हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
राष्ट्र सेवा समिति का ईश्वरीय कार्य

राष्ट्र सेवा समिति का ईश्वरीय कार्य

by हिंदी विवेक
in मई-२०१२, सामाजिक
0

महाराष्ट्र के तटवर्ती इलाकों में बसा है ठाणे जिला। इस जिले का नाम सामने आते ही ग्रामीण वनवासी इलाका याद आ जाता है। मुंबई जैसा महानगर करीब होते हुए भी जिले के वनवासी, गरीब ग्रामीण कष्टों से भरा जीवन जीने को बाध्य है। कुपोषित लोगों की संख्या दिन‡ब‡दिन बढ़ रही है। स्वास्थ्य सेवा तो दूर की बात है। यहां की कुछ बस्तियों (पाडा) ने तो बिजली का प्रकाश भी नहीं देखा। इन लोगों के लिए कुछ करने के इरादे से ‘विवेक व्यासपीठ’ संचालित राष्ट्र सेवा समिति की स्थापना के नामफलक का उद्घाटन 2 जुलाई 2010 को प्रसिध्द उद्योगपति श्री देवेंद्र लधानी के करकमलों व्दारा हुआ। वसई‡विरार क्षेत्र के सामाजिक, औद्योगिक व अन्य क्षेत्रों के लोगों ने एकत्र होकर समिति को सहयोग का निर्णय किया। उसी समय राष्ट्र सेवा समिति के पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की गई‡ अध्यक्ष: श्री शौकिन जैन, उपाध्यक्ष: श्री शशांक नाखरे, कार्यवाह: श्री प्रदीप गुप्ता, सहकार्यवाह: श्री दिनेश सकपाल, कोषाध्यक्ष: श्री सतीश वझे तथा सम्पर्क प्रमुख: श्री चंद्रशेखर अभ्यंकर।
सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि समिति के माध्यम से ग्रामीण तथा वनवासी इलाके के गरीब व जरूरतमंद समाज के लिए सब से पहले स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में कार्य किया जाए और एक चलता‡फिरता दवाखाना आरंभ किया जाए।

नालासोपारा में 30 जनवरी 2011 को महनीय व्यक्तियों की उपस्थिति में तीन सेवा केंद्रों व राष्ट्र सेवा समिति के कार्यालय का उद्घाटन किया गया। डॉ. हेडगेवार रुग्णालय की सम्पर्क विभाग प्रमुख डॉ. अश्विनी तुपकरी के करकमलों व्दारा कार्यालय का उद्घाटन हुआ। स्थानीय विधायक श्री क्षितीज ठाकुर, महापौर श्री राजीव पाटील, विवेक व्यासपीठ के श्री दिलीप करंबेलकर आदि विशिष्ट व्यक्ति मौजूद थे।

स्वामी विवेकानंद रुग्ण साहित्य केंद्र व संत गाडगे बाबा रुग्ण सहायक केंद्र का उद्घाटन जीवदानी ट्रस्ट के कार्यवाह श्री प्रदीप तेंडुलकर ने किया। नरवीर चिमाजी आप्पा चलते‡फिरते दवाखाने का उद्घाटन विधायक श्री क्षितीज ठाकुर ने किया और इन उपक्रमों का लोकार्पण किया गया।

वसई तालुका का पूर्व भाग अर्थात राष्ट्रीय महामार्ग का पूर्वी इलाका अत्यंत दुर्गम होने से सुविधाओं से वंचित है। अनाज के लिए पैसे नहीं तो दवाओं के लिए पैसे कहां से लाए यह कहने वालों की संख्या बहुत है। वृध्दों की संख्या भी अधिक होने से ये लोग चिकित्सा के लिए पैसे कहां से लाएंगे? इन सभी का विचार राष्ट्र सेवा समिति ने किया। पूर्वी इलाके के अतिदुर्गम क्षेत्र के 17 गांवों की 61 बस्तियों पर 1 फरवरी 2011 को ‘स्वास्थ्य आपके व्दार पर’ यह संकल्पना आरंभ की गई। सोमवार से शनिवार प्रति दिन सुबह 9 से शाम 6 बजे तक चल दवाखाने के माध्यम से प्राथमिक चिकित्सा आरंभ की गई और रुग्णों के चेहरों पर संतोष दिखाई देने लगा। इसके पूर्व रुग्णों को 2 से 3 मील पैदल चलकर चिकित्सा करानी होती थी। कभी‡कभी पैसे के अभाव में चिकित्सा भी संभव नहीं हो पाती थी। चल दवाखाने से बच्चों के स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना भी संभव हुआ। अब तक 22 हजार से अधिक रुग्णों ने इस सेवा का लाभ उठाया है।

वसई‡ नालासोपारा ये दो शहर बन गए हैं, लेकिन पश्चिम इलाके में गरीब व जरूरतमंद लोगों की बस्तियां हैं। उनकी स्वास्थ्य सेवा के लिए शाम 6 से 9.30 के बीच 6 अक्तूबर 2010 को दशहरे के दिन सेवा कार्य आरंभ किया गया।

