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इमिटेशन ज्वेलरी पार्क बनाया जाए

इमिटेशन ज्वेलरी पार्क बनाया जाए

by नागेंद्र मेहता
in उद्योग, जून- सप्ताह एक, सामाजिक
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भारतीय इमिटेशन ज्वेलरी उद्योग चीन से आयातित माल व अंडरइनवायसिंग से संकट में पड़ गया है। इसलिए इसकी रोकथाम की जाए तथा इमिटेशन ज्वेलरी पार्क बनाया जाए तो 20 लाख से अधिक नए रोजगारों का सृजन हो सकता है।

इज्मा लगभग 32 साल पुरानी संस्था है। इमिटेशन ज्वेलरी के लगभग 3500 व्यवसायी इसके सदस्य हैं। वाणिज्य मंत्रालय के द्वारा गठित जेम्स एण्ड ज्वेलेरी डोमेस्टिक काउंसिल में इज्मा भी सदस्य है। यह सेक्टर एमएसएमई के अंतर्गत आता है। यह उद्योग अत्यंत रोजगारोन्मुख है क्योंकि यहां अधिकांश काम हाथ से होता है और स्वचालित मशीनों से काम कम होता है। हमारी इंडस्ट्री में अधिकतम कार्य इंसानी कार्य हैं, मशीनों से होने वाले कार्य बहुत कम हैं। भारत में इमिटेशन ज्वेलरी का कुल उत्पादन 30-40 हजार करोड रुपए का है। इसमें करीब 25-27 लाख लोग रोजी-रोटी कमाते हैं।

विगत कई वर्षों से इस उद्योग को चीन से आयात किए जाए वाले माल से संकट का सामना करना पड़ रहा है। हमारे आयातक अंडर इन्वाइसिंग करके सामान मंगवाते हैं। एक करोड के माल का केवल 5-7 लाख का ही बिल बनाया जाता है। उन्हें केवल 5-7 लाख पर ही कस्टम ड्यूटी लगती है। इससे चीन से आयातित माल सस्ता हो जाता है। चीन से लगभग 5 हजार करोड से ज्यादा माल भारत में आता है।

हमारे सेक्टर में 60% से अधिक महिलाएं कार्य करती हैं। चीनी माल की वजह से अब उन महिलाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। इसमें अधिकांश वे महिलाएं हैं जो अपने घरों में बैठ कर खाली समय में यह काम करती हैं और घर खर्च का कुछ भार अपने कंधों पर उठाती हैं।

इज्मा के अध्यक्ष मधुभाई पारेख का कहना है कि पालघर जिले के वन क्षेत्र के बहुत बड़े भाग में आदिवासी महिलाएं इस व्यवसाय से रोजगार प्राप्त करती हैं। लम्बे लॉकडाउन के कारण उनकी रोजी-रोटी पर भी प्रतिकूल असर पडा है। चीन से आयातित माल के कारण इनकी रोजीरोटी भी छिन गई है।
हमारी सरकार से यह मांग है कि सबसे पहले चीन से आयातित माल की अंडर इंवॉइसिंग को रोके। कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया जाए तथा आयात किए जाने वाले माल का न्यूनतम मूल्य तय किया जाए। सरकारी आंकडे बताते हैं कि चीन से 100 रुपए प्रति किलो की दर पर माल मंगाया जाता है जबकि उसका उत्पादन मूल्य कम से कम 1500 से 2500 रुपए प्रति किलो होता है। अब वैश्विक स्तर पर चीन के प्रति विश्वस कम होने की वजह से भारतीय आभूषण उद्योग पर सबकी नजर होगी। लेकिन हमारे यहां तकनीक तथा कुशल कारीगरों का अभाव है। जिससे बड़ी मात्रा में अच्छी गुणवत्ता का माल समय पर नहीं बन पाता। उत्पाद का मूल्य बढ़ जाता है, जिससे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा में हम पिछड़ जाते हैं।

अत: हम सरकार से निवेदन करते हैं कि वे इमिटेशन ज्वेलेरी पार्क बनाए जहां ट्रेनिंग सेंटर, कॉमन फैसिलिटी सेंटर, तथा सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध हो। अगर सरकार हमें सहयोग करती है तो इस उद्योग में निर्यात तथा रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। हम लोग आने वाले तीन-चार सालों में करीब 75000 करोड की इंडस्ट्री बन सकते हैं और 20 लाख से अधिक नए रोजगार का सृजन कर सकते हैं।

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Tags: businessbusiness ownerbusinesscoachbusinesslifebusinessmanbusinesswomenhindi vivekhindi vivek magazinemsme

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