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अक्षरों को सुंदर बनाने का अनोखा अभियान

अक्षरों को सुंदर बनाने का अनोखा अभियान

by हिंदी विवेक
in जनवरी- २०१३, संस्था परिचय
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सुंदरता का जब-जब उल्लेख होता है, मन प्रसन्न हो जाता है। सुंदरता चाहे चेहरे की हो, वस्त्र की हो, वाणी की हो या फिर लेखन की, मन को आनंदित करती ही है, लेकिन लेखन की सुंदरता पर ज्यादातर लोग ध्यान नहीं देते। जलगांव के किशोर कुलकर्णी ने हर व्यक्ति के लेखन में सुंदरता आए, इसके लिए राज्यस्तरीय अभियान चलाकर कई विद्यार्थियों का लेखन सुधारने का बीड़ा उठाया और अब तक कई ऐसे विद्यार्थी सामने आए हैं, जो अपने सुंदर लेखन से सबका मन जीत लिया है। किशोर कुलकर्णी की चाहत है कि इस अभियान को समूचे भारत में चलाया जाए। जिस लगन से वे अपना कार्य कर रहे हैैं, उसे देखते हुए असंभव नहीं लगता कि आगामी कुछ वर्षों में भारत में अधिकृत रूप से सुंदर हस्ताक्षर दिवस मनाया जाने लगेगा।

हर साल 23 जनवरी को भारत के छोटे-बड़े स्थानों पर समर्थ रामदास की जयंती दास नवमी के अवसर पर मनाने की आवश्यकता प्रतिपादित करने वाले किशोर कुलकर्णी का कहना है कि जलगांव में सुंदर हस्ताक्षर अभियान को भारी सफलता मिल रही है।समर्थ रामदास स्वामी ने 450 वर्ष पूर्व सुंदर हस्ताक्षर का रहस्य दासबोध में उद्धरित किया था।

राज्य के 400 स्कूलों के लगभग दो हजार से ज्यादा विद्यार्थियों के अक्षरों को सुंदर रूप प्रदान करने का कार्य कर रहे किशोर कुलकर्णी अपने इस अभियान को चलाने के लिए किसी भी प्रकार का मानधन नहीं लेते।

आज के कम्प्यूटर के युग में विद्यार्थियों के ही नहीं, हर व्यक्ति का हस्ताक्षर सुंदर हो, इसके लिए पिछले 16 वर्षों से सुंदर हस्ताक्षर अभियान चलाने वाले किशोर कुलकर्णी का यह कार्य अक्षर की तरह ही है। कुलकर्णी अपना यह कार्य अपनी नौकरी संभालते हुए कुशलतापूर्वक कर रहे हैैं। अब तक 400से अधिक बार सुंदर हस्ताक्षर के बारे में व्याख्यान दे चुके किशोर कुलकर्णी का कहना है कि व्याख्यानों को सुनकर 2000 से ज्यादा विद्यार्थियों ने अपने हस्ताक्षर को काफी सुंदर बनाया है। जलगांव से शुरू हुआ यह अभियान धीरे- धीरे पूरे देश में विस्तार पा रहा है। कुलकर्णी अपना यह कार्य बगैर किसी प्रचार-प्रसार के करते हैं। विदेश में जिस तरह पेन और पेंसिल से लेखन-सामग्री बनाने की संस्था मौजूद है और इसी संस्था के बैनर तले हर वर्ष 23 जनवरी को विश्व हस्ताक्षर दिवस (नेशनल हैंडराइटिंग डे) का आयोजन किया जाता है, ऐसा ही दिन भारत में भी आयोजित किया जाए, ऐसी मांग कुलकर्णी लगातार करते आ रहे हैैं। समर्थ रामदास ने अपने दासबोध में 450 वर्ष पूर्व सुंदर हस्ताक्षर के महत्व को जाना, इसी कारण हर साल दासनवमी को मराठी दिवस के रूप में मनाकर इस दिन राष्ट्रीय सुंदर हस्ताक्षर दिवस मनाने की निरंतर कोशिश कर रहे हैैं। कुलकर्णी को सुंदर हस्ताक्षर उपक्रम चलाने की प्रेरणा कैसे मिली? इस बारे में कुलकर्णी ने बताया, ‘‘मैंने अत्यंत प्रतिकूल परिस्थिति को मात देकर यह कार्य शुरु किया था।’’