भाताणे नामक गांव के थळ्याचा पाडा नामक बस्ती की आंगनवाडी सेविका की सहायता से डॉ. कस्तूरी मोदी ने 13 वर्ष से अधिक उम्र की लड़कियों का उम्र के कारण आने वाले बदलावों पर मार्गदर्शन किया। इस शिविर में काफी लड़कियां उपस्थित थीं।

‘विवेक व्यासपीठ’ व्दारा संचालित राष्ट्र सेवा समिति ने दो वर्ष की अल्पावधि में ठाणे जिले के दुर्गम इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को गरीब और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का उल्लेखनीय कार्य किया है। इसमें नरवीर चिमाजी आप्पा चलता‡फिरता दवाखाना, स्वामी विवेकानंद रुग्ण साहित्य केंद्र, पैथालॉजी सेंटर, संत गाडगे बाबा रुग्ण सहायक केंद्र, रुग्ण सेवा के लिए परिचारिका, ग्राम स्वास्थ्य रक्षक योजना, 24 घंटे रुग्णवाहिका सेवा तथा नालासोपारा स्टेशन के पास स्थायी दवाखाना आदि सेवाएं शामिल हैं। वनवासी बच्चों पर संस्कारों के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया गया तथा गरीब बच्चों को स्कूल सामग्री का वितरण किया गया।

ग्रामीण इलाके के लड़के मुश्किल से 10वीं तक अध्ययन कर पाते हैं और गांव में या आसपड़ोस में उपलब्ध छोटे‡मोटे रोजगार पर अपना निर्वाह करते हैं। इन युवाओं को इकट्ठा कर तिल्हेर गांव में शैक्षणिक मार्गदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस परिसर में ईसाई मिशनरी कार्यरत हैं और वे धर्मांतर करवाने में लगे हैं। उनके प्रचार और प्रसार के कारण यहां के गरीब, वनवासी पहले जैसे हिंदू त्योहार नहीं मनाते। यह ध्यान में आते ही संस्था ने 19 मार्च 2011 को होली के अवसर पर 12 बस्तियों पर मिठाई का वितरण किया।

यहां गरीब स्कूली बच्चों की संख्या भी काफी है। इसीलिए 7 जुलाई से 5 अगस्त 2011 की अवधि में ग्रामीण व जिला परिषद स्कूलों में विभिन्न कक्षाओं में 1 से 5 क्रमांक आए छात्रों को 2500 बस्तों, कम्पास व 14 हजार कॉपियों का वितरण किया गया। इस उपक्रम से 11 केंद्रों की 165 स्कूलों, 600 अध्यापकों तथा 10 हजार छात्रों तक पहुंच सके। इस साहित्य वितरण कार्यक्रमों में लेखक‡ साहित्यिक बिपिनचंद्र ढापरे, ज्येष्ठ स्वयंसेवक श्री रमेश वझे तथा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को सम्मिलित किया गया। इसमें 60 महिलाओं, 10 छात्रों व 150 पुरुषों का समावेश था।

धर्म, संस्कृति और राष्ट्र रक्षा का महत्व समझाने के लिए रक्षाबंधन के अवसर पर ग्रामसभाओं में जाकर जिला परिषद की स्कूलों में रक्षाबंधन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर समाज के विभिन्न स्तरों के 2500 लोगों को रक्षाएं बांधी गईं। महिलाओं ने महिलाओं को व पुरुषों ने पुरुषों को रक्षाएं बांधीं।

रा. स्व. संघ के विविध उपक्रम होते हैं और उनमें से ही एक है दिवाली वर्ग। जिन बस्तियों पर अपना चल दवाखाना जाता है उनमें से 9 गांवों की 15 बस्तियों के 51 छात्रों को निर्मल गांव में आयोजित दिवाली वर्ग के लिए लाया गया। इसमें उन पर शारीरिक, बौध्दिक आदि विविध कार्यक्रमों के संस्कार किए गए। इस उपक्रम से 15 साल की आयुवर्ग के लड़कों की एक टीम तैयार हो गई।

