2016 में बन जाएगा शिक्षा जगत का आदर्श केंद्र

समाज की प्रगति ही मनुष्य की प्रगति है, इस प्रगति के लिए कुछ ऐसा करना पड़ता है, जो सबसे अलग हो, समाज के लिए आदर्श हो तथा जिसमें मानव मात्र का हित हो । कुछ ऐसा ही मार्ग श्रीमती सुमन तुलसियानी ने अपनाया और आज वे एक ऐसा नाम बनकर हम सबके सामने हैं, जो स्वस्थ तथा शिक्षित समाज की एक मजबूत आधारशिला बनकर खड़ी हैंं। गृह-निर्माण उद्योग से जुड़े एक सिंधी परिवार की बहु सुमन तुलसियानी ने लोगों की मदद करना ही अपना लक्ष्य रखा है, इसीलिए वे जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके, लोगों की मदद के लिए तैयार रहती हैं। 9 अक्तूबर, 1937 में गोवा में जन्मी सुमन की उदात्त सेवा-भावना के कारण ही पुणे के कामशेत उपनगर में सुमन रमेश टेक्निकल कैंम्पस में इंजीनियरिंग समेत तकनीकी शिक्षा का शुभारंभ इसी वर्ष हुआ हैं। इस शैक्षणिक संस्थान को सर्व-सुविधायुक्त बनाने के साथ-साथ प्राकृतिक रूप सें सुंदर इस संस्थान में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करता ही सुमन तुलसियानी का मानस है, उनका कहना है कि यह संस्थान आने वाले कुछ वर्षों में न केवल महाराष्ट्र अपितु देश का सबसे अच्छा शैक्षणिक संस्थान बनकर उभरेगा। गृह-निर्माण क्षेत्र से जुड़े एक परिवार का शैक्षणिक क्षेत्र में पूरी तैयारी से उतरना सचमुच एक बहुत बड़ी पहल है।

श्री मुकुंद और द्वारका कुवलेकर की छोटी कन्या सुमन कुवलेकर ने गोवा के मारगांव स्थित न्यू इंग्लिश हाईस्कूल से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की और अपने कदम मायानगरी मुंबई की ओर बढ़ा दिए। पढ़ाई के दौरान समाज सेवा से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के कारण सुमन जी में समाज सेवा का ऐसा भाव उत्पन्न हो गया कि उन्होंने मानव सेवा को ही अपने जीवन का ध्येय बना लिया। उच्च शिक्षा में ऊंचा स्थान पाने वाली सुमन कुवलेकर का विवाह सुप्रसिद्ध बिल्डर रमेश तुलसियानी से हुआ। 1989 में सुमन रमेश तुलसियानी चैरिटेबल ट्रस्ट (एस. आर. टी. सी. टी.) की स्थापना की। इस ट्रस्ट के माध्यम से रोगियों तथा विद्यार्थियों की सहायता का बीड़ा उठाया। अपने इसी अभियान के तहत सुमन रमेश तुलसियानी जी ने ओल्ड पुणे-मुंबई हाई-वे (राजमार्ग) एन एच-4 पर इसी वर्ष सुमन रमेश तुलसियानी टेक्निकल कैम्पस फेकेलिटी ऑफ इंजीनियरिंग का शुभारंभ किया है। सन् 2008 में इस तकनीकी शिक्षा संस्थान के लिए जमीन खरीदी गई और निर्माण कार्य शुरु किया गया और इस वर्ष के प्रारंभ में संस्थान की मुख्य इमारत बनकर तैयार हुई। शैक्षणिक, प्रशासनिक तथा आवासीय इमारतों वाला यह शिक्षण संस्थान 21 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। प्राकृतिक रूप से सुंदर इस शैक्षणिक परिसर को सर्व-सुविधायुक्त तो बनाया ही जा रहा है, साथ ही संस्था संचालक का यह मानस है कि यहां पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास भी किया जाए । पुणे या उसके आस-पास के इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए यह शैक्षणिक संस्थान किसी वरदान से कम नहीं है। दूसरे शहर से यहां पढ़ने आने वाले लड़कों, लड़कियों के रहने के लिए छात्रावास की सुविधा भी यहां उपलब्ध कराई जाएगी। यहां 1200 लड़कों तथा 600 लड़कियों के लिए छात्रावास बनाया जा रहा है। इस संस्थान में प्रवेश फीस 49,600 रुपए सरकारी नियमों के तहत रखी गई है। कैम्पस में विद्यार्थियों के मनोरंजन तथा खेल के लिए आवश्यक सुविधाएं भी मुहैय्या कराई जाएंगी, इसके अंतर्गत कॉलेज परिसर में एक आउटडोर तथा एक इंडोर स्टेडियम भी बनाया जाएगा। इतना ही नहीं, यहां मनोरंजन के लिए भी पृथक इमारत तथा ओपन एयर थियेटर बनाया जाएगा।

