भारत का ईएफटीए के साथ मुक्त व्यापार समझौता

Continue Readingभारत का ईएफटीए के साथ मुक्त व्यापार समझौता

चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए के साथ भारत का मुक्त व्यापार समझौता होने से द्विपक्षीय वाणिज्य, निवेश, रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। सोमवार को एक आधिकारिक बयान में यह उम्मीद जताई गई।  ईएफटीए में शामिल ये चारों देश यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं हैं। इन देशों…

जागरूकता का माध्यम ‘मन की बात’

Continue Readingजागरूकता का माध्यम ‘मन की बात’

अक्टूबर, 2014 में शुरू हुए ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 99 एपिसोड में प्रधानमंत्री ने कई विषयों पर बात की है। आकाशवाणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम को प्रेरणा का एक विश्वसनीय स्रोत तथा कृषि और उद्यमिता विकास के लिए व्यापक जागरूकता के माध्यम के रूप में माना…

मुद्रा स्फीति पर अंकुश हेतु आरबीआई ने रेपो दर बढ़ाई

Continue Readingमुद्रा स्फीति पर अंकुश हेतु आरबीआई ने रेपो दर बढ़ाई

अभी हाल ही में दिनांक 04 मई 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 40 अंकों की वृद्धि कर इसे 4 प्रतिशत से बढ़ा कर 4.40 प्रतिशत कर दिया है। रेपो दर में उक्त वृद्धि 45 महीनों पश्चात अर्थात अगस्त 2018 के बाद की गई है। इसके तुरंत…

ग्लोबलाइजेशन और लोकलाइजेशन मॉडल

Continue Readingग्लोबलाइजेशन और लोकलाइजेशन मॉडल

मेष संक्रांति के दिन हमारे गांव में हर साल मेला लगता है जिसमे पूरा गांव सम्मिलित होता है और मेले से घरेलू प्रयोग की हर वस्तु लेते हैं बनाने वाले सब आस पास गांव के ही होते हैं लेकिन दुर्भाग्य अब कोई मेला देखने जाता नही और दुकाने कम होती…

राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस: ग्राहक जानें अपना अधिकार

Continue Readingराष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस: ग्राहक जानें अपना अधिकार

  इस दुनिया में इस्तेमाल करने योग्य लाखो सामान है जिसे कंपनी या फिर कारखानों में तैयार किया जाता है और फिर उसे आम जनता अपने इस्तेमाल के लिए खरीदती है। सामान को तैयार करने वाले की लागत और लाभ से लेकर दुकानदार के लाभ के साथ सभी पैसे खरीदने…

अंधाधुंध उत्पादन से बेहतर है संयम से खर्च

Continue Readingअंधाधुंध उत्पादन से बेहतर है संयम से खर्च

बिजली बनाने के हर सलीके में पर्यावरण के नुकसान की संभावना है। यदि उर्जा का किफायती इस्तेमाल सुनिश्चित किए बगैर उर्जा के उत्पादन की मात्रा बढ़ाई जाती रही तो इस कार्य में खर्च किया जा रहा पैसा व्यर्थ जाने की संभावना है और इसका विषम प्रभाव अर्थ व्यवस्था के विकास पर पड़ेगा।

सीपीईसी को लेकर पाकिस्तान में असंतोष और विरोध

Continue Readingसीपीईसी को लेकर पाकिस्तान में असंतोष और विरोध

इस गलियारे को ऊपरी तौर पर केवल व्यापारिक दृष्टि से एक व्यापार संबंधी नया रूट खोलने के रूप में प्रदर्शित किया जा रहा है मगर तथ्य यह है कि सीपीईसी के कारण चीन की पकड़ इस क्षेत्र में जबरदस्त ढंग से मजबूत हो जाएगी और इससे सामरिक संतुलन बिगड़ेगा। खासकर अरब सागर में चीनी विस्तारवाद के लिए ग्वादर एक नया आधार बनेगा। 

प्रगति की मिसाल भीलवाड़ा टेक्सटाइल उद्योग

Continue Readingप्रगति की मिसाल भीलवाड़ा टेक्सटाइल उद्योग

भीलवाड़ा जिला काफी समय से पानी की कमी के चलते डार्क जोन में रहा है। अत: यहां नए प्रोसेस की अनुमति प्रशासन द्वारा नहीं दी जा सकती। इसलिए कपड़ा फिनिश करवाने के लिए यहां के उद्यमियों को बालोतरा भेजना पड़ता है परंतु पिछले दो-तीन वर्षों में कुछ क्षेत्रों में पानी की कमी दूर हुई है, परंतु इसका तहसील के अनुसार पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है। जिससे नए प्रोसेस हाउस की अनुमति मिल सके।

प्रगति की ओर अग्रसर मर्दा ग्रुप

Continue Readingप्रगति की ओर अग्रसर मर्दा ग्रुप

मर्दा बंधुओं ने अरविंद ब्राण्ड धोती के व्यवसाय पर अपना ध्यान केंद्रित किया और उसके लिये खूब मेहनत की। रणनीतिक और तकनीकी रुपसे परिश्रम कर उन्होंने अपने व्यापार को पुरे भारतवर्ष में फैलाया। कुछ ही समय में धोती किंग के रुप में विख्यात हुए। उस समय धोती बहुत ही लोकप्रिय वस्त्र हुआ करता था, जिसे भारत के ह्रदय को छुने वाला वस्त्र भी माना जाता था।

भारत के वस्त्रोद्योग का भविष्य

Continue Readingभारत के वस्त्रोद्योग का भविष्य

कोविड-19 की स्थिति में फेस मास्क और पीपीई कवरऑल जैसे बुनियादी उत्पादों के लिए भारत को स्थानीय मांगों को पूरा करने में संघर्ष करना पड़ा। अन्य देश जैसे वियतनाम, मलेशिया और इंडोनेशिया जो तकनीकी वस्त्रों के लिए ज्यादा जाने नहीं जाते हैं, इन मेडिकल डिस्पोजबल्स की आपूर्ति करके बड़ी मात्रा में यूएसडी राजस्व पैदा कर रहे हैं। निर्यात प्रतिबंधों में हालिया बदलाव के साथ, भारत ने भारी संख्या में पीपीई किट का निर्यात करना शुरू कर दिया है।

भारतीय वस्त्र उद्योग और निवेश के अवसर

Continue Readingभारतीय वस्त्र उद्योग और निवेश के अवसर

भारतीय निर्मित वस्त्र और हस्तशिल्प कई देशों को निर्यात किए जाते हैं। निर्यात के लिए अमेरिका प्राथमिक बाजार है, लेकिन देशों की कुल संख्या 100 तक है। निर्यात में 41% हिस्सेदारी के साथ रेडीमेड वस्त्र सबसे बड़ा खंड है। कपड़ा मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार, भारत ने पिछले साल की तुलना में 7% की वृद्धि के साथ 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कपड़ा निर्यात किया।

End of content

No more pages to load