किसी भी कार्यक्रम में महिलाओं का सहभाग बड़े पैमाने पर होना चाहिए। इससे कार्य जल्दी सफल होता है। इसलिए मकर संक्रांति के अवसर पर 11 गांवों की 33 बस्तियों पर हल्दी‡ कुंकुम का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्राकृतिक वातावरण में नृत्य, गीत, नाटिका पेश की गई। महिलाओं ने परम्परागत वेशभूषा कर और नौ गजी साड़ियां पहन कर कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इससे राष्ट्र सेवा समिति का कार्य घर‡घर पहुंच गया। अमीर व गरीब सभी स्तरों की महिलाएं एकत्रित हुईं।
वनवासी क्षेत्र अतिदुर्गम व पहाड़ों‡खाइयों में बसा है। प्राथमिक चिकित्सा, स्वास्थ्य जागृति, स्वास्थ्य शिक्षा का अभाव, महामारी का फैलाव, माता व शिशु मौत की बढ़ती संख्या की परिस्थिति में स्वास्थ्य सेवा सप्ताह में एक बार ही दी जाती है। बाकी के दिनों में कोई भी बीमार पड़ सकता है। इस बात को ध्यान में रखकर ग्राम स्वास्थ्य रक्षक योजना बनाई गई। स्वास्थ्य रक्षकों को रा.स्व.संघ की जनकल्याण समिति के महाराष्ट्र प्रांत सदस्य श्री अच्युतराव देशपांडे व ठाणे विभाग कार्यवाह श्री विनायकराव निमकर की ओर से प्रशिक्षण देकर उन्हें दवाओं का बॉक्स दिया गया। उन्हें किस ऋतु में कौनसा आहार सेवन किया जाए व कुछ घरेलू चिकित्सा की जानकारी देने वाले पत्रक दिए गए। ग्राम स्वास्थ्य रक्षक का चयन करते समय वह स्थानीय हो, गांव में ही रहने वाला हो, शिक्षित हो, सामाजिक भावना रखने वाला हो यह ध्यान में रखा गया। फिलहाल 25 गांवों में 25 ग्राम स्वास्थ्य रक्षक कार्यरत हैं।

संस्था का दूसरा उपक्रम है स्वामी विवेकानंद रुग्ण साहित्य केंद्र। आरंभ में एक बैकरेस्ट से शुरुआत हुई। आज इस केंद्र में 100 रु. से 15 हजार रु. मूल्य की विविध सामग्री उपलब्ध है। केंद्र के पास लाखों रु. मूल्य की सामग्री उपलब्ध है। परिसर के 100 निजी व सरकारी रुग्णालयों, 500 सोसायटियों, 60 गणेश उत्सव मंडलों, 40 मंदिरों ज्येष्ठ नागरिक संगठनों, सामाजिक संस्थाओं को केंद्र के बारे में जानकारी दी गई। यह कार्य श्री विश्वास परब देखते हैं।

तीसरा उपक्रम है संत गाडगे बाबा रुग्ण साहित्य केंद्र। इस केंद्र की ओर से बीमारों की सुश्रुषा के लिए परिचारिकाएं अथवा परिचारक (केयर टेकर) भेजे जाते हैं। बीमारों के रिश्तेदारों को सूचनाएं दी जाती हैं। रुग्ण सहायक के कार्यों के बारे में भी जानकारी दी जाती है।
संस्था यहीं नहीं रुकी है। संस्था के कार्यकर्ता शहरी इलाकों में जाकर लोगों से पुराने कपड़े एकत्र करते हैं और उनका बस्तियों पर जाकर वितरण किया जाता है। बेलवाडी की एक आंगनवाड़ी में 25 छोटे बच्चों को थालियों का वितरण किया गया। बेलवाड़ी की जिला परिषद की स्कूल के 55 छात्रों को भोजन के लिए थाली, कटोरी, प्याला आदि का वितरण किया गया।

थोड़े समय में प्रचार‡प्रसार काफी हुआ है। आज यहां के ग्रामीण इलाके में संस्था का नाम परिचित हो गया है। कई गांवों से भी इस सेवा को शुरू करने का अनुरोध किया गया है। इससे संस्था की लोकप्रियता का अनुमान लगाया जा सकता है।

राष्ट्र सेवा समिति ने अल्पावधि में ही बड़ा काम किया है। कार्य जारी ही है। हाल में नालासोपारा (पूर्व) में संस्था की ओर से पैथालॉजी सेंटर व दवाखाना आरंभ किया गया है और कम दर में 24 घंटे रुग्णवाहिका उपलब्ध कराई गई है। इस केंद्र का उद्घाटन वसई‡विरार के महापौर श्री राजीवजी पाटील के करकमलों व्दारा किया गया। रुग्णवाहिका का लोकार्पण रा.स्व.संघ के वसई जिला संचालक डॉ. भालचंद्र घाटे के करकमलों व्दारा किया गया।

संस्था के सात पदाधिकारी, सात कर्मचारी, 4 डॉक्टर, 3 वाहन चालक, 2 परिचारिकाएं, एक प्रकल्प प्रमुख, एक केंद्र प्रमुख है और उनकी संख्या बढ़ ही रही है। संस्था का महीने का खर्च एक लाख रु. से अधिक है। प्रकल्प अधिकारी के रूप में श्री उमेश सावंत कार्यरत हैं। फेसबुक के जरिए संस्था के कार्यों की जानकारी सर्वत्र पहुंचाई गई है। संस्था के कार्यों का अध्ययन करने के लिए अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि आते हैं। इससे संस्था के कार्य का महत्व समझ सकते हैं।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: community servicehindi vivekhindi vivek magaazinerashtra seva samitisocial work

हिंदी विवेक

Next Post
श्री गजानन महाराज सेवा संस्थान अध्यात्म और सेवा का संगम

श्री गजानन महाराज सेवा संस्थान अध्यात्म और सेवा का संगम

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0