संस्था के निदेशक सुनील देशपांडे ने बताया कि इस वर्ष पहला सत्र शुरू हो चुका है और शैक्षणिक सत्र 2012-13 के लिए 300 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। इन विद्यार्थियों में 120 मॅकेनिकल, 60 सिविल, 60 कम्प्यूटर तथा 60 विद्यार्थी इलेक्ट्रानिक्स एंड टेलिकम्युनिकेशन में प्रवेश लिया है। पहले सत्र के बाद से विद्यार्थियों के बढ़ने का सिलसिला शुरु हो जाएगा और अगले सत्र 2013-14 में विद्यार्थियों की संख्या 540 हो जाएगी, क्योंकि अगले साल से पॉलिटेकनिक पाठ्यक्रम भी शुरु किया जाएगा, जिसमें 120 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों की संख्या 300 से बढ़कर 420 तक पहुंच जाएगा। निदेशक के अनुसार पहले दो शैक्षणिक सत्रों के बाद कॉलेज में 2015-16 एम.बी ए. का पाठ्यक्रम भी शुरु किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत 120 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। इसी तरह शैक्षणिक सत्र 2016-17 से कॉलेज में एम. सी. ए. का पाठ्यक्रम भी शुरु किया जाएगा, इसमें भी पहले बैच में 120 विद्यार्थी प्रवेश पा सकेंगे। इस तरह कॉलेज परिसर में सन् 2016-17 के शैक्षणिक सत्र में 3120 विद्यार्थियों का समूह दिखाई देगा, इनमें 2160 विद्यार्थी इंजीनियरिंग के, 360 विद्यार्थी डिप्लोमा के, 240 विद्यार्थी एम. बी. ए. तथा 360 विद्यार्थी एम सी ए के होंगे। आने वाले चार वर्षों में यह शैक्षणिक संस्था एक सर्व-सुविधा युक्त संस्था बन जाएगी। कालेज परिसर के आस-पास का हरा-भरा वातावरण एक अलग तरह का सुंदर शैक्षणिक माहौल तैयार करेगा। फिलहाल 24 लोगों के शैक्षणिक स्टॉफ से शुरु किये गये इस तकनीकी शिक्षा संस्था में चिकित्सा सुविधाएं भी मुहैय्या कराई जाएंगी, इसके अंतर्गत कालेज परिसर में नेत्र चिकित्सा विभाग तथा सामान्य चिकित्सा विभाग (ओपीडी) की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा कालेज परिसर में सुरक्षा कक्ष, कैमरा कंट्रोल कक्ष, पार्किंग, ग्रीन कैंप, लाइब्रेरी, वर्कशॉप बिल्डिंग, प्रशासनिक कार्यालय, गार्डन की व्यवस्था भी की जाएगी।
तकनीकी शिक्षा संस्थान के रूप में बनी इस शैक्षणिक संस्था में शैक्षणिक, आवासीय तथा प्रशासनिक इन तीनों सुविधाओं को अच्छी तरह से प्रदान कराने का मानस संस्था संचालक का है, इसलिए उन्होंने पूरे शैक्षणिक परिसर को सर्व-सुविधायुक्त बनाने के प्रयास भी शुरु कर दिए हैं। निदेशक के अनुसार विश्वकर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वी. आई. टी) संस्था के शिक्षकों के लेक्चर्स इस संस्थान में दिए जाएंगे। कॉलेज से अपनी डिग्री-डिप्लोमा की उपाधि पूरी करने के बाद विद्यार्थियों को रोजगार के लिए परेशान न होना पड़े, इस हेतु भी तैयारी की गई है। गृह निर्माण क्षेत्र से जुड़े तुलसियानी परिवार का उच्च तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में उतरना महाराष्ट्र में नई शैक्षणिक कांति के रूप में देखा जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि सुमन रमेश तुलसियनी ट्रस्ट वर्तमान में दीन-दुखियों की सेवा करने में रत रहता है। ट्रस्ट की संचालिका सुमन तुलसियानी मेंं समाज-सेवा का भाव ऐसे भरा है कि वे हर दिन जरुरतमंद लोगों को आर्थिक मदद करती हैं। मुंबई के जे. जे. अस्पताल, सायन अस्पताल, नायर अस्पताल में भर्ती मरीजों को आर्थिक मदद के साथ-साथ अन्य सुविधाएं ट्रस्ट की ओर प्रदान की जाती है। अस्पतालों में ट्रस्ट के कर्मचारी मरीजों की सेवा के लिए तैनात हैं, जैसे ही कोई गरीब या परेशान मरीज या उसके परिजन दिखाई देते हैं, तो वे तुरंत इसकी सूचना सुमन जी तत्काल देते हैं।

