हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
कपड़ा उद्योग में संघर्ष की नौबत

कपड़ा उद्योग में संघर्ष की नौबत

by हरी राम अग्रवाल
in उद्योग, जून- सप्ताह एक, सामाजिक
0

लॉकडाउन ने कपड़ा उद्योग को बेहाल कर दिया। मजदूरों को दो माह का वेतन तो दे दिया, लेकिन अब आगे ऐसा करना संभव नहीं है। इसलिए व्यापारियों और मजदूरों में संघर्ष की नौबत आ गई है। सरकार के किसी पैकेज की न एसोसिएशन के पास अधिकृत जानकारी है, न बैंकों के पास। इससे इस उद्योग को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।

हमारे एसोसिएशन में 2200 के आसपास सदस्य हैं। हमारे एसोसिएशन में सिर्फ मुंबई और आसपास के परिसर में कपड़ा मार्केट और कपड़ा मैन्युफैक्चर के लिए काम करने वाले हैं। आर्थिक मंदी को 65 दिन पूरे हो रहे हैं। इसके बाद अगर और 15 दिन भी लॉकडाउन बढ़ता है तो व्यापारी और मजदूर इन दोनों में संघर्ष निर्माण होने की स्थिति आ जाएगी। खेती के बाद सबसे ज्यादा मजदूर कपड़ा उद्योग में लगता है। सरकार ने कर्मचारियों को वेतन देने के आदेश दिए हुए हैं। हमने 2 महीने वेतन दिए परंतु पिछले 3 महीने से कोई भी व्यवसाय ना होने के कारण अब आगे हम वेतन देने में असमर्थ हैं। इससे व्यापारी और कर्मचारियों में संघर्ष बढ़ेगा।

विगत 2 महीने से देश का यातायात पूरी तरह से बंद होने के कारण कपड़ा व्यापारियों का तैयार कपड़ा जगह पर पड़ा हुआ है। ट्रांसपोर्ट, कूरियर, रेल, बस इत्यादि सभी यातायात सेवाएं बंद हैं। प्राइवेट ट्रांसपोर्ट वाले अगर पूरा ट्रक भरकर सामान हो तो ही ले जाने के लिए तैयार होते हैं। किसी भी कपड़ा व्यापारी के पास अभी इतना कपड़ा उपलब्ध नहीं है।

आज व्यापार में कपड़े के भाव भी बहुत घट गए हैं। इचलकरंजी, मालेगाव, भिवंडी जैसे कपड़ा मैन्युफैक्चर करने वाले सभी शहर बंद पड़े हैं। अप्रैल-मई इन दो महीनों में कपड़ा उत्पादन बिलकुल नहीं हुआ है। जून-जुलाई में कपड़े का उत्पादन बीस प्रतिशत भी नहीं हो सकता। इस क्षेत्र में मजदूरों की समस्या भी विकराल रूप में है। कपड़ा उद्योग में अधिकतर उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर काम करते हैं। उनका इतिहास है कि वे यदि एक बार गांव जाते हैं तो जल्दी वापस नहीं आते। ऐसी स्थिति में आने वाले कुछ महीनों तक कपड़े का उत्पादन कम होगा। उत्पादन तो कम होगा लेकिन खर्च बढ़ेंगे। खर्च बढ़ेंगे लेकिन ऊंचे भाव में कपड़ा नहीं बिकेगा।

हमने एसोसिएशन के माध्यम से सरकार से निवेदन किया है कि कपड़ा मार्केट को आधे समय के लिए खोलने की सरकार अनुमति दे। हम भी सभी दुकानें एकसाथ नहीं खोलना चाहते हैं।

अल्टरनेट दुकानें खोलने की अनुमति हम चाहते हैं। पूरे दिन भर में कपड़ा दुकानें और कारखाने सिर्फ 6 घंटे तक खुले रहें। लोकल ट्रेनें, कूरियर सर्विस, ट्रांसपोर्ट जिसके ऊपर कपड़ा उद्योग से जुडा आवागमन होता है ऐसी सभी चीजें शुरू की जाए।

20 लाख करोड़ कोरोना राहत पैकेज में से तीन लाख करोड़ के राहत पैकेज की व्यवस्था स्मॉल और मीडियम उद्योग के लिए की हुई है; लेकिन इस संदर्भ में हमारे एसोसिएशन के पास कोई अधिकृत जानकारी नहीं आई है। बैंक में हम जाते हैं तो इसके बारे में बताने में वे अपनी असमर्थता व्यक्त करते हैं।

कपडा व्यापार उधारी का व्यापार है। कपड़ा व्यापार को रईसी व्यापार कहते हैं। जिसके पास पैसा वही अपना पैसा डालकर उधारी पर व्यापार करता है। यदि सरकार को हम यह बात बताने जाते हैं तो सरकार कहती है कि आप नगद व्यवहार करो। सरकार को इस बात से कोई लेना-देना नहीं है। कपड़ा उद्योग को इस त्रासदी से बाहर निकलने के लिए लॉकडाडन खुलने के बाद भी कम से कम 6 महीने लगेंगे।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: businessbusiness ownerbusinesscoachbusinesslifebusinessmanbusinesswomenhindi vivekhindi vivek magazinemsme

हरी राम अग्रवाल

Next Post
…वरना महाराष्ट्र से चले जाएंगे उद्योग कारखाने

...वरना महाराष्ट्र से चले जाएंगे उद्योग कारखाने

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0