अमेरिकी ड्रोन से हो रही हिंद महासागर की निगरानी

चीन और पाकिस्तान के मंसूबों से वाकिब भारतीय सेना लगातार अपनी शक्ति को मजबूत करने मे लगी हुई है। चीन और पाकिस्तान इस कदर बौखलाए हुए है कि वह किसी भी तरह से भारत को दबाने की कोशिश कर सकते है ऐसे में हर समय देश के जवानों और सरकारों को चौकंन्ना रहना होगा। देश की सीमा को सुरक्षित रखने के लिए भारतीय सेना को अलग अलग हथियारों से सुसज्जित किया जा रहा है और नई नई तकनीक को लेकर थल, वायु और नेवी के जवानों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है जिससे सीमा की सुरक्षा हर हाल में संभव हो सके।

सीमा पर चीन और पाकिस्तान को कड़ी टक्कर देने के बाद अब भारत सरकार ने अमेरिका से दो ऐसे ड्रोन लीज पर लिया है जो भारत की समुद्री सीमा की निगरानी करेंगे। अमेरिकी ड्रोन MQ-9B अनडैम्ड एरियल व्हीकल्स भारत की समुद्री सीमा की निगरानी करेंगे और किसी भी खतरे को भापने के बाद उसकी जानकारी संबंधित विभाग को भेज देंगे। अमेरिकी ड्रोन MQ-9B की ख़ासियत की बात करें तो इसमें लगातार 30 घंटे तक उड़ान भरने की क्षमता है और इसे 40000 फीट की ऊंचाई से भी आपरेट किया जा सकता है। ड्रोन में लगे सीसीटीवी की मदद से आप 5000 नॉटिकल माइल्स (9260किमी) तक देख सकते है।

दोनों ड्रोन की मदद से सेना, इटेलीजेंस और तमाम एजेंसियों को दुश्मनों की सटीक जानकारी मिल सकती है जिससे देश पर आने वाले किसी भी खतरे को पहले भांप लिया जा सकता है। नवंबर के शुरुआत दिनों में ही इन ड्रोन को भारत लाया गया था और अब इन्हे काम पर भी लगा दिया गया है। तमिलनाडु के राजाली नेवल एयर स्टेशन पर इन्हे तैनात किया गया है जहां से यह काम कर रहे है। इसी एयर स्टेशन पर इंडियन नेवी के P-8I लांग रेंज मैरिटाइम टोही विमान को भी रखा गया है। मोदी सरकार की तरफ से जारी रक्षा प्रणाली के बाद यह पहली बार है जब किसी देश के लीज पर विमान लिया गया है।

अमेरिकी ड्रोन से हिंद महासागर के कुछ इलाकों पर नजर रखी जा रही है। इन विमानों की खासियत यह है कि यह अपने दुश्मनों पर हमला भी कर सकते है। यह ड्रोन आधुनिक हथियारों से लैस है। रक्षा मंत्रालय ड्रोन रक्षा बजट को कम करने के लिए ड्रोन को लीज पर लिया है अभी ऐसे और 30 ड्रोन लीज पर लाने की योजना चल रही है जिससे समुद्री सीमा को पूरी तरह से सुरक्षित किया जा सकता है। इसके साथ ही सरकार की तरफ इसे भारत में बनाने की भी योजना पर काम चल रहा है जिसमें अमेरिका की मदद लेनी होगी।

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