प्रगति की ओर अग्रसर मर्दा ग्रुप

मर्दा बंधुओं ने अरविंद ब्राण्ड धोती के व्यवसाय पर अपना ध्यान केंद्रित किया और उसके लिये खूब मेहनत की। रणनीतिक और तकनीकी रुपसे परिश्रम कर उन्होंने अपने व्यापार को पुरे भारतवर्ष में फैलाया। कुछ ही समय में धोती किंग के रुप में विख्यात हुए। उस समय धोती बहुत ही लोकप्रिय वस्त्र हुआ करता था, जिसे भारत के ह्रदय को छुने वाला वस्त्र भी माना जाता था।

भारत विश्व में सबसे पुरातन और गौरवमयी राष्ट्र है। महाभारत और रामायण काल से लेकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन तक सभी कुछ अविस्मरणीय और स्वर्णिम है। इस स्वर्णिम इतिहास को बनाने में कई परिवारोंने अपना योगदान दिया है। वर्ष 1928 में भारत ने गाँधी युग में पदार्पण किया। इसी समय श्री दगडूलालजी मर्दा का जन्म हुआ। मात्र 16 वर्ष की आयु में राजस्थान के रानीगांव (जि. नागौर) से श्री दगडूलालजी व्यवसाय की तलाश में महाराष्ट्र के इचलकरंजी आ गये।

इसके बाद 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ। इस समय स्वतंत्र भारत को आकार देने के लिये कई व्यवसायी आगे आये। सन 1948 में श्री दगडूलालजी मर्दा ने श्री गोकुलदासजी वेद उपाख्य ङ्गगोकोबाफ के नाम से जाने वाले अपने आदर्श के साथ मिलकर अपनी प्रथम फर्म लक्ष्मीकांत भगवानदास की स्थापना की। लोग ङ्गगोकोबाफ को कपास वाले काका कहकर भी बुलाते थे। यार्न, साईजिंग, विवींग, हैण्डलुम का उद्योग स्थापित कर वह साडी की फिनिशिंग के साथ मार्केटींग का काम भी करने लगे।

वह केवल महाराष्ट्र में ही नहीं अपितु अखिल भारतीय स्तर पर बाजार में कपडे की आपूर्ति करने लगे। दगडूलालजी ने हैण्डलुम और पावरलूम का पूरा कारखाना लगाया और वे धोती एवम् साडी का उत्पादन करने लगे। वर्ष 1962 में स्वस्तिक आयल मिल, बालाजी साईजिंग वर्क्स की उन्होंने स्थापना की। मर्दा ग्रुप टेक्सटाईल इण्डस्ट्री में यार्न किंग के रुप में प्रसिद्ध हुआ।

इसी समय पुत्रों ने भी उद्योग-व्यापार में हाथ बंटाना शुरु किया। वर्ष 1976 में दगडूलालजी मात्र 48 वर्ष की अल्पायु में इस दुनिया से विदा हो गए। उस समय देश में आपात्काल लगा हुआ था। उनके पुत्र भिकुलाल, लक्ष्मीकांत, श्यामसुंदर और राजगोपाल ने  व्यापार की कमान संभाली। पिताजी के जाने के बाद मर्दा बंधुओं नें धोती के व्यवसाय पर अपना ध्यान केंद्रित किया और उसे खूब आगे बढाया। व्यावहारिक और तकनीकी रुप से परिश्रम कर उन्होंने अपने कार्यक्षेत्र को पुरे भारतवर्ष में फैलाया। वह कुछ ही समय में धोती किंग के रुप में विख्यात हो गए। उस समय धोती बहुत ही लोकप्रिय वस्त्र हुआ करता था, जिसे भारत के ह्रदय छुने वाला वस्त्र भी माना जाता था।

1980 से लेकर 1995 तक का समय धोती के लिये स्वर्णिम समय कहा जा सकता है, क्योंकि उस दौरान धोती का सर्वाधिक उत्पादन हुआ करता था। मर्दा ग्रुप ने उनकी धोती को अरविन्द ब्राण्ड का नाम दिया था। अरविन्द मार्का धोती नें देश को गौरव प्रदान किया है।

