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पितांबरी: एक कामयाब उद्योग समूह

पितांबरी: एक कामयाब उद्योग समूह

by डॉ. दिनेश प्रताप सिंह
in जनवरी -२०१२, संस्था परिचय
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अपने गुणवत्ता पूर्ण उत्पादनों के माध्यम से ‘पितांबरी’ ने आज न केवल सम्पूर्ण भारत वर्ष में अपितु विदेशी बाजारों और ग्राहकों के मन में भी महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। किसी भी कम्पनी को अपने कार्यक्षेत्र में बने रहने और निरंतर प्रगतिपथ पर बढ़ते रहने के लिए उत्तम दर्जे की गुणवत्ता वाले उत्पादों के साथ ही बाजार (ग्राहक) की उपलब्धता, कुशल तथा अनुभवी प्रबन्धन और कार्यक्षम कर्मचारियों का समूह आवश्यक होता है। यह व्यावसायिक और औद्योगिक भाषा में कम्पनी का ‘कोर ग्रुप’ कहा जाता है।

पितांबरी की स्थापना और प्रारम्भिक अवस्था से विकास का कार्य रवीन्द्र प्रभुदेसाई और उनके परिवार के प्रयत्न से हुआ। रवीन्द्रजी को उद्योग स्थापित करने की प्रेरणा अपने पिता श्री वामनराव प्रभुदेसाई से प्राप्त हुई, जिनका ट्रान्सपोर्ट का अच्छा-खासा कारोबार था। रवीन्द्रजी उस जमे-जमाये व्यवसाय में शामिल हो सकते थे, किन्तु उन्होंने कुछ नया करने का निश्चय किया। उन्होंने रसायनशास्त्र में बी. एससी. करके के उपरान्त बिजनेस मैनेजमेन्ट की पढ़ाई की। तत्पश्चात घर से ही कुछ प्रयोग करने की सोची और जुट गये उसे मूर्तरूप देने में। उन्होंने पीतल के बर्तनों की चमकदार सफाई करने के लिए खास तौर से कापरशाइन ब्रांड से पाउडर का उत्पादन शुरू किया। बड़े होटलों में उसकी मांग बढ़ने लगी। किन्तु रवीन्द्रजी कापरशाइन को घरेलू उपभोक्ताओं तक पहुंचाना चाहते थे। उन्होंने अपने उत्पाद को ब्रांडिंग के नियमानुसार ‘पितांबरी’ के नाम से आकर्षक पैकिंग के साथ बाजार में उतार दिया।

उत्पादनों की संख्या, माल की मांग और निरंतर बढ़ रहे व्यवसाय के कारण एक उद्योग के लिए आवश्यक विविध विभागों- लेखा विभाग, बिक्री विभाग, उत्पादन विभाग इत्यादि की स्थापना के साथ पितांबरी धीरे-धीरे प्रगति पथ पर बढ़ने लगा। कार्य के विस्तार के साथ कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि होती गयी। इन सब पर व्यवस्थित ढंग से नियंत्रण रखने और सभी कार्य अच्छी तरह से करने की दृष्टि से अधिकारियों की दूसरी पंक्ति का विस्तार आवश्यक हो गया।

पितांबरी के विकास का चित्र रवीन्द्रजी के मानस पटल पर स्पष्ट था। पितांबरी के विकास को ध्यान में रखकर विचार करने के लिए कुशल और विश्वसनीय सहयोगियों को विभिन्न विभागों के प्रमुख के पद पर नियुक्त किया। इन सबको लेकर एक कोर ग्रुप का निर्माण किया। नियमित बैठक, चर्चा, मार्गदर्शन की सहायता से ‘इस हृदय से वह हृदय मिले’ की उक्ति के अनुरूप ‘पितांबरी’ के विकास का चित्र सबके मन में स्पष्ट तथा अंकित किया।

आज के वैश्वीकरण के युग में आधुनिकता और प्रतियोगिता के चलते कम्पनी केवल श्रमसाध्य कष्ट और ध्येय से नहीं चलती। व्यवस्थापन क्षेत्र में भी अधुनातन ज्ञान और उसका उपयोग आवश्यक होता है। इस दृष्टि से रवीन्द्रजी ने कम्पनी के कोरग्रुप और कुछ कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने की व्यवस्था की। इसके लिए कम्पनी ने काफी खर्च किया। इससे कम्पनी के दैनंदिन कार्यों और बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। आज कम्पनी का अत्याधुनिक यंत्रों से सुसज्ज आर एण्ड डी (रिसर्च एण्ड डिजाइन) सेन्टर इसकी प्रमुख विशेषता बन गया है जिसको देश की प्रमुख संस्था डिपार्टमेंट आफ साइंटिफिक इण्डस्ट्रियल रिसर्च द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।

आज पितांबरी प्रोडक्ट्स प्रा. लि. अपने होम केयर तथा हेल्थ केयर डिविजनों में 17 उत्पादों के व्यापक पोर्टफोलियो का उत्पादन व विपणन करता है। इसका सर्वाधिक ध्यान पितांबरी शायनिंग पाउडर के साथ डिटर्जेन्ट पाउडर और डिशवाश जैसे दैनिक उपयोग के वस्तुओं की बिक्री बढ़ाने की ओर है। इसके लिए देशभर में अनेक प्रकार उपक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। देशभर में बाजार खड़ा करने के साथ आज नाइजीरिया और अफ्रीका में ‘क्युअरआन पेन रिलीफ आय’ की बिक्री का प्रयास चल रहा है

इन सबके साथ पितांबरी के आयुर्वेदिक वस्तुओं के उत्पादन हेतु लगने वाली वनौषधियों को उगाने तथा उनका संवर्धन करने के लिए दापोली के पास पितांबरी द्वारा वनौषधि प्रकल्प शुरू किया गया है। इसके अलावा पितांबरी अपने उत्पादों की बिक्री के साथ ही लघु उद्यमियों द्वारा निर्मित उत्तम कोटि की वस्तुओं की मार्केटिंग भी करता है। इससे लघु उद्योगों को विकास में सहायता मिलती है।

पितांबरी की एक विशेषता रही है कि वह अपने ग्राहकों से प्राप्त फीडबैक और उनकी जरूरतों का सम्मान करते हुए उत्पादों को विकसित किया है, इसलिए इसकी बाजार में एक अलग पहचान है। ग्राहक हित के साथ ही समाज हित और राष्ट्रहित हमेशा ही पितांबरी के प्रेरक तत्व रहे हैं।

जो पितांबरी एक गृह उद्योग के रूप में स्थापित किया गया था वह एक वटवृक्ष बन गया है। आज गणपति पाड़ा (ठाणे), ठाणे-बेलापुर औद्योगिक क्षेत्र रबाले, बड़ोदरा (गुजरात), सेलम (तमिलनाडु) में पितांबरी की इकाइयां हैं। इसी तरह ठाणे में मुख्यालय के अतिरिक्त पुणे, दिल्ली, बडोदरा, सेलम, बंगलुरु, नागपुर इत्यादि में मार्केटिंग आफिस व डिपो हैं। देश भर में लाखों दूकानों के माध्यम से पितांबरी आज एक प्रिय उद्योग समूह के रूप में जाना-पहचाना जाता है। इसकी उत्पादन क्षमता को प्रतिष्ठित डीएवी संस्था से आईएसओ 9001-2000 का प्रमाण पत्र मिला है।
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