किशोर कुलकर्णी

अमलनेर तहसील के करणखेड़ा के मूल निवासी किशोर कुलकर्णी अपने गांव के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के प्रति भी खासे उत्साही हैैं। सन् 1996 में नासिक तरुण भारत में प्रशिक्षु पत्रकार के तौर पर कार्यरत हुए, उसी समय से नागपुर के नाना लाभे नामक सुंदर हस्ताक्षर करने का मार्गदर्शन करने वाले शिक्षक से उनकी मुलाकात हुयी, उन्होंने किशोर कुलकर्णी को सुंदर हस्ताक्षर करने का गुर सिखाया। लाभे ने पहले सुंदर लिखना सिखाया और उसके बाद सुंदर हस्ताक्षर लिखने के लिए जो जरूरी बातें होती हैैं, उसके बारे में मार्गदर्शन भी दिया। उन्होंने इस दौरान यह भी भरोसा दिलाया था कि अगर किसी ने उनकी पद्धति को अपनाकर लिखना शुरू किया और उसका लेखन सुंदर नहीं हुआ, तो वे अपना कार्य छोड़ देंगे। लाभे हर किसी से कहते हैं, ‘‘प्रयास तो करके देखिए, आपका हस्ताक्षर अच्छा हो जाएगा। इस समय लाभे से की गई बातचीत के दौरान उन्होंने तीन महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान दिलाया। पहली यह कि अगर व्यक्ति सीधा-सादा तो उसके अक्षर भी सीधे-सादे। अक्षर सीधे, बड़े तथा पृथक लिखने चाहिए। दूसरी बात उन्होंने यह बतायी कि अक्षर कई वर्णों से योग से बनते हैं, इसलिए इन वर्णों के मूल चिन्ह को अच्छी तरह से पहचानना जरूरी है। लाभे की नजर में तीसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि अक्षर बहुत छोटे, बहुत बड़े या बहुत अलग तरीके से न बनाए जाएं। लाभे के अनुसार निरंतर अभ्यास करने से लेखन में सुधार आता है। अगर एक माह लगातार लेखन सुधारने की दृष्टि से प्रयास किए जाएं, तो खराब से खराब लिखने वाले व्यक्ति के लेखन में बहुत सुधार आ जाता है। लाभे द्वारा सुझाए गए मार्ग का अनुसरण करने के बाद सुंदर लेखन के बाद सुंदर अक्षरों वाले पांच पत्र जब किशोर कुलकर्णी ने नागपुर में प्रेषित किए, तो लाभे ने कुलकर्णी के इस प्रयास की सराहना की और उन्होंने कहा कि सुंदर अक्षर में लिखे गए ये पत्र ही उनकी गुरुदक्षिणा हैं। नाना लाभे द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलते हुए किशोर कुलकर्णी के इस अभियान को खानदेश समेत महाराष्ट्र के अनेक स्थानों पर व्यापक समर्थन मिला। अगर भविष्य में इस कार्य में अधिकांश लोगों का सहयोग मिला तो गंदे अक्षरों को कालबाह्य करने में देर नहीं लगेगी। सुंदर अक्षर को देखते ही मन आनंदित हो जाता है। किशोर कुलकर्णी का कहना है कि सुंदर हस्ताक्षर अभियान को मिली प्राथमिक सफलता के कारण उन्हें इस बात का एहसास हो गया था कि यदि इस अभियान को पूरे राज्य में चलाया जाए तो इससे काफी लोग जुड़ेंगे और हुआ भी वैसा ही, जैसा कुलकर्णी ने सोच रखा था।