स्पिनींग – समय की नब्ज समझते हुये 1993 में अरविन्द कॉटसिन इंडिया लि. के नाम से कार्पोरेट रुप से मर्दा ग्रुप ने खुद के स्पिनिंग मिल की स्थापना श्री लक्ष्मी को-ऑप. इण्डस्ट्रीयल इस्टेट, हातकणंगले में की। इसी फ्लैगशिप कंपनी के रुप में ग्रुप में विस्तारीकरण का दौर शुरु हुआ। शुरुवात में मात्र 5000 स्पिण्डल की क्षमता से शुरु हुआ इस प्लान्ट स्थापित क्षमतामें काफी वृद्धी हुई, अब यहां पर 23520 स्पिण्डल्स कार्यरत है। प्रतिदिन की उत्पादन क्षमता 10 मेट्रीक टन है। यहाँ पर विशेष तौर से पोलिएस्टर विस्कोस, पोलिएस्टर ब्लेंडेड यार्न का निर्माण किया जाता है। मुख्य कच्चा माल पोलिएस्टर रिलायन्स इण्डस्ट्रीज से लिया जाता है एवम् विस्कोस की आपूर्ति ग्रासिम इण्डस्ट्रीज से की जाती है। आवश्यकता नुसार कपास विदर्भ से लाया जाता है। मॉडर्न तकनीक की मशिनों से युक्त प्लाण्ट में बना हुआ यार्न एवम् फैब्रिक भिवण्डी, इचलकरंजी, भीलवाडा और तमिलनाड के मार्केट में सप्लाई होता है।  क्वालिटी की नियमितता बनाये रखनें कंपनी की आंतरिक परिक्षण हेतु टेस्टींग लैबोरेटरी की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसलिये क्वालिटी के मामले में अरविन्द देश का सबसे भरोसेमन्द ब्राण्ड बना हुआ है। ग्राहकों की मांग के अनुरुप बेहतरीतन उत्पाद देने का प्रयास किया जाता है। बाजार की सही नब्ज पहचानने की क्षमता के चलते मर्दा बंधुओं का अरविंद ग्रुप तेज गति से आगे बढ रहा है और उन्हें विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है। अरविन्द ग्रुप ने टेक्सटाईल क्षेत्र में तकनीकी उन्नयन को अत्यंतधिक महत्व दिया है।

ग्रुप की मुल कम्पनी अरविंद डाईंग अँड ब्लिचींग मिल्स प्रा. लि., जिसकी स्थापना 1982 में की गयी है। वर्ष 2012 में इस कंपनी के अंतर्गत अत्याधुनिक मशिनरी और संसाधनों से युक्त 100 प्रतिशत कॉटन स्पिनींग मिल की स्थापना की। इचलकरंजी के समीप ग्राम निमशिरगांव (शिरोल तहसील) में प्रथम चरण में 22000 स्पिण्डल की स्थापित क्षमता की थी, जो कि शीघ्र ही 5 वर्ष के अंदर दुगनी कर दी गयी।  आज यहां पर 44680 स्पिण्डल की उच्चकोटी की  गुणवत्ता का सुती यार्न निर्माण करने वाली स्पिनींग मिल कार्यरत है। जिसकी उत्पादन क्षमता 575 मेट्रीक टन प्रति माह है। कच्चा माल अर्थात कपास महाराष्ट्र के विदर्भ मराठवाडा विभाग एवम् मध्य प्रदेश की कपास मंडीयोंसे उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां पर निर्मीत सुती धागा इचलकरंजी, भिवण्डी, अहमदाबाद मार्केट सप्लाई किया जाता है। यहां पर निर्मीत धागे से बने कपडे की विदेश में अच्छी मांग है, उसके अनुरुप एक्सपोर्ट किया जा रहा है।  इस उद्यम इकाई की छत पर 1.80 मेगावाट का रुफटाप सोलर प्रोजेक्ट स्थापित करके उससे निर्मीत बिजली इसी उद्योग में इस्तेमाल की जा रही है।

हरित ऊर्जा एवम् ऊर्जा संरक्षण

विश्व में बढ रहे प्रदुषण को नियंत्रित करने मकसद में अपने अल्प योगदान स्वरुप अरविंद ग्रुपने 15.45 मेगावाट के पवनऊर्जा प्रोजेक्ट की स्थापना की हुई है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 2.75 करोड हरित ऊर्जा बिजली युनिट का निर्माण हो रहा है।

