बाबू जगजीवनराम और सामाजिक समरसता

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हिन्दू समाज के निर्धन और वंचित वर्ग के जिन लोगों ने उपेक्षा सहकर भी अपना मनोबल ऊंचा रखा, उनमें ग्राम चन्दवा (बिहार) में पांच अप्रैल, 1906 को जन्मे बाबू जगजीवनराम का नाम उल्लेखनीय है। उनके पिता श्री शोभीराम ने कुछ मतभेदों के कारण सेना छोड़ दी थी। उनकी माता श्रीमती बसन्ती देवी…

कुष्ठ रोगियों के आशा केन्द्र दामोदर गणेश बापट

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कुष्ठ रोग और उसके रोगियों को समाज में घृणा की नजर से देखा जाता है। इसका लाभ उठाकर ईसाई मिशनरियां उनके बीच सेवा का काम करती हैं और फिर चुपचाप उन्हें ईसाई भी बना लेती हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने काम के विस्तार के साथ-साथ सेवा के अनेक क्षेत्रों…

दिव्य प्रेम सेवा मिशन

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एक ऐसे समय में जब उदात्त मानवीय मूल्य धीरे‡धीरे अप्रासंगिक होने के खतरे में हों और नये समय की नयी मूल्य संरचना में करुणा, सेवा व मानव धर्म के सन्दर्भ निरन्तर क्षुद्र अथवा आवांछित होते जा रहे हों, तब आशीष गौतम जैसी कोई शख्सियत सेवा, समर्पण व मनुष्यता के प्रति एक गहरा भरोसा पैदा कर जाती है।

सामाजिक व्यवस्था से बड़ा कोई नहीं

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अपने देश और समाज में दिल को दहला देने वाली अनेक प्रकार की घटनाएं होती रहती हैैं। कभी आतंकवादियों द्वारा बम विस्फोट तो कभी महिलाओं के साथ दुराचार की घटना पर समाज की तीव्र और असंतोषजनक प्रतिक्रिया होती है, किन्तु समाज की स्मरण शक्ति अत्यन्त क्षीण है।

उद्यम व आस्था का संगम जुगल. पी. जालान

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मुंबई महानगर के सभी प्रमुख धार्मिक एवं सामाजिक आयोजनों में जालानजी हमेशा दिखायी देेते हैं। यूं भी कहा जा सकता है कि आयोजन और जालानजी एक‡दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। श्री रामलीला, श्याम मण्डल गायन, श्रीमद्भागवत, अखण्ड रामायण पाठ, भागवत संकीर्तन, भजन आदि उत्सवों की पूर्णाहुति जालानजी के बगैर नहीं होती। ऐसी विलक्षण शख्सियत तथा व्यक्तित्व के धनी जालानजी से हमारे प्रतिनिधि द्वारा लिया गया साक्षात्कार हम नीचे प्रस्तुत कर रहे हैं।

चिर विजय की कामना है, कर्म की आराधना है

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भारत का मुकुट बने हिमाचल प्रदेश में सत्ता का मुकुट किसके सिर पर चमकेगा, इसका निर्णय प्रदेश की जनता कर चुकी है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव जिन कारकों पर निर्धारित होगा, उनमें मुख्यधारा, राजनीतिक दलों की स्थिति का समावेश है। सत्ताधारी दल की कारगुजारियों का भी चुनाव परिणाम पर असर पड़ेगा।

नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स की उपलब्धियां

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1955 में स्थापित किए गए भारतीय मजदूर संघ की कामगार क्षेत्र में शानदार सफलता अर्जित की थी। कामगारों को सभी क्षेत्रों में प्रवेश दिया जा रहा था। दत्तोपंत कामगारों के मार्गदर्शक थे। कार्यकर्ताओं के समक्ष उनके सादे जीवन तथा उच्च विचार का आदर्श रहता था।

चिकित्सा के माध्यम से समाज सेवा सर्वोपरी – डॉ. विवेक देशपाण्डे

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भारतीय जनता पाटी, मुंबई द्वारा महानगर के चिकित्सकों का प्रकोष्ठ बनाया गया है। इसमें अस्पतालों, दवाखानों और ईएसआई के चिकित्सक शामिल हैं। इस प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. विवेक देशपाण्डेजी हैं।

उद्योजक सेवा पुरुष मिलिंद कांबले

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‘नौकरी करने के लिए नहीं, नौकरी देने के लिए हम पैदा हुए हैं। उद्योग में सफलता प्राप्त करें। अपना छोटा‡बड़ा उद्योग स्थापित करें और सफल बनें। सम्मान से जीयें। नौकरी मांगते रहने की अपेक्षा नौकरी देने वाले बनें।’ यह संदेश है श्री मिलिंद कांबले का।

राष्ट्र सेवा समिति का ईश्वरीय कार्य

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महाराष्ट्र के तटवर्ती इलाकों में बसा है ठाणे जिला। इस जिले का नाम सामने आते ही ग्रामीण वनवासी इलाका याद आ जाता है। मुंबई जैसा महानगर करीब होते हुए भी जिले के वनवासी, गरीब ग्रामीण कष्टों से भरा जीवन जीने को बाध्य है।

विनियोग परिवार- गोरक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य

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विनियोग परिवार जीवदया, जीवरक्षा, संस्कृति रक्षा के कार्य में पिछले 19 वर्षों से निरंतर संलग्न है। उनके प्रयत्नों से ही गोरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम हुआ और कई राज्यों में गोरक्षा कानून बने। अन्य जीवों की रक्षा के भी प्रयास सतत चलते रहते हैं। वे संस्कृति की रक्षा के लिए भोगवादी संस्कृति के प्रति समाज जागरण में भी लगे हैं। विनियोग परिवार के अध्यक्ष श्री राजेंद्र जोशी के साथ हुई बातचीत के महत्वपूर्ण अंश:‡

जिनका कोई नहीं, उनका ‘अर्फेाा घर’

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‘अर्फेाा घर’ फरिवार में सेवा को उफकार नहीं, दायित्व समझा जाता है। यह एक ऐसा यज्ञ है जहां आहुति डालना हर भारतवासी का कर्तव्य है। हम सभी समाज के ऋणी हैं और इस फ्रकार के लोगों और संस्थाओं की सहायता कर हम अर्फेाा ऋण उतार सकते हैं।

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