विश्व में सुंदर हस्ताक्षर दिवस के रूप में मनाई जाए दास नवमी

जलगांव की जैन इरिगेशन कंपनी तथा स्व. वसंतराव चांदोरकर प्रतिष्ठान के सहयोग से सुंदर हस्ताक्षर अभियान को संचालित करने वाले किशोर कुलकर्णी की मंशा है कि दास नवमी का दिन न सिर्फ भारत अपितु विश्व में सुंदर हस्ताक्षर दिवस के रूप में मनाया जाए। किशोर कुलकर्णी को पूरा भरोसा है कि निकट भविष्य में उनकी यह मंशा पूरी हो जाएगी। इस बारे में कुलकर्णी ने यह भी बताया है कि उनकी इस इच्छा की पूर्ति के लिए लोगों ने सहयोग देने संबंधी पत्र भी उन्हें प्रेषित किए हैं। कुलकर्णी ने इस अभियान से जुड़ने के इच्छुक लोगों से मोबाइल क्रमांक -9422776759 से संपर्क करने का आह्वान किया है।

कुलकर्णी अपने इस अभियान के बारे में बताते हैं कि वे जो कार्य कर रहे हैं, वह कार्य बहुत बड़ा है। उनका कहना है कि भले ही आज फेसबुक का जमाना आ गया हो, पर विद्यार्थियों को अपनी परीक्षा तो उत्तर पुस्तिका में लिखकर ही देनी होती है, इसलिए सुंदर अक्षर तथा साफ-सुथरी उत्तर पुस्तिका में लिखे उत्तरों को जांचने में परीक्षक को परेशानी नहीं होती। सुंदर अक्षर में लिखे प्रश्नों का मूल्यांकन करते समय परीक्षक को आनंद की अनूभूति होती है, ऐसे में इस अभियान में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा में अच्छे अंक भी प्राप्त हो रहे हैं। किशोर कुलकर्णी ने बाल कवि ठोंबरे के धरण गांव के सभी माध्यमिक विद्यालयों में सुंदर हस्ताक्षर अभियान का कुशलतापूर्वक संचालन किया। इस अभियान में अनेक विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अभियान के बाद ऐसे विद्यार्थियों के अक्षर आकर्षक हो गए, जिनको गंदे लेखन के कारण परीक्षा में बहुत कम अंक प्राप्त होते थे। कुलकर्णी की डेढ़ घंटे की कार्यशाला में विद्यार्थियों को अच्छे लेखन के साथ-साथ सदाचरण की बातें भी सिखाई जाती हैं। अच्छे लेखन की इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को मनोरंजन के माध्यम से सहजता से शिक्षा प्रदान की जाती है, इस कारण अभियान में विद्यार्थियों के शामिल होने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कुलकर्णी ने अपने इस अभियान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सुंदर हस्ताक्षर अभियान के बारे में जानकारी देने के लिए एक पुस्तक भी प्रकाशित की गई है। सीखिए सुंदर हस्ताक्षर (घड़वा सुंदर हस्ताक्षर) नामक पुस्तक की पांच हजार प्रतियां विद्यार्थियों के बीच न लाभ न नुकसान के आधार पर वितरित करने वाले किशोर कुलकर्णी का कहना है कि कल का नागरिक आज का विद्यार्थी है, इसलिए घर विद्यार्थी का हस्ताक्षर सुंदर होना ही चाहिए। अपने इस अभियान को देश के हर कोने में फैलाने के लिए सुंदर हस्ताक्षर कैसे किया जाए इसके बारे में किशोर कुलकर्णी अर्हनिश प्रयत्न कर रहे हैं। कुलकर्णी का कहना है कि सुंदर हस्ताक्षर अभियान से जुड़ने के लिए बहुत ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं है। न सिर्फ विद्यार्थी, अपितु ज्यादा आयु के लोग भी इस अभियान में सहभागी हो सकते हैं। जो लोग यह कहते हैं कि इस अभियान के लिए वे अतिरिक्त बजट नहीं जुटा सकते, ऐसे लोगों से कुलकर्णी यही कहते हैं कि वे अपने किसी व्यसन का पैसा सुंदर हस्ताक्षर अभियान में खर्च कर रहे हैं।
कार्यशाला के दौरान धरणगांव के नागरिकों ने महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अरुण गुजराती का सत्कार किया। गुजराती ने इस दौरान अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे अभियान से जीवन में सुंदरता का क्या महत्त्व है, इसका पता चलता है।

 

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