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प्रवासी राजस्थानी समाज का हृदय स्थल- राज के. पुरोहित

प्रवासी राजस्थानी समाज का हृदय स्थल- राज के. पुरोहित

by विशेष प्रतिनिधि
in मई २०१३, सामाजिक
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मुंबई का प्रवासी राजस्थानी समाज अपने कर्म योग से मुंबई के सेवा-उद्योग क्षेत्र पर हमेशा प्रकाशमान रहा है । प्रवासी राजस्थानी समाज ने मुंबई महानगर को आर्थिक राजधानी बनाने में अपना जो सहयोग दिया है, उसे पुरे राष्ट्र ने स्वीकार किया है । बिड़ला से लेकर बिनानी तक राजस्थान समाज ने मुंबई के लोकपटल पर जो स्थान अंकित किया है , वह आज भी बेजोड़ है । प्रवासी राजस्थानी समाज ने मुंबई महानगर को अपनी सेवाएं तो सतत प्रदान की ही हैं, ऐसे प्रवासी राजस्थानी समाज का पुख्ता रूप से राजनैतिक प्रतिनिधित्व सफलता पूर्वक कर रहे है…राज के. पुरोहित।

राजस्थानी समाज भी राज के. पुरोहित के नेतृत्व में हर द़ृष्टिकोण से, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। राज पुरोहित का सामाजिक सरोकार पूरे राष्ट्र पटल पर स्वर्ण अंकित है। राजनैतिक क्षेत्र में सदैव समर्पित राज पुरोहित ने जन प्रतिनिधि के रूप में राजस्थानी प्रवासी समाज को भी राहत दिलायी है। 30 साल के अपने लम्बे राजनैतिक-सामाजिक जीवन के सफलता पूप्रवास में राजस्थानी प्रवासी समाज के हित के लिए किये कार्यो का लेखा‡जोखा।

राजनीति में ऐसे भी कुछ राजनेता हैं जो अपनी राजनीतिक एवं सामाजिक छवि के कारण अपने समाज के साथ राज्य में लोकप्रिय हैं। उनके कामों को सराहा जाता है। लोग उन्हें मन से चाहते हैं। ऐसे कुछ लोगों मे एक नाम है राज के. पुरोहित।

राज पुरोहित ने मुंबादेवी से अपनी राजनैतिक कैरिअर की शुरुआत करने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। नगरसेवक, तीन बार विधायक महाराष्ट्र राज्य के गृह निर्माण राज्य मन्त्री, मुंबई शहर भाजपा के अध्यक्ष ऐसे चढ़ती कमान वाले उत्तरदायित्व उन्होंने निभाये हैं। अपने कार्य क्षेत्र की समस्याओं के अतिरिक्त मारवाड़ी समाज के हितों के लिए वह सदैव अग्रणी रहे हैं। भाड़ुत नेता के रू प में वह बहुत परिचित हैं। महाराष्ट्र रेंट एक्ट को जिस चतुरायी से दिल्ली की राजनैतिक गलियों में पारित करवाया, उससे राजपुरोहित को भाडुत वर्ग में काफी प्रसिद्धि मिली। मुंबई भाजपा के अध्यक्ष के नाते नेतृत्व करते हुए पुरे भाजपा संगठन में राज पुरोहित का विशेष सहयोग लिया गया है। मुंबई महानगर पालिका चुनाव में भाजपा को अगली पारी से ज्यादा सीटें दिलाने में उनकी लगन साथ रही है। एक सुलझी हुई राजनैतिक पृष्ठभूमि के साथ राज पुरोहित एक समाज सेवी के रू प में ज्यादा लोकप्रिय हुए हैं। प्रवासी राजस्थानी समाज का कोई भी कार्यक्रम उनके नेतृत्व में ही संपन्न होता है। मुंबई में कोई भी धर्मिक कार्यक्रम हो, चंडी महायज्ञ हो, भागवत कथा हो, वहां राज पुरोहित अपनी धार्मिक रुचि प्रकट करते हैं। राजस्थान मे भी गौशालाओं के विकास हेतु, शिवालय की स्थापना में उनकी तत्काल सहभागिता है। राज पुरोहित लोकप्रिय नेता के साथ-साथ अखिल भारतीय मारवाड़ी संगठन के प्रमुख पदाधिकारी भी हैं। साथ ही साथ राजस्थान असोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (राना), जो प्रवासी राजस्थानियों का अमेरिकी संगठन है, वे इस असोसिएशन के भारत के मीडिया प्रभारी हैं।

