करोड़ रूपये खर्च कर सेवा कार्य किया है। महाराष्ट्र प्रांत अंतर्गत रक्तदान द्वारा लगभग 5000 ब्लड यूनिट का योगदान किया है।

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