पुणे के कामशेत में बनाए गए इस कॉलेज के परिसर में दस हजार वृक्षों से प्रसारित होने वाली हवाएं यहां के वातावरण को खुशनुमा बना देंगी। सबको शिक्षा तथा उत्तम स्वास्थ्य देने का लक्ष्य सामने रखकर सन् 2008 में जिस मिशन को हाथ में लिया गया था, उसका अब शुभारंभ हो चुका है और सन् 2015-16 के शैक्षणिक सत्र तक यह तकनीकी शिक्षा केंद्र महाराष्ट्र के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा संस्थाओं में से एक होगा, अगर ऐसा कहा जाए तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। हसींवादियों के बीच जिस स्थान पर यह तकनीकी शिक्षा संस्थान शुरु किया गया है, वह स्थल अपनी सुंदरता से यहां आने वाले लोगों को अपनी ओर आकृष्ट करता है। जब यह कॉलेज पूरी तरह बन जाएगा तो उसका जो नजारा होगा, वह अपने-आप में बिल्कुल अलग होगा।

सुमन रमेश तुलसियानी चैरिटेबल ट्रस्ट की संचालिका सुमन तुलसियानी ने हिंदी विवेक से विशेष बातचीत के दौरान कहा कि प्रायः ऐसा कहा जाता है कि यदि किसी बहन को प्रभावशाली युवा, तेजतर्रार, बुद्धिमान और समर्पित भाई हो तो वह सौभाग्यशाली होती है। यह मेरा सौभाग्य है कि मेरे सबसे छोटे भाई, जिसकी उम्र वर्तमान में 77 वर्ष है, वे अभी तक सक्रीय हैं,जबकि आयु में कई उनके जैसे भाई निष्क्रिय हैं। यह निष्क्रियता शैक्षणिक योग्यता के संदर्भ में नहीं, अपितु अन्य तरह के ही हैं, वे भाई श्रीपाद (सुरेश) कुवेणकर हैं, जो हमारी दोनों संस्थाओं सुमन रमेश तुलसियानी चैरिटेबल ट्रस्ट और सुमन रमेश तुलसियानी टेक्नीकल कालेज में ट्रस्टी हैं। वे तुलसियानी बिल्डर्स एंड टेक्सटाइल्स प्रा. लि. में निदेशक और भागीदार हैं। मैं और मेरे पति अपना कार्य कार्यालय से ही निपटाते हैं। बड़ी मुश्किल से हम कामशेत के कार्यस्थल पर महीने में 8-10 बार ही जा पाते हैं। श्री कुवलेकर पुणे और कामशेत दोनों जगह सप्ताह में तीन-चार बार जाते हैं। मैं और रमेश जी उनके सदैव आभारी रहेंगे, क्योंकि उन्होंने अपनी तन्मयता, सक्षमता और योजना के माध्यम से पूरा कैम्पस तैयार किया जा रहा है। सचमुच उन्होंने तो हमारे सपनों को साकार कर दिया है।
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सुविधाएं एक नजर में

– कॉलेज परिसर में चौबीस घंटे पानी-बिजली की व्यवस्था।

– प्राथमिक चिकित्सा, रक्तदान शिबिर केंद्र तथा ओपीडी केंद्र की व्यवस्था होगी।

– बाहरी विद्यार्थियों के लिए छात्रावास तथा मेस की सुविधा।

– मनोरंजन केंद्र तथा विभिन्न खेलों के लिए आउट डोर, इन डोर स्टेडियम।

– वी आई टी के शिक्षकों का मार्गदर्शन

– रोजगार की गारंटी, डिग्री पूरी होते ही नौकरी।

– गरीबों-जरुरतमंद विद्यार्थियों को प्रवेश शुल्क में छूट

– कॉलेज परिसर से लोनावला, पुणे जाने के लिए बसों की सुविधा।

– शिक्षकों के लिए निवास की व्यवस्था।

– एक छत के नीचे, सभी सुविधाएं।


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