प्रवासी राजस्थानी समाज ने राज पुरोहित की असीमित सेवाओं के कारण ही उन्हें कई मंचों से सन्मानित किया है। राज प्ाुरोहित का मानना है कि राजनीति मे कई आरोप लगते हैं पर मेरी बेदाग छवि के कारण आज मुझे मेरे राजस्थानी समाज के साथ महाराष्ट्र के सभी वर्गो ने स्वीकार किया है। हमे समाज द्वारा सब कुछ मिल रहा है और सब कुछ समाज को न्योछावर भी है। राज पुरोहित का मानना है कि मुंबई का राजस्थानी समाज छिन्न-भिन्न है। यह शक्ति यदि एक छत के नीचे आ जाये तो बड़े बड़े सामाजिक कार्य कि ये जा सकते हैं। पर आज मुंबई और अन्य महत्वपुर्ण जगहों पर राजस्थानी समाज बिखरा पड़ा है। इस बिखरे हुए राजस्थानी समाज का पुरा-पुरा नाजायज फायदा राजनैतिक संस्थाएं उठा लेती हैं और अपना उल्लू सीधा कर लेती हैं। पुरे देश में राजस्थानी समाज के हितों के लिए सारा समाज खड़ा हो जाये, यह समय की मांग है। हमे इसके लिए गम्भीर रू प से प्रयास करने होंगे व एक ऐसा संगठन तैयार करना होगा जो सभी धर्म व जाति के भेदभाव के बिना एक छत के नीचे मजबूत शक्ति के रूप मे आ खड़ा हो। आज प्रवासी राजस्थानी समाज सेवा के बड़े से बड़े मुकाम पर खड़ा है। हर सामाजिक भागीदारी आज राजस्थानी समाज के खाते में है। उद्योग क्षेत्र में भी लगभग सभी क्षेत्र में राजस्थानी समाज अग्रसर है। पर इतनी बड़ी शक्ति होते हुए भी राज्य और प्रशासन में राजस्थानियों की पुछ नहीं है। उनकी समस्याओं को ध्यान में नहीं लिया जा रहा है। इसका कारण है हमने अपने-अपने व्यक्तिगत प्रभाव को केन्द्र में रख लिया है, लेकिन समाज को खण्ड-खण्ड में बांट दिया है। हमारे समाज को संगठित करके मजबूत करना है।

मुंबई के प्रवासी राजस्थानी समाज, जैन समाज, अग्रवाल समाज माहेश्वरी समाज, व्यापारिक समाज हो या संस्थाएं इन सभी से राज पुरोहित का सीधा जुड़ाव है। राजस्थानी युवकों और महिला संगठन की अपनी अलग इकाई राजपुरोहित ने स्थापित की है। समाज सेवा और आपात काल के समय में राज पुरोहित के निर्देश को अंजाम देने में यह संगठन जुट जाते हैं।

अपने राजनैतिक प्रवास में राज पुरोहित ने समाजिक जीवन से अपने आपको मजबूती के साथ जोड़ लिया है और अपनी प्रतिबद्धताएं भी स्थापित की हैं। व्यापारियों की समस्याओं के लिए जब भी जरूरत पड़ी राज पुरोहित सड़क पर उतरे और संघर्ष का साथी बने है। राजस्थान सरकार की तत्कालीन मुख्यमन्त्री वसुंधरा राजे को मुंबई आमन्त्रित कर मुंबई में राजस्थान भवन की नींव रखी, अखिल भारतीय राजस्थानी फेडरेशन के माध्यम से राजपुरोहित ने पुरे महाराष्ट्र के राजस्थानियों का सम्मेलन आयोजित किया, जिसमे लाखों की संख्या में महाराष्ट्र के प्रवासी राजस्थानी समाज बन्धुओं ने हिस्सा लिया। महाराणा प्रताप स्मारक समिति राज पुरोहित के योगदान को भूल नहीं सकती। कालबादेवी के प्रवासी स्थल पर महाराणा प्रताप स्मारक समिति का भवन खड़ा करने में राज पुरोहित को ही श्रेय जाता है। मुंबई के कपड़ा बाजार से लेकर छतरी बाजार, डायमंड बाजार, स्टील बाजार, जैसे अन्य सभी के लिए वह सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सिपाही की तरह खड़े दिखयी देते हैं । इसी कारण राज प्ाुरोहित राजस्थानी समाज का हृदयस्थल बने हैं।

वह सदैव राजस्थानी समाज की समस्याओं को को हल करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। केवल मुंबई के राजस्थान प्रवासी समाज के ही नहीं बल्कि राष्ट्र के प्रवासियों का वह प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। असम के राजस्थानियों की समस्या हो, या फिर नेपाल के मारवाड़ियों का प्रश्न हो, या कोलकाता के राजस्थानी समाज की समस्याओं का प्रश्न हो, राज पुरोहित सक्रियता के साथ इन समस्याओं के समाधान में जुटते हैं। उनका पुरा समय सामाजिक सरोकारों के साथ जुड़ा हुआ है। हर क्षेत्र प्रवासी राजस्थानी समाज की भलाई के लिए समर्पित है। ऐसा समर्पित निष्ठावान सिपाही पाकर प्रवासी राजस्थानी समाज भी अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

चौकट : राजस्थान का एक छोटा सा गांव फुगनी, 31 अगस्त 1955 को सिरोही जिले के इस छोटे से गांव में राज के. पुरोहित का जन्म हुआ। एक कृषक परिवार मे जन्मे श्री. पुरोहित के गांववासियों, लड़कपन के मित्रों ने कभी सपने में भी नही सोचा होगा कि श्री. खंगारजी पुरोहित के पुत्र ने अपनी धरती से हजारों कोस दूर एक मुंबई जैसे बड़े शहर में अपनी सफलता के झंडे गाड़ दिये हैं। यशस्वी राजनीतिज्ञ, समाजसेवी राज के. पुरोहित पुरे मुंबई के साथ देश भर के राजस्थानी समाज की आंख का तारा बन चुके हैं।

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