रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर देश के अलग अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। अर्नब की गिरफ्तारी को लेकर सभी महाराष्ट्र सरकार को दोषी बता रहे है जबकि सरकार की तरफ से शिवसेना नेता संजय राउत ने बयान जारी कर कहा कि इस कार्यवाही में सरकार का कोई हाथ नहीं है। पुलिस अपने काम कर रही है।

उधर अर्नब की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्हे अलीबाग के जिला न्यायालय में पेश किया जहां करीब 6 घंटे तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने अर्नब और दो अन्य लोगों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मुंबई में अर्नब की गिरफ्तारी के दौरान कई घंटे तक उनके घर पर ही पुलिस और अर्नब की फेमिली के बीच ड्रामा चला। इसके बाद रायगढ़ पुलिस लाइन में भी कई घंटे तक अर्नब को रखा गया जहां भारी संख्या में पत्रकारों की भीड़ इकट्टठा रही और वहां भी पुलिस और अर्नब के बीच काफी समय तक झड़प हुई।
दोपहर करीब 1 बजे अर्नब को अलीबाग जिला कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पहुंचते ही अर्नब ने सबसे पहले पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया जिसके बाद कोर्ट ने फिर से अर्नब की मेडिकल जांच के आदेश दिये लेकिन इस दौरान कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी चिल्ला रहे थे जिस पर कोर्ट ने उन्हे शांत रहने की हिदायत दी। दोबारा मेडिकल के बाद पुलिस ने फिर से अर्नब को कोर्ट से सामने पेश किया जहां कोर्ट में सरकारी वकील, पुलिस और अर्नब ने अपना अपना पक्ष रखा।
दोबारा मेडिकल जांच की वजह से देरी हुई और इसकी दूसरी मेडिकल रिपोर्ट पर भी लंबी बहस चली लेकिन जिला जज ने अर्नब के आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मेडिकल रिपोर्ट में ऐसा कोई सबूत नहीं नजर आ रहा है जिससे मारपीट की बात की पुष्टि हो सके। पुलिस ने भी कोर्ट में जानकारी दी कि अर्नब ने गिरफ्तारी के दौरान पुलिस का सहयोग नहीं किया था जिसके आधार पर भी एक एफआईआर दर्ज की गयी है लेकिन कोर्ट ने पुलिस के इस दावे को भी सबूत के अभाव में खारिज कर दिया।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील की तरफ से पुलिस हिरासत की मांग की गयी थी लेकिन पुलिस की तरफ से पेश किये गये तमाम सबूतों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने अर्नब की पुलिस हिरासत की मांग को खारिज कर दिया और अर्नब सहित दो अभियुक्तों को 14 दिन यानी 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अर्नब गोस्वानी के वकील ने जमानत की अर्जी दाखिल कर दी और मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि अर्नब को न्यायिक हिरासत में भेजना भी उनकी एक बड़ी जीत है।

सन 2018 में अलीबाग के इंटीरियर डिज़ाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां ने ख़ुदकुशी कर ली थी और अपने सुसाइड नोट में अर्नब पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। इंटीरियर डिज़ाइनर नाइक ने आरोप लगाया था कि अर्नब और दो अन्य लोग उनका पैसा नहीं दे रहे है। नाइक के मुताबिक 5.40 करोड़ का बकाया तीनों लोगों पर है।
Kanoon aapna kamrahi hai .is meia taqleef kiya ha I……
अर्नब गोस्वामी की सदल बल गिरफ्तारी पर शवसेना नेता संजय राऊत ने कहा है कि अर्नब की गिरफ्तारी में सरकार का कोई हाथ नहीं है। हो भी कैसे ? सरकार ने तो अपने हाथ सोनिया के हाथों में समर्पित जो कर रखे हैं।