किंतु विगत कुछ वर्षों से राज्य बिजली कंपनी के असहयोग के कारण न सिर्फ अरविंद ग्रुप बल्कि सभी उद्यमीयों के लिये यह प्रयोग विफलता की अग्रेसर है। हालांकि वर्तमान भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित सुधारीत बिजली कानुन को काफी अपेक्षा से देखा जा रहा है।

विविंग – अरविंद ग्रुप के अंतर्गत, 100 टोयोटा मेक एयरजेट लुम्स, कार्ल मायर मेक डाईरेक्ट हाय स्पीड साईजिंग, वार्पिंग क्षमता के 2 प्लाण्ट वर्ष 2005 में ग्राम आलते (हातकणंगले तहसील) एवम् 2015 ग्राम माणगांव (तहसील हातकणंगले) में स्थापित किये है। जहां पर अत्याधुनिक आयातीत मशिनों की स्थापना की हुई है और प्रतिवर्ष 360 लक्ष मीटर्स उच्च क्वालिटी का कपडा उत्पादन किया जा रहा है।

प्रोसेसिंग- ग्राहकों की डिमाण्ड के अनुरुप उत्तम गुणवत्ता की फिनिशींग के लिये अरविंद ग्रुप ने 2 कपडा प्रोसेसिंग हाऊस स्थापित किये हुये है। जिसमें आधुनिक तकनीक की प्रोसेसिंग मशिनरी स्थापित है। उनमें प्रतिदिन 1 लाख मीटर मैनमेड फैब्रिक पर प्रोसेसिंग, डाईंग आदि की सुविधायें उपलब्ध है।

मार्केटींग – अरविंद ग्रुप धोती बनाने में पायोनियर होने के साथ ही, विगत 5 से अधिक दशकों से वस्त्रोद्योग में अग्रणी रहा है। उनके द्वारा निर्मीत धोती, लुंगी, साडी, युनिफॉर्म, सुटींग, शर्टींग, ड्रेस मटेरीयल एवम् विविध वस्त्र श्रेणी की मार्केटींग के लिये देश के अनेकों राज्योमें और राज्य अंतर्गत विभिन्न विभागों में प्रतिनिधी नियुक्त करके मजबुत विपणन नेटवर्क स्थापित किया हुआ है। जिससे बाजार की सही नब्ज समझते हुये समयोचित संशोधन करना एवम् ग्राहकों तक उच्च गुणवत्ता का उत्पाद पहुंचाने में ग्रुप हमेशा सफल रहा है।

प्रशासनिक सुविधा के लिये अरविंद ग्रुप के अंतर्गत मुख्यतः तीन कंपनीयों का निर्माण किया हुआ है।

  1. अरविंद कॉटसिन इंडिया लि.

  2. अरविंद डाईंग अँड ब्लिचींग मिल्स प्रा. लि.

  3. अरविंद युनिवर्सल टेक्सटाईल प्रा. लि.

सामाजिक दायित्व –  मर्दा बंधुओं ने वर्ष 1983 में अपने पिताजी की पुण्यस्मृति में श्री दगडूलाल मर्दा चैरिटेबल व रिसर्च फाऊंडेशन नामक न्यास की स्थापना करके सामाजिक पुनरुत्थान हेतु उल्लेखनीय कार्य कर रहे है। न्यास द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक, पर्यावरण आदि क्षेत्रो में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जा रही है। मर्दा ग्रुप के उद्यमों मे जो लाभ मिलता है, उसका कुछ हिस्सा सामाजिक दायित्व परिपूर्ती के लिये न्यास को अदा कर दिया जाता है।

अबतक 2000 से अधिक ह्रदयरोग, किडनी मरीजों के आपरेशन में अपना योगदान देकर उनको सहायता प्रदान की है। हजारों छात्र-छात्राओं को शैक्षिक सहायता देकर उन्हें सम्बल प्रदान किया गया है। क्षेत्र के लिये वर्ष 2001 में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एम्ब्युलैन्स उपलब्ध कराया गया था।

 

 

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