बालों की समस्याएं दूर करने के लिए करें शीर्षासन

शीर्षासन करने का सही तरीका, सावधानियां और लाभ
योग की शुरुआत भारत से हुई है लेकिन आज यह पूरी दुनिया में फेमस हो चुका है। दवाओं के साथ साथ अब हर कोई योग के द्वारा फिट रहने की कोशिश कर रहा है क्योंकि यह सभी को पता है कि योग से हमेशा स्वस्थ्य और निरोग रहा जा सकता है। शीर्षासन शब्द का अर्थ होता है सिर वाला आसन। वैसे शुरुआत में इसे करना थोड़ा कठिन होता है लेकिन बाद में यह आसान होता है। शीर्षासन करने के बहुत लाभ है इसलिए इसे जीवन का हिस्सा जरुर बनाएं। शीर्षासन योग बहुत लाभदायक है इसके नित्य प्रयोग से आप ना सिर्फ निरोग रह सकते है बल्कि आप की खूबसूरती भी निखरने लगेगी। 
 
शीर्षासन कैसे करें- 
शीर्षासन करने से पहले मैट या फिर नरम तौलिया बिछा लें। इसके बाद वज्रासन में बैठ जाएं। सिर को ज़मीन पर टिका दें और दोनों हाथों को जमीन पर टिका कर शरीर को बैलेंस करने की कोशिश करें। इस दौरान दोनों हाथ की उंगलियों को आपस में कसकर जोड़ कर रखें और सिर को उनके बीच में रख कर पैर को धीरे धीरे आगे लाए और उपर उठाने की कोशिश करें। शुरुआत में थोड़ी कठिनाई होगी पैरों को उपर उठाने के लिए इसलिए आप किसी दीवार या किसी सहयोगी की मदद ले सकते है। आप पैर को एक-एक कर उपर उठाए और उसे सीधा करने की कोशिश करें। शीर्षासन के दौरान जमीन और पीठ 90 डिग्री के एंगल में होना चाहिए। जब पैर और पीठ एक दम सीधे हो जाए तो शरीर का वजह धीरे धीरे हाथ से सिर पर ला दें। शुरुआत में इसे 30 सेकंड करने का प्रयत्न  करें और बाद में अभ्यास के आधार पर इसे बढ़ाते चले जाएं। 
 
शुरुआत में इसे सिर्फ एक मिनट करना चाहिए और नित्य प्रयास के बाद इसे आप 5 मिनट तक कर सकते है या अपनी इच्छानुसार और भी बढ़ा सकते है। नित्य अभ्यास के साथ ही इसका समय बढ़ाये। कभी भी योग में अचानक से कोई परिवर्तन ना करें क्योंकि इससे आप के शरीर पर गलत प्रभाव भी पड़ सकता है। 
शीर्षासन के लाभ- 
  • इस योग के दौरान सिर में रक्त संचार तेजी से होता है जिससे अगर कहीं रक्त नहीं पहुँचता है तो वहां भी रक्त का संचार तेजी से होता है जिससे मस्तिष्क से संबंधित सभी अंग स्वस्थ्य रहते है। इस योग के नित्य प्रयोग से सिर, आंख और कान में किसी भी तरह के रोग नहीं होते है
  • इस योग के नित्य प्रयोग से ध्यान केंद्रित करने में लाभ होता है और ऑक्सीजन के नित्य प्रवाह से चेहरे की सुंदरता बढ़ती है।  
  • शिर्षासन करने से शरीर संतुलित होता है और अनिंद्रा या फिर नींद से संबंधित तमाम परेशानियां खत्म हो जाती है। 
  • सिर में रक्त संचार बराबर मात्रा में नहीं होने की वजह से बाल गिरने की समस्या होने लगती है। अगर शिर्षासन किया जाए तो इसमें काफी हद तक फायदा मिलता है क्योंकि इस योग के द्वारा सिर में रक्त संचार शुरु हो जाता है। 
  • शीर्षासन को हर दिन करने से कमर दर्द जैसी समस्या भी जल्द खत्म हो जाती है। 
  • इस योग से पाचन क्रिया भी तंदुरुस्त होती है और पेट से संबंधित रोग भी खत्म हो जाते है। 

 

शीर्षासन के दौरान जरूरी सावधानी- 
  1. अगर आप को पीठ या गर्दन में चोट, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, माहवारी या लो बीपी की शिकायत है तो आप यह आसन ना करें इससे आप के शरीर को नुकसान हो सकता है। 
  2. गर्भावस्था के दौरान आप इसे तभी करें जब आप इसे पहले से करती रही है अन्यथा इस दौरान शिर्षासन की शुरुआत ना करें
  3. शीर्षासन के शुरुआती दौर में किसी अनुभवी के साथ ही इस आसन को करें अन्यथा गर्दन में तकलीफ़ हो सकती है।   

This Post Has 3 Comments

  1. हिम्मतलाल जोशी

    5 साल का बालक और 65 साल का बुज़ुर्ग यह आसन न करे । भले ही वे निरोगी हों । यदि असहमत हों तो कृपया अवश्य बताएं ।

  2. Anonymous

    very informative

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